क्या डायबिटीज के रोगी कर सकते हैं मिश्री का सेवन? जानिए इस पर क्या है विशेषज्ञों की राय

पूजा के प्रसाद से लेकर खाना खाने के बाद माउथ फ्रेशनर के रूप में मिश्री कई जगह रखी हुई दिख जाती है। पर क्या डायबिटीज के रोगी इसका सेवन कर सकते हैं?
क्या डायबिटीज के मरीजों के लिए मिश्री सुरक्षित है,जानते है।चित्र-शटरस्टॉक
क्या डायबिटीज के मरीजों के लिए मिश्री सुरक्षित है,जानते है।चित्र-शटरस्टॉक
मोनिका अग्रवाल Published: 4 Aug 2021, 18:00 pm IST
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मिश्री का सेवन आम तौर पर सौंफ के साथ होते हुए देखा होगा आपने। और कभी-कभी प्रसाद की थाली में भी मिश्री के दाने रखे हुए नजर आ ही जाते हैं। असल में मिश्री को रॉक शुगर (Rock Sugar) या शुगर कैंडी (Sugar Candy) भी कहा जाता है। पर मिठास जितनी अच्छी लगती है, उतना ही ज्यादा परेशान भी करती है। अब जब शुगर या डायबिटीज हर दूसरे व्यक्ति की समस्या बनने लगी है, तब यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या डायबिटीज में मिश्री का सेवन करना चाहिए? आइए इस जटिल प्रश्न का सवाल ढूंढते हैं। 

क्या है मिश्री का डायबिटीज पर प्रभाव 

मिश्री को असल में भारत में एक प्रकार की कैंडी के रूप में प्रयोग किया जाता है। हालांकि मिश्री और चीनी दोनों ही गन्ने से प्राप्त होती हैं। लेकिन इन्हें बनाने की प्रक्रिया बहुत अलग होती है। मिश्री अनरिफाइंड होती है, जबकि चीनी रिफाइंड होती है।

कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल में सीनियर डाइटिशियन हिमांशी शर्मा, के अनुसार मिश्री एक एल्कालाइन फूड है और पचने में आसान है। इसकी प्रकृति भी ठंडी होती है। आयुर्वेद के अनुसार मिश्री शरीर में वात और पित्त दोष को संतुलित करती है। वैसे भी मिश्री को प्रोसेस्ड नहीं किया जाता है, इसलिए इसमें कुछ विटामिन और खनिज होते हैं। 

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अगर डायबिटीज है तो सोच समझकर खाएं मिश्री। चित्र: शटरस्‍टॉक

पर जैसा कि आप जानती हैं कि डायबिटीज में शुगर का सेवन करना आपकी सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है। फिर चाहे वह शुगर किसी भी फॉर्म में क्यों न हो। अगर आप मिश्री को भी अधिक मात्रा में खाती हैं, तो इससे आपको रिस्क उठाना पड़ सकता है।

आयुर्वेद उपचार में मिश्री

मिश्री शुगर की कंसेस्ट्रेटेड फॉर्म होती है। इसलिए इसका सेवन करते समय तो आपको और भी अधिक ख्याल रखना चाहिए। आयुर्वेद में मिश्री का प्रयोग उपचार के लिए भी किया जाता है। 

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लेकिन डायबिटीज के मरीजों की सुरक्षा की जब बात आती है, तो जो चीज आपको सबसे अधिक ध्यान रखनी चाहिए वह है जिस चीज का आप सेवन कर रही हैं उसका पोर्शन साइज। चीनी में फ्रुक्टोज और ग्लूकोज होता है और उसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 65 होता है। यानी मिश्री का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी नॉर्मल चीनी जितना ही है।

इसलिए आपको इसका सेवन अधिक नहीं करना चाहिए। आपको बता दें कि मिश्री का सेवन आप जितना कम करेंगी उतना अच्छा है।

क्या डायबिटीज के मरीज मिश्री खा सकते हैं। चित्र: शटरस्टॉक
क्या डायबिटीज के मरीज मिश्री खा सकते हैं। चित्र: शटरस्टॉक

मिश्री के प्रकार

मिश्री भी दो प्रकार की होती है पहली वह जो शुगर मिल्स में बनाई जाती है। ज्यादातर दुकानों पर यही मिश्री उपलब्ध होती है। इसका सेवन बिलकुल न करें, यह आपको नुकसान पहुंचा सकती है।

दूसरी तरह की मिश्री वह होती है जो पारंपरिक तरीके से बनाई जाती थी और उसे खांड सार वाली मिश्री भी कहा जाता है। यह मिश्री आपको ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाती। इसलिए आप इस प्रकार की मिश्री का सेवन कर सकती हैं, लेकिन वह भी कम मात्रा में। इस प्रकार की मिश्री की पहचान है उसकी रफ फॉर्मेशन। उसकी कोई परफेक्ट शेप नहीं होती। 

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लेडीज़ मिश्री और चीनी का सेवन आपको न के बराबर करना चाहिए। हालांकि आप इन चीजों को गुड़ के साथ रिप्लेस कर सकती हैं, लेकिन गुड़ भी कई तरह का होता है। इसलिए अपने डॉक्टर से इसके बारे में एक बार पहले जरूर पूछ लें।

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लेखक के बारे में

स्वतंत्र लेखिका-पत्रकार मोनिका अग्रवाल ब्यूटी, फिटनेस और स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर लगातार काम कर रहीं हैं। अपने खाली समय में बैडमिंटन खेलना और साहित्य पढ़ना पसंद करती हैं। ...और पढ़ें

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