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Food Contamination : बढ़ती गर्मी के साथ बढ़ जाता है फूड कंटैमिनेशन का भी जोखिम, सावधान रहना है जरूरी

गर्मियों के मौसम में खाने में जल्दी बैक्टीरिया बढ़ने के चांस होते है जिससे खाना दूषित हो जाता है। ये खाना खाकर हम बिमार भी पड़ सकते है।
रासायनिक कंटैमिनेशन तब होता है जब भोजन किसी प्रकार के रसायन से दूषित हो जाता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Updated: 6 Jun 2023, 11:09 am IST
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फूड कंटैमिनेशन (Food Contamination) उसे कहा जाता है, जब बाहर की कोई वस्तु या सामग्री खाने को दूषित करती है। इससे खाना खराब हो जाता है और खाने से कई तरह की बिमारी भी हो सकती है। गर्मियों के मौसम में ज्यादा गर्मी होने के कारण कई तरह के बैक्टिरिया खाने में पैदा हो जाते है जो की खाने को खराब करते है। दूषित खाना खाने ले बुखार, जी मिचलना, उल्टी और यहां तक की मौत भी हो सकती है।

कंटैमिनेशन खाने में कभी भी कहीं भी हो सकता है जहां खाने को पकाया जा रहा है वहां या जहां खाने को रखा जा रहा है वहां। यह हमेशा स्पष्ट नहीं होता है कि भोजन दूषित हो गया है या नहीं। उदाहरण के लिए, रसायन या बैक्टीरिया से दूषित भोजन स्वाद या देखने में खराब नही लगता है।

खाद्य संदूषण के प्रकार (Types of food contamination)

रासायनिक कंटैमिनेशन (Chemical Contamination)

रासायनिक कंटैमिनेशन तब होता है जब भोजन किसी प्रकार के रसायन से दूषित हो जाता है।इस तरह के संदूषण को नियंत्रण करना थोड़ा मुश्किल है। इस तरह के संदूषण से फूड पॉइजनिंग या दीर्घकालिक रोग हो सकते हैं। रासायनिक संदूषण के लक्षणों में हल्के गैस्ट्रोएंटेराइटिस का अनुभव होगा, लेकिन कुछ स्थितियों में, भोजन में रसायन घातक हो सकते हैं।

खराब हाथ की स्वच्छता से हाथों से भोजन में बैक्टीरिया का स्थानांतरण हो सकता है।

फिजिकल कंटैमिनेशन (Physical Contamination)

फिजिकल कंटैमिनेशन तब होता है जब कोई बाहरी चीज खाने को दूषित करती है। किसी भौतिक वस्तु से संदूषित भोजन सीधे तौर किसी गंभीर स्वास्थ समस्या का कारण बन सकता है। भोजन को दूषित करने वाली सबसे आम वस्तुओं में कांच, बाल, धातु, आभूषण, गंदे नाखून शामिल हैं। फिजिकल कंटैमिनेशन पर्यावरण से भी हो सकता है।

माइक्रोबियल कंटैमिनेशन (Microbial Contamination)

माइक्रोबियल कंटैमिनेशन खाने में बैक्टिरिया, वायरस की वजह से होता है। इससे सबसे ज्यादा फूड पॉयजन होने का खतरा होता है। खाने में कई तरह के रोगजनकों का पैदा होना जैसे सूक्ष्मजीव, बैक्टीरिया, वायरस, मोल्ड, फंग्स और टॉक्सिन माइक्रोबियल कंटैमिनेशन होता है। इससे नोरोवायरस, साल्मोनेला, लिस्टेरिया, ई.कोली और कैंपिलोबैक्टर जैसी बिमारियां या इससे भी कई गंभीर बिमारी हो सकती है।

कंटैमिनेशन फूड को लेकर क्या कहती है एक्सपर्ट

इस बारे में ज्यादा जानकारी दी हमें डायटिशियन और वेट लॉस एक्सपर्ट शिखा कुमारी ने, शिखा कुमारी बताती हैं कि खाद्य पदार्थों का दूषित होना किसी भी मौसम में चिंता का विषय होता है, लेकिन गर्मी के मौसम में इसके प्रति सचेत रहने के खास कारण हैं। कुछ प्रमुख कारक हैं जो इस समय के दौरान फूड कंटैमिनेशन के जोखिम को बढ़ाने में योगदान करते हैं।

गर्मियों में इन कारणों से बढ़ जाता है फूड कंटैमिनेशन का जोखिम

1 तापमान बहुत ज्यादा हाई होता है

शिखा कुमारी बताती है कि गर्मी के महीने तापमान काफी अधिक होता है, जिससे बैक्टीरिया के विकास के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनती हैं। जीवाणु गर्म वातावरण में तेजी से बढ़ते हैं, और यदि भोजन को ठीक से संग्रहीत, संभाला या पकाया नहीं जाता है, तो यह हानिकारक जीवाणुओं के लिए प्रजनन स्थल बन सकता है।

2 आउट डोर एक्टिविटी और पिकनिक

गर्मी बाहरी गतिविधियों, पिकनिक और बारबेक्यू के लिए एक लोकप्रिय समय है। इसके चलते उचित खाद्य भंडारण सुविधाओं और पर्याप्त खाना पकाने के उपकरण की कमी हो सकती है। पर इतना ही नहीं, कई बार आनन फानन में लोग खाद्य सुरक्षा के उचित नियमों का पालन भी नहीं करते। जिसके कारण भोजन के संदूषित होने या फूड कंटैमिनेशन का खतरा बढ़ जाता है।

3 हाथों की सफाई न करना

गर्म मौसम का मतलब अक्सर अधिक पसीना आना होता है, और लोग जितनी बार आवश्यक हो उतनी बार अपने हाथ नहीं धो सकते हैं। खराब हाथ की स्वच्छता से हाथों से भोजन में बैक्टीरिया का स्थानांतरण हो सकता है, जिससे कंटैमिनेशन का खतरा बढ़ जाता है।

4 बाहर खाना पकाने के दौरान क्रॉस-कंटैमिनेशन

बाहर खाना पकाने, जैसे ग्रिलिंग, क्रॉस-कंटैमिनेशन के अवसर को बढ़ा सकता है। जब कच्चा मांस या पोल्ट्री अन्य खाद्य पदार्थों, बर्तनों या सतहों के संपर्क में बिना उचित सफाई के आते है, तो यह हानिकारक बैक्टीरिया फैला सकता है।

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बैक्टीरिया को मारने के लिए मीट और पोल्ट्री को अच्छी तरह से पकाएं। चित्र : शटरस्टॉक

गर्मी के मौसम में फूड कंटैमिनेशन के जोखिम को कम करने के उपाय

खाना खाने से पहले हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं। खराब होने वाले खाद्य पदार्थों को फ्रिज में रखें। बाहर रहने पर इसे आइस पैक के साथ कूल करके रखें।

बैक्टीरिया को मारने के लिए मीट और पोल्ट्री को अच्छी तरह से पकाएं और उचित खाना पकाने का तापमान सुनिश्चित करें।

कच्चे और पके खाद्य पदार्थों के लिए अलग-अलग कटिंग बोर्ड और बर्तनों का उपयोग करके क्रॉस-कंटैमिनेशन से बचें।

सतहों और बर्तनों को नियमित रूप से साफ करें, खासकर कच्चे मांस को पकाते समय।

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संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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