गहरे लाल रंग की स्ट्रॉबेरी (strawberries) दिखने में जितनी ज्यादा अट्रैक्टिव लगती है, खाने में भी यह उतनी ही स्वादिष्ट होती हैं। आप स्ट्रॉबेरी (strawberry) का आनंद लेने के लिए इसे सलाद, जूस, स्मूदी और फ्रूट स्नैक्स के रूप में अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं। इनका स्वाद मीठा होता है इसलिए अक्सर डायबिटीज (Strawberry for diabetes) के मरीजों के मन में यह सवाल रहता है, कि इसे खाया जाए या नहीं? आज हम आपके लिए इसी सवाल का जवाब लेकर आए हैं।
डायबिटीज एक आम समस्या बनती जा रही है, जिसकी वजह से दिन प्रतिदिन इसके आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं आजकल बेहद कम उम्र में ही लोगों में डायबिटीज (diabetes) डायग्नोज हो रही है। जिसकी वजह से यह हम सभी के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन चुकी है। ऐसे में सबसे जरूरी है डाइटरी बदलाव।
डायबिटीज में बढ़ता ब्लड शुगर लेवल किडनी, लीवर, हार्ट जैसे बॉडी ऑर्गन्स को प्रभावित करता है, जिसके परिणाम स्वरुप भविष्य में किडनी फेलियर, लिवर डैमेज, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए खानपान का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण है।
न्यूट्रेसी लाइफस्टाइल की फाउंडर ओर सीईओ डॉ रोहिणी पाटिल एक एमबीबीएस डॉक्टर और न्यूट्रीशनिस्ट हैं। ये 8 सालों से न्यूट्रिशन, डायट, फिटनेस और मेंटल हेल्थ के साथ ही लाइफ़स्टाइल मोडिफिकेशन पर काम कर रही हैं। डॉक्टर ने डायबिटीज में स्ट्रॉबेरी को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है, परंतु उन्होंने इसे मॉडरेशन में लेने की सलाह दी है।
स्ट्रॉबेरी में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है, जो एक एंटीऑक्सीडेंट है। विटामिन सी कई तरह के लाभ प्रदान कर सकता है, जैसे कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करना, घाव भरने में मदद करना और स्वस्थ त्वचा बनाए रखना।
स्ट्रॉबेरी में एंथोसायनिन जैसे अन्य एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं। शोध से पता चलता है कि एंथोसायनिन में एंटी कैंसर, एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी बैक्टिरियल प्रभाव होते हैं।
स्ट्रॉबेरी अकेले या किसी अन्य भोजन के साथ मिलकर, ग्लाइसेमिक प्रोफाइल में सुधार कर सकती है। इनका जीआई कम होता है और इनमें फाइबर होता है, इसलिए इनके सेवन से ब्लड शुगर स्पाइक को मैनेज किया जा सकता है। स्ट्रॉबेरी में मौजूद फाइबर हृदय और पाचन स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं।
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स्ट्रॉबेरी में मैग्नीशियम की मात्रा पाई जाती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा कि गई अध्ययन के अनुसार मैग्नीशियम टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
अपनी प्राकृतिक मिठास के बावजूद, स्ट्रॉबेरी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम होता है। इसका मतलब है कि ये ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव को रोकने में मदद करता है।
स्ट्रॉबेरी आहार फाइबर में समृद्ध है, जो चीनी के अवशोषण को धीमा कर देता है, और ब्लड शुगर के स्तर में सुधार करता है। इसके अतिरिक्त, फाइबर पाचन और संतुष्टि को भी बढ़ावा देता है, जिससे वजन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, वहीं यह मधुमेह प्रबंधन में एक और महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
किसी भी भोजन की तरह, संयम महत्वपूर्ण है। अत्यधिक चीनी के सेवन को रोकने में मदद के लिए पोर्शन का ध्यान रखना जरूरी है। लगभग 1 कप ताजी स्ट्रॉबेरी का सेवन करें, जिसमें लगभग 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है।
स्ट्रॉबेरी को प्रोटीन या हेल्दी फैट के साथ मिलाने से ब्लड शुगर पर उनके समग्र प्रभाव को संतुलित करने में मदद मिल सकती है। मुट्ठी भर नट्स, ग्रीक योगर्ट के साथ स्ट्रॉबेरी खाने पर विचार करें या सलाद पर टॉपिंग के रूप में इसे ले सकती हैं।
जैम या सिरप जैसे प्रोसेस्ड रूपों में स्ट्रॉबेरी का सेवन करते समय अतिरिक्त चीनी से सावधान रहें। जब भी संभव हो, बिना एडेड शुगर वाले ताजे या जमे हुए स्ट्रॉबेरी का चयन करें।
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