मिश्री का सेवन आम तौर पर सौंफ के साथ होते हुए देखा होगा आपने। और कभी-कभी प्रसाद की थाली में भी मिश्री के दाने रखे हुए नजर आ ही जाते हैं। असल में मिश्री को रॉक शुगर (Rock Sugar) या शुगर कैंडी (Sugar Candy) भी कहा जाता है। पर मिठास जितनी अच्छी लगती है, उतना ही ज्यादा परेशान भी करती है। अब जब शुगर या डायबिटीज हर दूसरे व्यक्ति की समस्या बनने लगी है, तब यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या डायबिटीज में मिश्री का सेवन करना चाहिए? आइए इस जटिल प्रश्न का सवाल ढूंढते हैं।
मिश्री को असल में भारत में एक प्रकार की कैंडी के रूप में प्रयोग किया जाता है। हालांकि मिश्री और चीनी दोनों ही गन्ने से प्राप्त होती हैं। लेकिन इन्हें बनाने की प्रक्रिया बहुत अलग होती है। मिश्री अनरिफाइंड होती है, जबकि चीनी रिफाइंड होती है।
कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल में सीनियर डाइटिशियन हिमांशी शर्मा, के अनुसार मिश्री एक एल्कालाइन फूड है और पचने में आसान है। इसकी प्रकृति भी ठंडी होती है। आयुर्वेद के अनुसार मिश्री शरीर में वात और पित्त दोष को संतुलित करती है। वैसे भी मिश्री को प्रोसेस्ड नहीं किया जाता है, इसलिए इसमें कुछ विटामिन और खनिज होते हैं।
पर जैसा कि आप जानती हैं कि डायबिटीज में शुगर का सेवन करना आपकी सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है। फिर चाहे वह शुगर किसी भी फॉर्म में क्यों न हो। अगर आप मिश्री को भी अधिक मात्रा में खाती हैं, तो इससे आपको रिस्क उठाना पड़ सकता है।
मिश्री शुगर की कंसेस्ट्रेटेड फॉर्म होती है। इसलिए इसका सेवन करते समय तो आपको और भी अधिक ख्याल रखना चाहिए। आयुर्वेद में मिश्री का प्रयोग उपचार के लिए भी किया जाता है।
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लेकिन डायबिटीज के मरीजों की सुरक्षा की जब बात आती है, तो जो चीज आपको सबसे अधिक ध्यान रखनी चाहिए वह है जिस चीज का आप सेवन कर रही हैं उसका पोर्शन साइज। चीनी में फ्रुक्टोज और ग्लूकोज होता है और उसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 65 होता है। यानी मिश्री का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी नॉर्मल चीनी जितना ही है।
इसलिए आपको इसका सेवन अधिक नहीं करना चाहिए। आपको बता दें कि मिश्री का सेवन आप जितना कम करेंगी उतना अच्छा है।
मिश्री भी दो प्रकार की होती है पहली वह जो शुगर मिल्स में बनाई जाती है। ज्यादातर दुकानों पर यही मिश्री उपलब्ध होती है। इसका सेवन बिलकुल न करें, यह आपको नुकसान पहुंचा सकती है।
दूसरी तरह की मिश्री वह होती है जो पारंपरिक तरीके से बनाई जाती थी और उसे खांड सार वाली मिश्री भी कहा जाता है। यह मिश्री आपको ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाती। इसलिए आप इस प्रकार की मिश्री का सेवन कर सकती हैं, लेकिन वह भी कम मात्रा में। इस प्रकार की मिश्री की पहचान है उसकी रफ फॉर्मेशन। उसकी कोई परफेक्ट शेप नहीं होती।
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कस्टमाइज़ करेंलेडीज़ मिश्री और चीनी का सेवन आपको न के बराबर करना चाहिए। हालांकि आप इन चीजों को गुड़ के साथ रिप्लेस कर सकती हैं, लेकिन गुड़ भी कई तरह का होता है। इसलिए अपने डॉक्टर से इसके बारे में एक बार पहले जरूर पूछ लें।