अक्टूबर का महीना आ गया है, और वातावरण में ठंड भी दस्तक देने लगी है। बदलते मौसम में सर्दी, खांसी, जुकाम, नाक बंद होना और नाक बहने जैसी समस्या आम है। इन सभी लक्षणों पर अधिकतर लोग ज्यादा ध्यान नहीं देते और बात को टाल देते है। वहीं, अगर कुछ लोगों को इससे संबंधित ज्यादा समस्या होने लगती हैं, तो वे खुद ही अपना उपचार करना बेहतर समझते है और जुकाम रोकने वाली कोई दवा ले लेता है या नोजल स्प्रे का प्रयोग करते है।
नोजल स्प्रे के प्रयोग को लेकर हाल ही में आई हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट बताती है कि नेजल स्प्रे हृदय गति को धीरे कर देता है। हार्वर्ड हेल्थ के एग्जीक्यूटिव एडिटर जूली कॉर्लिस बताते है कि एक नए अध्ययन में यह पाया गया है कि नेजल स्प्रे असामान्य रूप से तेज़ हृदय गति का इलाज कर सकता है, लेकिन यदि आपके हृदय की गति ठीक है तो बार-बार नेजल स्प्रे का प्रयोग आपके लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है।
आम भाषा में समझें तो नेजल स्प्रे (Nasal Spray) एक प्रकार की दवाई होती है, जो नाक के माध्यम से शरीर के अंदर दाखिल होती है। यह आमतौर पर नाक के बंद होने, सायनस कैविटी की समस्याओं, जैसे कि साइनस सूजन, एलर्जिक राइनाइटिस (नाक की एलर्जी) आदि के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। नेजल स्प्रे में दवाओं और अन्य सामग्रियों का समावेश किया जाता है।
वहीं, इस मुद्दे पर जब हेल्थशॉट्स ने मुलुंड स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल के ईएनटी सर्जन डॉ.संजय भाटिया से बात की, तो उन्होंने बताया कि ये एक औषधीय स्प्रे हैं, जिसका उपयोग नाक के छिद्रों में दवा पहुंचाने के लिए किया जाता है ताकि नाक के छिद्रों को बंद किया जा सके, जिसके कारण सूजन और एलर्जी संबंधी समस्याएं न हो ।
डॉ. भाटिया के अनुसार इसका उपयोग कुछ प्रणालीगत बीमारियों के इलाज के लिए गोलियों या इंजेक्शन के त्वरित और प्रभावी विकल्प के रूप में भी किया जाता है।
डॉ. भाटिया बताते हैं कि ये स्प्रे अगर उचित चिकित्सा निर्देशों के तहत किए जाए, तो ये बहुत सुरक्षित और प्रभावी होते हैं। लेकिन वहीं, कुछ नेजल स्प्रे का उपयोग केवल कुछ देर के लिए ही किया जाता है। यदि इनका उपयोग बहुत अधिक बार किया जाता है, तो रोगी दवा पर निर्भर हो जाता है।
वहीं, डॉ भाटिया बताते है कि नेजल स्प्रे का उपयोग निर्देशित मात्रा में किया जाना चाहिए। यदि आपको नाक में जलन, छाले, या अन्य दुष्प्रभाव महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। साथ ही वे यह भी सलाह देते है कि मरीजों को कभी भी खुद से दवा नहीं लेनी चाहिए और नेज़ल स्प्रे का उपयोग करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
नेजल स्प्रे को लंबे समय तक उपयोग किए जाने से कई तरह की समस्याएं हो सकती है। इस मुद्दे पर डॉ. भाटिया बताते है कि यदि लंबे समय तक इसका उपयोग किया जाता है, तो इससे नाक संबंधी डिकंजेस्टेंट्स जैसे कि इसकी आदत होना और कभी-कभी जलन, अत्यधिक सूखापन और मुंह का स्वाद खराब होने जैसे लक्षण दिखाई पड़ते है।
डॉ. भाटिया बतातें हैं कि नेज़ल स्प्रे उपचार का हिस्सा हैं। प्राथमिक उपचार में सिस्टमिक नेज़ल डीकॉन्गेस्टेंट, एंटी-एलर्जी दवा और कभी-कभी एंटीबायोटिक्स भी शामिल किए जाते हैं । इसके साथ गर्म तरल पदार्थ पीने से कुछ हद तक मदद मिलती है। वहीं मौखिक रूप से स्टीम लेने से भी इसकी समस्या दूर हो सकती है।
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