अंजाने में हम कई ऐसे काम कर लेते हैं, जो हमारी आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं। सूर्य की रोशनी से हमें विटामिन डी मिलता है। यह हमारे जॉइंट्स और मेंटल हेल्थ के लिए बढ़िया होता है। जानकारी के अभाव में हम सोचते हैं कि अगर सूर्य की रौशनी को नंगी आंखों से देखा जाये, तो यह हमारी आंखों को ठीक कर देगा। यह आई हेल्थ को मजबूती देगा। वास्तव में इसका प्रभाव उल्टा पड़ता है। इससे आंखों की रोशनी जाने का खतरा पैदा हो सकता है। सनलाइट के अलावा हमें उन चीज़ों के बारे में भी जरूर जानना चाहिए, जो आई हेल्थ के लिए नुकसानदेह होते हैं। सबसे पहले हम विशेषज्ञ से जानते हैं कि डायरेक्ट सनलाइट हमारी आंखों को कैसे नुकसान (eye damage) पहुंचाता है?
शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स में वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ डॉ. विनीत सहगल बताते हैं, ‘ सूर्य से अल्ट्रा वायलेट रेज (UV Rays) और ब्लू लाइट उत्पन्न होते हैं। यह आंखों पर बुरा प्रभाव डालते हैं। कुछ सेकंड के लिए भी सूरज को लगातार देखने से रेटिना (Direct Sunlight affect eye health) को नुकसान पहुंच सकता है। इस स्थिति को सोलर रेटिनोपैथी (Solar Retinopathy) कहा जाता है। यह तब भी हो सकता है जब आप सूर्य ग्रहण देख रही हैं।
सूर्य को लगातार देखने से कारण मोतियाबिंद (cataracts), फोटोकैराटाइटिस (photokeratitis), मैक्यूलर डीजनरेशन (macular degeneration) और आंखों से संबंधित कैंसर हो सकता है। इससे अस्थायी अंधापन (temporary blindness) भी हो सकता है। यदि बिना सनग्लास के ही सूर्य की रोशनी के संपर्क में आती हैं, तो यह लंबे समय में आंखों को नुकसान पहुंचाता है।’
डॉ. विनीत सहगल कहते हैं, ‘कुछ लोग आई बॉल पर भी टैटू कराते हैं। यह कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। इसमें सुई या इंक से संक्रमण, आंखों की सूजन, रेटिना का अलग होना या अंधापन भी शामिल हो सकता है। यदि आप आंख का रूप बदलना चाहती हैं, तो सुरक्षित तरीके अपनाएं। आई एक्सपर्ट से सलाह लेकर कलर्ड कॉन्टैक्ट लेंस का प्रयोग कर सकती हैं।’
डॉ. विनीत सहगल के अनुसार, नीम हकीम खतरे जान। इस उक्ति के अनुसार, कभी भी भ्रम पैदा करने वाले या जानकारी के अभाव में घरेलू उपचार की मदद नहीं लें। पिंक आई के इलाज के लिए या आंखों पर मौजूद मस्से को हटाने के लिए सोशल मीडिया पर उपलब्ध घरेलू उपचार ले लेती हैं। इनसे बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने का खतरा बना रहता है। इससे आंखों में संक्रमण हो सकता है।
छोटी बोटल आईड्रॉप्स की तरह दिखती हैं। सुपरग्लू को आई ड्राप समझकर आंखों में डाल लेना एक सामान्य गलती है। यह कॉर्नियल फ्रिक्शन का कारण बन सकता (eye damage) है। पलकें चिपक सकती है और आई साइट धुंधली हो सकती है। डालने से पहले सुनिश्चित करें कि बोटल पर आई ड्रॉप्स का लेबल लगा हुआ है नहीं। इसे अन्य दवाओं और घरेलू उपकरणों से अलग रखने की कोशिश करें।
कॉन्टैक्ट लेंस के साथ तैरने से आंखों में बैक्टीरिया प्रवेश कर सकते हैं। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। प्रिस्क्रिप्शन स्विमिंग गॉगल्स के साथ स्वीमिंग करें। कॉन्टेक्ट लेंस को अच्छी तरह से साफ करना और सोलुशन डालना नहीं भूलें। हफ़्तों, महीनों और सालों तक लगातार कॉन्टैक्ट लेंस नहीं पहनें। अधिक समय तक कॉन्टैक्ट पहनने से आपकी दृष्टि को खतरा हो सकता (eye damage) है।
अगर आंखों का मेकअप ठीक से न हटाया जाए, तो इससे आंख की सतह को खरोंच लग सकती (eye damage) है। यह संक्रमण का कारण बन सकता है। आंखों के आसपास के सभी मेकअप को हटाने के लिए रुई के फाहे का उपयोग करें। किसी भी मेकअप रिमूवर को पानी से अच्छी तरह धोना भी बहुत जरूरी है। इसके अभाव में आंखें डैमेज हो सकती हैं।
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