बहुत सारी महिलाएं, खासतौर से गर्मियों के मौसम में हर रोज एंटीपर्सपिरेंट और डिओडोरेंट का इस्तेमाल करती हैं। ये उत्पाद पसीने को प्रबंधित करने के प्रभावी तरीके हैं, लेकिन अकसर लोग इस बारे में बात करते हैं कि क्या त्वचा पर इनका कोई नकारात्मक प्रभाव भी हो सकता है! जी हां, वैज्ञानिक शोध इस बात को प्रमाणित करते हैं आपकी त्वचा के सीधे संपर्क में आने वाले ये एंटीपर्सपिरेंट और डिओडोरेंट आपके स्वास्थ्य पर असर डाल सकते हैं।
पसीना और उससे होने वाली दुर्गंध को रोकने के लिए बाजार में कई टू-इन-वन प्रोडक्ड आ गए हैं। मतलब साफ है अब एक ही बोतल में डिओडोरेंट और एंटीपर्सपिरेंट दोनों हैं। पर क्या आप जानती हैं कि एंटीपर्सपिरेंट डिओडोरेंट में मौजूद एल्यूमीनियम आपके शरीर के लिए कितना हानिकारक हो सकता है। तो चलिए जानते हैं विशेषज्ञों की क्या राय है इसे लेकर।
एंटीपर्सपिरेंट डिओडोरेंट में एल्युमिनियम आधारित यौगिकों का उपयोग सक्रिय संघटक के रूप में किया जाता है। ये यौगिक पसीने की वाहिनी के भीतर एक अस्थायी “प्लग” बनाते हैं, जो त्वचा की सतह पर पसीने के प्रवाह को रोकता है।
नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के कुछ शोध से पता चलता है कि एल्यूमीनियम युक्त अंडरआर्म एंटीपर्सपिरेंट्स को अक्सर स्तन के पास की त्वचा पर लगाया जाता है और त्वचा इन यौगिकों को अवशोषित करती है, जिससे एस्ट्रोजन हार्मोन प्रभावित होता है।
अकसर लोग सवाल करते हैं कि क्या सच में एंटीपर्सपिरेंट डिओडोरेंट स्तन कैंसर के लिए जिम्मेदार हैं? असल में एंटीपर्सपिरेंट्स और अन्य त्वचा देखभाल प्रोडक्ट में एल्यूमीनियम के बारे में सबसे आम चिंता का कारण यही है कि इससे स्तन कैंसर हो सकता है या नहीं।
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी नोट करती है कि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि एंटीपर्सपिरेंट्स का उपयोग करने से स्तन कैंसर होता है या बिगड़ता है। हालांकि, इस बात की जानकारी जरूर मिली है कि एंटीपर्सपिरेंट्स से एल्यूमीनियम लवण आपकी त्वचा के माध्यम से अवशोषित हो सकते हैं और स्तन के ऊतकों में जमा हो सकते हैं, जो आपके स्तन के लिए काफी हानिकारक हैं।
2018 के एक मेडिकल अध्ययन से पता चलता है कि बहुत अधिक एल्युमीनियम महिला हार्मोन एस्ट्रोजन के शरीर के निर्माण या प्रतिक्रिया को बदल सकता है। एंडोक्राइन (हार्मोन) सिस्टम में बदलाव समय के साथ आपके शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।
2017 के एक अन्य चिकित्सा अध्ययन ने स्तन कैंसर से पीड़ित 209 महिलाओं और 209 माहिलाओं जिन को स्तन कैंसर नहीं था उनसे पूछा कि वे कितनी बार एंटीपर्सपिरेंट का उपयोग करती हैं और कितने समय तक करती हैं। स्तन कैंसर वाले समूह ने बताया कि उन्होंने 30 साल की उम्र से पहले कई बार एंटीपर्सपिरेंट का इस्तेमाल किया था।
वहीं जिन माहिलाओं को स्तन कैंसर नहीं था, उन्होंने बताया कि वे एंटीपर्सपिरेंट्स का कम इस्तेमाल करती हैं। दोनों समूहों के स्तन ऊतक में एल्यूमीनियम लवण थे। हालांकि, जिन महिलाओं ने कहा कि वो एंटीपर्सपिरेंट का इस्तेमाल करती हैं, उनमें अक्सर एल्युमिनियम साल्ट की मात्रा अधिक होती है।
एल्यूमीनियम कैंसर का कारण बनता है या नहीं, इस पर चिकित्सा अनुसंधान स्पष्ट नहीं है। अभी तक इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि एंटीपर्सपिरेंट डिओडोरेंट से एल्यूमीनियम स्तन कैंसर का कारण बनता है। इस बात पर अभी भी शोध किए जा रहे हैं।
अगर आप एंटीपर्सपिरेंट डिओडोरेंट का लंबे समय से उपयोग कर रहीं हैं, तो आपको बता दें कि इसमें मौजूद एल्युमीनियम स्तन के ऊतकों में जमा हो सकता है और एल्यूमीनियम में आपके अंतःस्रावी तंत्र को बाधित करने की क्षमता होती है।
तो लेडीज जहां तक संभव हो डिओडोरेंट का इस्तेमाल करना छोड़ें और यदि आपको डिओडोरेंट की ज्यादा आवश्यकता है तो आप एंटीपर्सपिरेंट फ्री डिओडोरेंट का इस्तेमाल कर सकती हैं।
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