गॉलब्लैडर आपके लिवर के पास मौजूद एक छोटा सा अंग है। यह पित्त छोड़ता है और शरीर में वसा को पचाने के लिए जिम्मेदार होता है। यह अंग इतना छोटा होता है कि आपको बहुत अधिक परेशानी नहीं दे सकता है। हालांकि, इस अंग से जुड़ी एक स्वास्थ्य समस्या है जो काफी आम है। और वो है पित्त की पथरी। कुछ लोगों का मानना है कि टमाटर, बैंगन जैसी सब्जियों में मौजूद बीज (does tomato and brinjal seeds cause stones) इसका कारण बन सकते हैं। क्या यह सच है? या सिर्फ एक मिथ, ये चेक करने के लिए हमने एक्सपर्ट से बात की।
गॉल ब्लैडर एक अंग है जो नाशपाती के आकार जैसा दिखता है और लिवर के नीचे होता है। पित्ताशय की थैली का मूल या मौलिक कार्य लिवर द्वारा उत्पादित पित्त को इकट्ठा करना करना है। गॉल ब्लैडर के अनुकूल आहार का पालन करना महत्वपूर्ण है नहीं तो यह गॉल ब्लैडर स्टोन का कारण बन सकता है।
जब पित्ताशय की थैली के अंदर छोटे, क्रिस्टल जैसे पत्थर विकसित होते हैं, तो उन्हें पथरी के रूप में जाना जाता है। वे या तो पित्त वेस्ट के जमा होने से या कोलेस्ट्रॉल के कारण बन सकते हैं। ये तब बनते हैं जब पित्त कैल्शियम के सॉल्ट के साथ जुड़ जाते हैं।
जिन्हें भी गॉल ब्लैडर स्टोन की समस्या होती है वे कुछ फूड्स अवॉइड करते हैं जिनमें बीज होते हैं। तो क्या सब्जियों में मौजूद बीज बन सकते हैं गॉल ब्लैडर स्टोन का कारण? चलिये पता करते हैं, लेकिन उससे पहले जानिए गॉल ब्लैडर के बारे में –
इस बारे में सही जन्नकारी हासिल करने के लिए हमने क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, बैंगलोर, बेलंदूर की सलाहकार प्रसूति और स्त्री रोग, डॉ अरुणा कुमारी से बात की। जानिए क्या है उनका कहना।
अगर टमाटर की बात करें तो कई लोग स्टोन की समस्या में टमाटर खाने को मना करते हैं। डॉ अरुणा के अनुसार ”टमाटर में ऑक्सालेट होता है, लेकिन इसकी मात्रा काफी कम होती है और इससे स्टोन नहीं बन सकता।” एनसीबीआई के अनुसार 100 ग्राम टमाटर में केवल 5 ग्राम ऑक्सालेट होता है। वे आगे बताती हैं कि ”अगर आप स्वस्थ हैं और किडनी की कोई समस्या नहीं है तो आप टमाटर खा सकते हैं। मगर यदि आप गुर्दे से संबंधित किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो ऑक्सालेट का सेवन सीमित करें।”
बैंगन में ऑक्सालेट का एक औसत दर्जे का स्तर होता है, जो शारीरिक तरल पदार्थों में पर्याप्त उच्च सांद्रता में क्रिस्ट बन सकता है और गुर्दे या पित्ताशय में पथरी का कारण बन सकता है। इस कारण से जिन लोगों को पहले से ही किडनी या गॉल ब्लैडर की समस्या है, उन्हें अक्सर बैंगन से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
डॉ अरुणा के अनुसार यदि आपको एसी कोई समस्या नहीं है, तब भी आपको इसे मॉडरेशन में खाना चाहिए। ठीक इसी तरह पालक, बीन्स, चुकंदर में भी ऑक्सलेट की मात्रा अधिक होती है। इन सब्जियों को खाने से पहले अच्छी तरह से पका लें।”
डॉ अरुणा कुमारी बताती हैं कि – ”बैंगन और टमाटर दोनों में ऑक्सालेट की मात्रा होती है, जो पथरी का कारण बन सकता है। इसलिए जिन लोगों को पथरी की समस्या है, उन्हें इनका सेवन नहीं करना चाहिए।”
मगर यदि आपको कोई समस्या नहीं है, तो आप बैंगन और टमाटर का सेवन आराम से कर सकते हैं। इनमें फाइबर, प्रोटीन एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होती है जो आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
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