देर तक एक ही पोश्चर में बैठने या फिर कोई भारी सामान उठाने से शरीर में दर्द, ऐंठन और थकान महसूस होने लगती है। पीठ से लेकर कमर और टांगों व कंधों पर होने वाले दर्द के कारण कार्यक्षमता प्रभावित होती है। हांलाकि कई चोटिल हो जाने से भी दर्द की समस्या बढ़ने लगती है। ऐसे में स्ट्रेंचिंग एक्सरसाइज़ समेत कई आसान उपायों की मदद से शरीर को कई फायदे मिलते हैं। अगर आप भी मांसपेशियों में बढ़ने वाले खिंचाव से परेशान हैं, तो कुछ आसान टिप्स इसमें आपकी मदद कर सकते हैं (kamar dard relief tips)।
इस बारे में फिटनेस एक्सपर्ट पूजा मलिक बताती हैं कि व्यायाम की कमी और सिडेंटरी लाइफस्टाइल के कारण मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन बढ़ने लगती है (kamar dard relief tips)। ऐसे में कोर मांसपेशियां की कमजोरी और महसूस होने वाला दबाव कमर दर्द का कारण साबित होता है। ऐसे में खानपान में बदलाव से लेकर लॉन्ग सिटिंग को अवॉइड करें। स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ इस समस्या को हल करने में मददगार साबित होते हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार मांसपेशियों में बढ़ने वाला खिंचाव और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं कमर दर्द का कारण साबित होती है। इसके अलावा साइटिका और रीढ़ की हड्डी में चोट इस समस्या को गंभीर बना सकती है।
एक ही जगह पर घंटों बैठकर काम करना सेहत के लिए नुकसानदायक साबित होता है, जो मांसपेशियों में खिंचाव का कारण साबित होता है। इससे पीठ में स्टिफनेस का जोखिम बढ़ जाता है, जिससे कंधों में भी जकड़न और दर्द का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए काम के बीच में ब्रेक लें और शरीर को स्ट्रेच करें।
समय के साथ मैट्रेस खराब होने लगते है, जिससे वो अधिक सख्त या अधिक नरम दिखने लगते हैं। एक बेहतरीन गद्दा जहां रीढ़ की हड्डी में आने वाली समस्याओं से राहत दिलाता है, तो वहीं इससे नींद की गुणवत्ता में भी सुधार आने लगता है। ऐसे में समय के साथ गद्दे को बदल डाले।।
तनाव लेने से बचें और स्लीप पैटर्न को फॉलो करें। इसके लिए सोने और उठने का समय तय कर लें। साथ ही नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए स्लीप हाइजीन का ख्याल रखें। नींद की कमी से रातभर करवट लेने से कमर में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में भरपूर नींद लें और दर्द को कम करें।
एक स्वस्थ शरीर का वजन पीठ दर्द को दूर रखने में मदद करता है। कई बार शरीर का बढ़ता वजन कमर में दर्द का कारण साबित होता है। ज़्यादा वजन होने से आपकी रीढ़ की हड्डी और मांसपेशियों पर दबाव पड़ सकता है। ऐसे में वजन कम करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें।
देर तक एक ही जगह पर बैठने से उसका प्रभाव पोश्चर पर भी दिखने लगता है। कुछ लोगों में कंधे आगे की ओर झुकने लगते हैं, तो कुछ में पीठ, रीढ़ और हिप्स पर दबाव बढ़ने लगता है। ऐसे में मांसपेशियों का असंतुलन पीठ दर्द का कारण बनने लगता है।
लंबे समय तक ऊँची एड़ी के जूते पहनने से महिलाओं में पीठ और पैर में दर्द हो सकता है। दरअसल, वे आपके पैरों और रीढ़ पर दबाव डालते हैं, जिससे शरीर में थकान और दर्द की समस्या बढ़ने लगती है।
गर्म पानी की सिकाई से शरीर में बढ़ने वाली सूजन को कम किया जा सकता है और दर्द से भी राहत मिलती है। रात को सोने से पहले हॉट वॉटर बॉटल की मदद से कंप्रैस मसल्स को हेल्दी बनाए रखने में मदद मिलती है। इससे शरीर को आराम मिलता है और ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है।
अदरक में जिंजरोल्स कंपाउड पाया जाता हैं। इससे शरीर को एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट की प्राप्ति होती हैं। इसे चाय में उबालकर पीने से शरीर में बढ़ने वाली दर्द और ऐंठन दूर होती है। इसके अलावा अदरक के रस को शहद के साथ मिलाकर खाने से भी शरीर को फायदा मिलता है।
एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर हल्दी का सेवन करने से शरीर को कर्कुमिन की प्राप्ति होती है। इसके अलावा शरीर में आयरन, फाइबर, विटामिन और पोटैशियम की भी कमी पूरी होती है। इससे कमर में उठने वाले दर्द को कम किया जा सकता है। इसके लिए दूध को गर्म करके उसे चुटकी भर हल्दी को मिलाएं। रात को सोने से पहले इसका सेवन कर लें।
पोटैशियम और मैग्नीशियम से भरपूर नारियल के तेल को हल्का गुनगुना करके कमर पर मसाज करने से शरीर को फायदा मिलता है। इसमें मौजूद लॉरिक एसिड जहां स्किन को फायदा पहुंचाता है, तो वहीं दर्द की समस्रू को भी हल करता है। रात को सोने से पहले नारियल के तेल की मसाज करने से शरीर हेल्दी और एक्टिव रहता है।
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