प्रसव के बाद मां के शरीर को रिकवर होने में बहुत समय लगता है। इस वजह से शरीर में सूजन और काफी दर्द भी रहता है। हॉर्मोनल चेंजेस की वजह से शरीर में कई तरह के परिवर्तन आते हैं। मगर कई महिलाएं प्रसव के बाद पीठ में दर्द से (back pain after c section) बहुत परेशान रहती हैं। खासकर वो महिलाएं जिनकी सी सेक्शन डिलीवरी (c section delivery) हुई है। यदि आप अपने पीठ दर्द का ध्यान नहीं रखती हैं, तो यह आपकी दैनिक गतिविधियों (daily activities) को रोक सकता है, जिससे आपको और आपके नवजात शिशु को गंभीर परेशानी हो सकती है।
यदि आप भी प्रसव के बाद पीठ में दर्द से परेशान हैं, तो जानिए क्या हो सकते हैं इसके कारण और इसे ठीक करने के उपाय। इस बारे में जानने के लिए हमने डॉ. भारती रमेश से बात की। वे
मदरहुड हॉस्पिटल, बनशंकरी, बेंगलुरु में वरिष्ठ सलाहकार प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं।
प्रसव के बाद वजन बढ़ना और शरीर के संतुलन में बदलाव आ जाता है। वजन बढ़ने से आपकी रीढ़ पर ज़्यादा दबाव पड़ता है। रीढ़ की हड्डी आपके शरीर को संतुलित करने का काम करती है। मगर प्रसव के दौरान रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है। जिससे पीठ में दर्द होने का ज़्यादा चांस रहता है। जैसे ही आप वजन कम करना शुरू करती हैं और शेप में वापस आती हैं, यह पीठ दर्द दूर हो जाता है। इसमें कुछ हफ्ते या महीने भी लग सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान, आपका शरीर “रिलैक्सिन” नामक एक हार्मोन जारी करके बच्चे को बाहर धकेलने का प्रयास करता है। अगर आपकी सी-सेक्शन डिलीवरी हुई है तो यह हारमोन जॉइंट को छोड़ देता है, जिसके कारण दर्द पीठ को मोड़ने की वजह से होता है। यह दर्द आमतौर पर कुछ हफ्तों के बाद दूर हो जाता है जब शरीर अपने मूल रूप में वापस आने लगता है और मांसपेशियां मजबूत होने लगती हैं।
गलत पॉस्चर के कारण पीठ में चोट लगती है क्योंकि शरीर पहले ही बहुत कुछ सह चुका होता है। अब जब आप आगे झुकती हैं, पीठ को झुकाकर बैठते हैं, और असहज होकर लेटती हैं तो इससे कमर दर्द हो सकता है।
डिलीवरी के बाद आपको अपने पोस्चर को लेकर हमेशा सचेत रहना चाहिए। सी-सेक्शन के कारण, हर समय सही मुद्रा बनाए रखना मुश्किल होता है। अपने नवजात शिशु को गोद में लेने से आपका पोस्चर भी प्रभावित हो सकता है। इसलिए, जितना संभव हो उतना आराम करें ज़्यादा हिलना-डुलना अच्छा नहीं है।
सिजेरियन के लिए, डॉक्टर शरीर के निचले हिस्से को एनेस्थेटाइज करने के लिए या तो एपिड्यूरल या स्पाइनल ब्लॉक का उपयोग करता है। एनेस्थीसिया रीढ़ की हड्डी के क्षेत्र में मांसपेशियों में ऐंठन पैदा कर सकता है, जिससे सर्जरी के बाद आपकी पीठ में दर्द हो सकता है। एपिड्यूरल से संबंधित पीठ दर्द काफी कॉमन है और सही देखभाल से ठीक हो जाता है। मगर आपकी लापरवाही से दर्द और बढ़ सकता है।
स्तनपान के दौरान आपके शरीर की स्थिति, विशेष रूप से प्रसव के ठीक बाद, बहुत मायने रखती है। आपको अपने बच्चे को अपनी कोहनी के नीचे तकिए के साथ आरामदायक स्थिति में खिलाना चाहिए और सुनिश्चित करें कि आपकी गर्दन सीधी रहे। आपके कंधे नीचे या ऊपर नहीं सिकुड़ने चाहिए। इसलिए, कोशिश करें कि दूध पिलाते समय अपने बच्चे को बार-बार न देखें क्योंकि इससे आपकी गर्दन और कंधों पर दबाव पड़ता है।
अपने बच्चे को उठाते समय झुकने की कोशिश न करें। जितना हो सके अपनी पीठ को सीधा रखें, इससे आपके पॉस्चर में सुधार होगा।
स्तनपान कराते समय अपनी पीठ को सीधा रखें। बच्चे को दूध पिलाने की वजह से खुद न झुकें।
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कस्टमाइज़ करेंहॉट शावर लें इससे आपके शरीर की जितनी अकड़न और जितना दर्द है सब दूर हो जाएगा। मगर पानी बहुत ज़्यादा गरम नहीं होना चाहिए।
सी सेक्शन का घाव भरने के बाद हल्की – फुलकी एक्सरसाइज़ को अपनी डेली रूटीन में शामिल करें। इसे करने से आपका पीठ दर्द धीरे – धीरे ठीक हो जाएगा।
तेल मालिश करें या किसी से करवाएं। इससे बहुत जल्द आपके शरीर का दर्द चला जाएगा। सरसों का तेल लें और इसे हल्का ग्राम कर लें।
खुद को आराम करने दें, ज़्यादा परेशान न हों दर्द को ठीक होने में समय लगता है। डॉक्टर की बताई हुई दवाइयों को टाइम से लें।
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