टाइप 2 डायबिटीज से जूझ रहे हैं तो आपके काम आ सकती है कीटो डाइट, एक्सपर्ट से जानिए कैसे

कीटो डाइट (Keto diet for type 2 diabetes) अपनाने का तरीका बिलकुल अलग है। यह एक फैट और प्रोटीन से भरपूर और बहुत ही कम कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट है। वजन घटाने के लिए अक्सर डाइटीशियन और कई बार डॉक्टर्स भी इसकी सलाह देते हैं। लेकिन इसके और भी फायदे हैं, खासकर ब्लड शुगर कंट्रोल करने के मामले में।
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डाइट का कोई भी तरीका सोशल मीडिया पर देखकर अपनाना ठीक नहीं है। चित्र - अडोबीस्टॉक
Published On: 27 Jan 2025, 06:18 pm IST

अंदर क्या है

  • कैसे बढ़ता है ब्लड शुगर
  • कीटो डाइट और ब्लड शुगर का कनेक्शन
  • कीटो डाइट कर सकती है वजन घटाने में मदद
  • डायबिटीज में कीटो डाइट के फायदे 

जब भी डाइट और वजन घटाने की बात आती है, तो एक नाम बार-बार सामने आता है – कीटो डाइट। अगर आपने कभी इसके बारे में सुना है तो आपको यह जरूर पता होगा कि कीटो डाइट अपनाने का तरीका बिलकुल अलग है। यह एक फैट और प्रोटीन से भरपूर और बहुत ही कम कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट है। वजन घटाने के लिए अक्सर डाइटीशियन और कई बार डॉक्टर्स भी इसकी सलाह देते हैं। लेकिन इसके और भी फायदे हैं, खासकर ब्लड शुगर कंट्रोल (Keto diet for type 2 diabetes) करने के मामले में। कैसे, आज हम यही समझने वाले हैं एक्सपर्ट की मदद से

कैसे बढ़ता है ब्लड शुगर (Keto diet for type 2 diabetes)

पहले ये समझते हैं कि ब्लड शुगर और इंसुलिन एक दूसरे से कैसे जुड़े हुए हैं। हमने एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉक्टर मोहम्मद शाहनवाज से यही समझने की कोशिश की। उनके अनुसार, ब्लड शुगर, या ग्लूकोज, हमारे शरीर में एनर्जी का सोर्स है।

हम खाने में कार्बोहाइड्रेट खाते हैं, तो शरीर उसे ग्लूकोज में बदलता है। इसके बाद हमारे शरीर का इंसुलिन नाम का हार्मोन ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। इंसुलिन यह सुनिश्चित करता है कि शुगर हमारे सेल्स में सही जगह पर जाए ताकि हम उसे एनर्जी के रूप में इस्तेमाल कर सकें।

लेकिन अगर कोई व्यक्ति ज्यादा कार्बोहाइड्रेट खाता है तो लगातार ग्लूकोज का स्तर बढ़ता है और शरीर को बार-बार इंसुलिन का उत्पादन करना पड़ता है। लगातार इंसुलिन का स्तर बढ़ने से शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) पैदा हो सकता है और यही टाइप 2 डायबिटीज़ जैसी बीमारियों का कारण बनता है जिसमें ब्लड शुगर बढ़ता चला जाता है।

कीटो डाइट और ब्लड शुगर का कनेक्शन (Keto diet for type 2 diabetes)

दरअसल, कीटो डाइट (Keto diet for type 2 diabetes) में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत कम होती है। अब जब हम कीटो डाइट की ओर रुख करते हैं, तो हम बहुत ही कम कार्बोहाइड्रेट खाते हैं और शरीर को ग्लूकोज के बजाय फैट से एनर्जी मिलती है। इस प्रक्रिया को हम कहते हैं कीटोसिस (Keto diet for type 2 diabetes) ।

Keto diet for type 2 diabetes
कीटो डाइट इंसुलिन रेजिसटेन्स की समस्या खत्म करने में काम की चीज है। चित्र: शटरस्टॉक

जब शरीर में कार्बोहाइड्रेट का इंटेक कम होता है, तो ग्लूकोज का स्तर कम हो जाता है। इसके साथ ही, इंसुलिन का उत्पादन भी घटने लगता है। अब, इंसुलिन कम होने से खून में शुगर का स्तर कंट्रोल में रहता है, और शरीर फैट को एनर्जी के रूप में इस्तेमाल करने लगता है।

यह डायबिटीज़ के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इससे इंसुलिन रेजिसटेन्स को कम करने में मदद मिलती है और ब्लड शुगर का स्तर कंट्रोल में रहता है।

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कीटो डाइट कर सकती है वजन घटाने में मदद (Keto diet helps in weight loss)

कीटो डाइट (Keto diet for type 2 diabetes) का एक और फायदा है, यह वजन घटाने में मदद करती है। जब शरीर में अधिक फैट जमा होता है, तो मोटापा और अधिक वजन के कारण, शरीर को इंसुलिन का ज्यादा उत्पादन करना पड़ता है। लेकिन जब आप कीटो डाइट अपनाते हो, तो आप अधिक फैट खाते हो और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम कर देते हो।

Keto diet for type 2 diabetes
कीटो डाइट में आमतौर पर प्रति दिन 20 से 50 ग्राम कार्ब्स शामिल होते हैं। चित्र-शटरस्टॉक

इससे शरीर फैट को एनर्जी के रूप में जलाने लगता है और वजन घटता है।यह वजन घटने से शरीर के इंसुलिन के स्तर पर भी असर पड़ता है। जब शरीर का वजन घटता है, तो इंसुलिन की जरूरत कम होती है, और इससे ब्लड शुगर का स्तर कंट्रोल में रहता है।

कीटो डाइट के फायदे ( benefits of keto diet)

1. ब्लड शुगर (Keto diet for type 2 diabetes)

अभी हमने ऊपर ही समझा कि कीटो डाइट ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती है, खासकर उन लोगों के लिए जिनका इंसुलिन रेजिसटेन्स है या टाइप 2 डायबिटीज़ है।

2. इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार

डाइट के इस प्रकार से इंसुलिन सेंसिटिविटी बेहतर हो सकती है, जिससे शरीर को इंसुलिन के कम उत्पादन के बावजूद ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

3. वजन घटाने में

कीटो डाइट वजन घटाने में सहायक हो सकती है। इंसुलिन रेजिसटेन्स के कारण अक्सर मोटापा बढ़ता है और मोटापे के कारण ही कई बार ब्लड शुगर में भी उछाल आता है। इसके जरिए जब आपके शरीर में कार्बोहाइड्रेट का इंटेक घटता है तो यह आपके वजन को कंट्रोल रखने में भी भूमिका निभाता है।

4. ब्लड शुगर के उतार-चढ़ाव में कमी

कम कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट के कारण, ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव कम होते हैं और शरीर में शुगर का स्तर स्थिर रहता है।

कैसे अपनाएं कीटो डाइट ( How to adopt Keto diet)

आप अगर कीटो डाइट (Keto diet for type 2 diabetes) अपनाना चाहते हैं, तो इसे थोड़ा समझकर और सही तरीके से शुरू करना ज़रूरी है। सबसे पहले ध्यान रखना होगा कि कीटो डाइट में कार्बोहाइड्रेट्स बहुत कम होते हैं। मतलब, आपको रोटी, चावल, आलू, पास्ता, मिठाई और फल जैसी चीज़ें कम करनी होंगी। ये सब कार्ब्स में हाई होती हैं।

Keto diet for type 2 diabetes
बिना सोच समझे कीटो डाइट शुरू करना आपके लिए जोखिम कारक हो सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

अब, जब कार्ब्स कम हो जाते हैं, तो शरीर को फैट और प्रोटीन से एनर्जी मिलनी शुरू होती है। तो, डाइट में ज्यादा घी, बटर, एवोकाडो, नट्स, मछली, चिकन, और अंडे शामिल करने होंगे। ये सब शरीर को अच्छे फैट्स देते हैं और कीटोसिस नाम की एक अवस्था में लाते हैं, जहां शरीर फैट को जलाकर एनर्जी बनाता है।
इसके साथ-साथ, पानी पीना भी बहुत ज़रूरी है! क्योंकि जब आप कम कार्ब्स खाते हो, तो शरीर ज्यादा पानी छोड़ता है और आपको सोडियम, पोटैशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स का भी ध्यान रखना होगा।

कुछ सावधानियां ( (Keto diet for type 2 diabetes)

डॉक्टर मोहम्मद शाहनवाज कहते हैं कि कीटो डाइट ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में प्रभावी हो सकती है, लेकिन यह हर किसी के लिए नहीं होती। कुछ लोग इसे अपनाने से अच्छा महसूस करते हैं, लेकिन कुछ लोगों को इसके साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। खासकर, यदि किसी व्यक्ति को किडनी या लिवर की समस्याएं हैं, या फिर हार्ट से जुड़ी समस्याएं हैं, तो उन्हें कीटो डाइट से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

Keto diet for type 2 diabetes
हार्ट पेशेंट की समस्या को और बढ़ा सकता है कीटो डाइट। चित्र: शटरस्टॉक

इसके अलावा, कीटो डाइट (Keto diet for type 2 diabetes) के दौरान शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स (पोटैशियम, मैग्नीशियम, सोडियम) का संतुलन बिगड़ सकता है, इसलिए इनका ध्यान रखना जरूरी है। पर्याप्त पानी पीना बहुत जरूरी है अगर आप कीटो डाइट पर हैं।

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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