गर्मी और बरसात के मौसम में जब पूरे शरीर से पसीना चूने लगता है, तब किसी को भी इरिटेशन हो सकती है। पसीना अपने साथ न केवल बदबू, बल्कि स्किन संबंधी कई और भी समस्याएं लेकर आता है। पर क्या आप जानती हैं कि यही पसीना आपकी सेहत का भी ख्याल रखता है! हैरान हैं? पर यह सच है कि पसीना आपके शरीर का वह नेचुरल सिस्टम है, जो उसे स्वस्थ रहने में मदद करता है। आइए जानते हैं पसीने और आपकी सेहत का संबंध।
आपके स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पसीना बहुत जरूरी है। बदलता वातावरण और ग्लोबल वार्मिंग के कारण बढ़ते तापमान में शरीर काफी जल्दी गर्म हो जाता है। एक्सेसिव हीट आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। यह कई तरह की स्वास्थ्य जोखिमों का कारण बन सकती है। ऐसे में पसीना आना बहुत जरूरी है। यह शरीर से हीट को रिलीज करता है और त्वचा को ठंडक प्रदान करता है।
कई लोगों को स्वेटिंग काफी ज्यादा इरिटेटिंग लगती है। परंतु आपको बता दें कि शरीर की बाकी जरूरतों की तरह पसीना आना भी स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए काफी ज्यादा जरूरी है। हालांकि, बहुत ज्यादा या कम स्वेटिंग होना भी नुकसानदेह हो सकता है। तो चलिए आगे जानते हैं स्वेटिंग से जुड़े कुछ जरूरी फैक्ट्स।
स्वेटिंग होने से हमारे शरीर का टेंपरेचर रेगुलेट होता रहता है। ग्लैंड्स से पानी स्किन से बाहर निकलता है और इवोपरेट हो जाता है। इस वजह से शरीर को ठंडक मिलती है। वहीं एक्सरसाइज करते वक्त मसल्स काफी ज्यादा हीट होती है, जिस वजह से शरीर को ज्यादा पसीने की जरूरत पड़ती है। स्वेटिंग का मेजर फंक्शन बॉडी को ठंडक प्रदान करना होता है।
यदि पसीना न आए तो शरीर में काफी ज्यादा गर्मी हो जाएगी और कई तरह कि स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं। ज्यादातर स्थिति में पसीना आना हेल्दी होता है। परंतु कभी-कभी कुछ एक्टिविटीज के कारण स्वेटिंग होना खतरनाक हो सकता है।
एक्सरसाइज करते वक्त सेटिंग होना हेल्दी होता है क्योंकि इस दौरान मसल्स हीट होते हैं और शरीर को ठंडक चाहिए होती है। ऐसे में लगातार पसीना आने से हीट रिलीज होती रहती है। एक्सरसाइज करते समय जब आपको पसीना आता है, तो उससे आपको निम्नलिखित फायदे मिलते हैं –
एनर्जी बूस्ट होती है
हेल्दी वेट मेंटेन रहता है
कई तरह के स्वास्थ्य जोखिमों से लड़ने में मदद मिलती है
मूड बूस्ट करने में मदद करता है
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंअच्छी नींद के लिए भी जरूरी है
बॉडी को डिटॉक्स करने के कई अलग-अलग तरीके हैं। परंतु स्वेटिंग प्राकृतिक डिटॉक्सिफिकेशन के रूप से काफी ज्यादा प्रभावी होता है। पब मेड सेंट्रल द्वारा 2016 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार जो लोग नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं और पर्याप्त पसीना बहाते हैं, उनके शरीर में हेवी मेटल का स्तर काफी कम होता है। बॉडी हेवी मेटल को रिलीज करने के केवल दो ही तरीके हैं यूरिन और स्वेटिंग।
ग्लाइकोबायोलॉजी ऑक्सफोर्ड एकेडमिक द्वारा 2015 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार स्वेटिंग शरीर के हार्मफुल बैक्टीरियाज को बाहर निकालने में मदद करती है। इसके साथ ही स्किन से गंदगी भी बाहर निकल जाती है और आपकी त्वचा का ग्लो बना रहता है।
यदि आपको बॉडी हीट रेगुलेट करने के लिए जरूरत से ज्यादा स्वेटिंग होती है, तो इसे हाइपरहाइड्रोसिस कहते हैं। यह समस्या कई कारणों से हो सकती है। जैसे कि लो ब्लड शुगर लेवल, नर्वस सिस्टम और थायराइड डिसऑर्डर। कभी-कभी जरूरत से ज्यादा स्वेटिंग होना गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों का कारण हो सकता है। ऐसे में यदि स्वेटिंग के साथ चेस्ट पेन, घबराहट और चक्कर आने जैसी समस्या हो तो फौरन डॉक्टर से मिलें।
यदि आपको बहुत कम स्वेटिंग होती है, तो इस कंडीशन को ऐन्हीड्रोसिस कहते हैं। ऐन्हीड्रोसिस में शरीर ओवरहीट हो जाता है और सेहत गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है। यह समस्या ज्यादातर डिहाइड्रेशन, बर्निंग और स्किन डिसऑर्डर के कारण होती हैं।
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