क्या आयुर्वेदिक पद्धतियां हो सकती हैं एलोपेशिया के उपचार में मददगार? आइए पता करते हैं

सोशल टैबू इस हद तक हमें घेरे हुए हैं कि कोई भी शारीरिक स्वास्थ्य समस्या व्यक्ति को गंभीर मानसिक अवसाद में डाल देती है। जबकि आयुर्वेद इन्हें बेहतर तरीके से डील करने में मदद कर सकता है।
janiye kya hai alopecia
एलोपेशिया में हेयर लॉस को कंट्रोल करने की आयुर्वेदिक पद्धतियां। चित्र : शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 2 Apr 2022, 04:00 pm IST
  • 133

विल स्मिथ (Will smith) की पत्नी जेडा पिंकेट के गंजे सिर का मजाक बनाती क्रिस रॉक की टिप्पणी इस समय सुर्ख़ियों में हैं। क्या आप जानते हैं कि जेडा के बिना बालों वाले सिर का कारण दरअसल ऐलोपेशिया नाम की एक बीमारी है? हालांकि ऑस्कर के मंच पर यह एक दुखद घटना थी। जब एक स्त्री को उसकी स्वास्थ्य स्थिति के कारण मजाक का पात्र बनना पड़ा। इस दुर्भाग्यपूर्ण क्षण के साथ ही लोगों का ध्यान उस बीमारी की ओर गया जिससे जेडा पिंकेट प्रभावित हैं।

जहां बालों को सुंदरता का प्रतिमान समझा जाता है, वहां यह जरूरी है कि एलोपेशिया एरीटा पर लगातार बात की जाए। क्योंकि हेल्थशॉट्स हर तरह के सोशल टैबू और बॉडी शेमिंग का विरोध करता है। आइए जानते हैं इसे स्वास्थ्य स्थिति के बारे में सब कुछ।

क्या है ऐलोपेशिया

ऐलोपेशिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें रोगी के सिर के सारे बाल झड़ जाते हैं। आयुर्वेद कोच डिम्पल जांगड़ा ने इस बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से एक वीडियो बनाया है। जिसमें वे बता रहीं हैं कि ऐलोपेशिया के लिए कौन से कारण जिम्मेदार हैं और किस तरह आयुर्वेद की मदद से इस बीमारी के लिए जिम्मेदार कारणों पर काबू पाया जा सकता है?

पहले समझिए क्या हैं इसके कारण

उम्र का बढ़ना, वंशानुगत कारक, दवाएं, लम्बी बीमारी, गर्भावस्था, तनाव, त्वचा सम्बंधी बीमारियां, फंगल इन्फेक्शन जैसे तमाम कारक ऐलोपेशिया की वजह हो सकते हैं।

आयुर्वेदिक कोच डिम्पल जांगड़ा के अनुसार ऐलोपेशिया के लिए बढ़ती उम्र, अनुवांशिक कारक, दूषित पर्यावरण, दवाइयां, लम्बे समय से चल रही बीमारी, कुपोषण, थायरॉइड, अत्याधिक तनाव, रसायनों का इस्तेमाल, गर्भावस्था, त्वचा सम्बंधित रोग, फंगल इन्फेक्शन और वैक्सीन जैसे कारक मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं।

बालों के गिरने की समस्या और ऐलोपेशिया

बालों का एक औसत संख्या में गिरना कोई गंभीर समस्या नहीं है, क्योंकि बालों के गिरने के साथ ही उनका उगना भी जारी रहता है। पर यदि बालों का उगना बंद है, तो यह ऐलोपेशिया के लक्षण हो सकते हैं। जिसकी वजह स्कैल्प यानि बालों की जड़ों के पास होने वाला फंगल इन्फेक्शन हो सकता है।

ayurveda alopecia mein madadgaar hai
आयुर्वेदिक पद्धतियां हो सकती हैं एलोपेशिया के उपचार में मददगार. चित्र : शटरस्टॉक

ऐलोपेशिया और आयुर्वेद

ऑस्कर 2022 के दौरान विल स्मिथ और क्रिस रॉक के बीच हुए विवाद ने लोगों में इस बीमारी को लेकर न सिर्फ जिज्ञासा जगाई, बल्कि जागरूक होने की वजह भी दी। ऐलोपेशिया के बारे में लोगों के बीच जागरूकता लाने के लिए आयुर्वेदिक कोच डिम्पल जांगड़ा ने भी सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में वे ऐलोपेशिया के बारे में बात करते हुए कोच जांगड़ा बताती हैं कि आयुर्वेद की मदद से इस बीमारी के कारकों से बचा जा सकता है.

इस जटिल स्थिति को सहज बना सकती हैं ये आयुर्वेदिक पद्धतियां:

शरीर में पित्त का संतुलन

जांगड़ा बताती हैं कि व्यक्ति के पित्त की जांच करके उसे उसके अनुसार डाइट बताई जाती है। शरीर में पित्त का संतुलन बनाए रखने के लिए ख़ास डाइट बताई जाती है। जिसकी मदद से शरीर में मौजूद विषैले तत्त्वों से छुटकारा पाया जा सकता है।

आयुर्वेदिक तेलों का इस्तेमाल

जैस्मीन ग्रैंडफ्लोरम यानी चमेली के तेल का इस्तेमाल गंजेपन को दूर करने में काफी फायदेमंद रहता है।

पंचकर्म थेरेपी

शरीर में मौजूद विषाक्त तत्त्वों को दूर करने के लिए पंचकर्म थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। इस थेरेपी में शिरोधारा यानी सिर की मसाज और शीरा बस्ती जिसमें दवाई के जरिए एनीमा दी जाती है। इस थेरेपी के उपयोग से शरीर को स्वस्थ्य बनाया जाता है।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें
panchkarma therapy faydemand hai
पंचकरमा थेरेपी फायदेमंद है। चित्र : शटरस्टॉक

नास्य

जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि इस पद्धति का सम्बन्ध नासिका यानी नाक से है। नास्य क्रिया में व्यक्ति को नाक से आयुर्वेदिक उपचार यानी दवाईयां दी जाती हैं। जिससे नाक में मौजूद दूषित तत्त्वों से निजात पाई जा सके। यह थेरेपी ऐलोपेशिया के लक्षणों को दूर करने में सहायता करती है।

आयुर्वेदिक डाइट

ऐलोपेशिया के इलाज में डाइट बेहद महत्त्वपूर्ण है। अपने खानपान में ऐसी चीजों को शामिल कर इस बीमारी से लड़ना आसान बनाया जा सकता है:

ऐसी चीजें जिनमें ऐस्ट्रिनजेंट प्रॉपर्टी हो।
दालें और हरे पत्तेदार सब्जियां
हर्बल चाय जैसे लिकोराईस या पिपरमिंट चाय
तिल, सूरजमुखी, भीगे बादाम जैसे बीज और मेवे

यह भी पढ़ें : रसोई के किसी कोने में रखी कलौंजी कब्ज से राहत दिलाने में कर सकती है आपकी मदद

  • 133
लेखक के बारे में

ये हेल्‍थ शॉट्स के विविध लेखकों का समूह हैं, जो आपकी सेहत, सौंदर्य और तंदुरुस्ती के लिए हर बार कुछ खास लेकर आते हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख