बच्चों को सर्दी–जुकाम होने पर ज्यादातर माएं वेपो रब या मलहम लगा देती हैं। यह किसी भी सिरप या गोली से उन्हें ज्यादा सेफ लगता है। अमूमन सोते समय बच्चों की छाती, गले और नाक के आसपास विक्स जैसे वेपोरब लगा दिए जाते हैं। मगर डॉक्टर किसी भी तरह के बाम या वेपो रब के इस्तेमाल को मना करते हैं। जबकि कुछ लोग इसे नाक, गले या छाती पर लगाने की बजाए बच्चों के पांव के तलवों पर लगाते हैं। जिससे सर्दी–जुकाम भी दूर हो जाए, और उन्हें किसी तरह की स्किन इरिटेशन भी न हो (vaporub for kids)। इस मौसम में जब बहुत सारे बच्चे सर्दी–जुकाम से ग्रस्त हो रहे हैं, तब क्या वेपो रब का इस्तेमाल करना सेफ है (vaporub for kids)? आइए एक बाल रोग विशेषज्ञ से जानते हैं बच्चों पर विक्स जैसे वेपो रब्स के इस्तेमाल के बारे में सब कुछ।
बाजार में अलग-अलग ब्रांड के कई प्रकार के वेपो रब उपलब्ध हैं (vepo rub for kids)। वहीं बदलते मौसमी संक्रमण की वजह से इनकी डिमांड काफी ज्यादा बढ़ जाती है। सर्दी, खांसी, बंद नाक, छाती में जमे कफ, आदि में लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। वहीं लोग छोटे बच्चों को भी वेपो रब लगते हैं। क्या आपने कभी सोचा है, यह आपके बच्चों के लिए सुरक्षित है या नहीं? यदि नहीं, तो छोटे बच्चों में इसका उपयोग करने से पहले कुछ सावधानियों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इन्हें नजरअंदाज करने के कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
डॉ. बिलाल खान, बाल रोग विशेषज्ञ, नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम ने बच्चों में वेपो रब के इस्तेमाल से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारी दी है। इसकी जानकारी होना आप सभी पेरेंट्स के लिए बेहद जरूरी है। तो चलिए जानते हैं, इस बारे में अधिक विस्तार से।
वेपर रब एक सामयिक मरहम है जिसमें मेन्थॉल, कपूर और नीलगिरी जैसे एसेंशियल ऑयल होते हैं। इसका उपयोग खांसी, बंद नाक, कफ और मामूली दर्द से राहत पाने के लिए किया जाता है।
वेपर रब में कैमफर, मेंथॉल, यूकेलिप्टस ऑयल की मात्रा होने के कारण ये बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते हैं (vaporub for kids)। छोटे बच्चों के श्वसन तंत्र पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है। यदि आप बच्चों के नाक या नाक और मुंह के आसपास इसे कहीं भी लगती हैं, तो यह उनके सांस के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंचता है, और उन्हें इरिटेट कर सकता है।
मलहम को खास तौर पर शिशु के चेहरे, आंख, नाक, और मुंह के पास न लगाएं, क्योंकि यह शरीर के बेहद संवेदनशील अंग होते हैं। ऐसे में अगर आप सीधे शिशु के चेहरे, आंखों, नाक, और मुंह के पास मलहम लगती हैं, तो उसके कुछ रिएक्शन भी हो सकते हैं। बच्चों की त्वचा पर रैशेज निकल सकते हैं, त्वचा में रेडनेस आ सकता है, वहीं उन्हें खुजली भी हो सकती है। ऐसे में सावधानी बरतें।
इसके अलावा अगर बच्चे को कहीं पर भी घाव है, या फिर किसी स्थान पर उन्हें कट लग गई है, तो वहां पर वेपर रब न लगाएं। यदि आप खुले घाव पर वेपर रब इस्तेमाल करती हैं, तो इससे घाव संक्रमित हो सकते हैं और उन्हें हिल होने में लंबा समय लग सकता है। इसलिए इन बातों का विशेष ध्यान रखें।
3 महीने से कम उम्र के बच्चों पर वेपर रब मलहम का इस्तेमाल असुरक्षित माना जाता है। पर कोशिश यही करनी चाहिए कि कम से कम 2 साल के बाद ही बच्चों को वेपर रब लगाया जाए। यह ध्यान रखें कि कभी-कभी मलहम खुला रह जाता है, या उनकी त्वचा पर अधिक लग जाता है, तो बच्चा अनजाने में उसे अपने मुंह पर लगा लेता है। या फिर वे उसे खा सकता है। इसकी वजह से बच्चों के संवेदनशील पेट में समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखें।
यदि आपके बच्चे को किसी प्रकार की स्किन एलर्जी है, या कोई भी स्किन कंडीशन है, तो उनपर वेपर रब का इस्तेमाल न करें। ऐसे में उन्हें मलहम से दूर रखें। यदि अपने अनजाने में बच्चे को वेपर रब लगा दिया है और उन्हें किसी प्रकार की परेशानी हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बेबी रब का इस्तेमाल कर सकती हैं, जिनमें कैमफर ऑयल नहीं होता। बेबी रब में पेट्रोलियम जेली सहित कुछ प्रकार के सुरक्षित फ्रेगरेंस ऐड किए जाते हैं, जिससे कि बच्चों को बंद नाक से राहत मिलती है। पर ध्यान रहे आप इसे उनके नाक के अंदर न डालें, गले और चेस्ट पर मसाज दें। बेबी रब के फ्रैगनेंस और इसके रब से उन्हें राहत मिलेगी।
ध्यान रखें :
कभी भी बच्चों में डॉक्टर के परामर्श से के बिना वेपर रब का उपयोग न करें, डॉक्टर की सलाह इसमें बेहद महत्वपूर्ण है। अगर डॉक्टर बेबी रब लगाने की परमिशन देते हैं, तब भी मलहम सीधे शिशु की त्वचा पर न लगाएं, बल्कि उसे पहले इनके हाथ के छोटे से हिस्से में लगाकर देखें, कहीं एलर्जी तो नहीं हो रहा, यदि सुरक्षित हो तब ही इसे अप्लाई करें।
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