स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हेल्दी डाइट लेना डायबिटीज़ समेत कई बीमारियों को कंट्रोल करने का सबसे अच्छा तरीका है। साथ ही, इससे किसी भी तरह के कॉम्प्लीकेशन्स से भी बचा जा सकता है। यह कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) के स्तर, ब्लड प्रेशर और शरीर के सही वजन को बनाए रखने में भी मदद करता है।
कई हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार अपनी डायबिटीज़ (diabetes) को कंट्रोल करने के लिए आहार में प्रोटीन और फाइबर युक्त नट्स शामिल करने चाहिए। इसके अलावा, लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी में हुए शोध में पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से बादाम, पिस्ता, और अखरोट जैसे नट्स खाते हैं, उनमें टाइप-2 डायबिटीज और दिल की बीमारियों का खतरा कम रहता है।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ न्यूट्रिशन के जर्नल में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन के अनुसार अखरोट का सेवन कार्डियोवैस्कुलर डीजीज, टाइप -2 मधुमेह और मेटाबॉलिक सिंड्रोम के जोखिम को कम करता है।
मगर, क्या इसी तरह डायबिटीज़ में काजू का भी सेवन किया जा सकता है ( cashew in diabetes)? क्या इसका सेवन भी ब्लड शुगर लेवल (blood sugar level) को कंट्रोल करने में मदद करता है? चलिये पता करते हैं।
गुड फैट के अलावा, काजू में अच्छी मात्रा में आर्जिनिन, एक एमिनो एसिड होता है जो रक्तचाप को कम कर सकता है। ये कॉपर, मैग्नीशियम और जिंक में भी समृद्ध है। यह ऐसे पोषक तत्व जो अच्छे एंटीऑक्सिडेंट माने जाते हैं और इम्युनिटी और तंत्रिका तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। काजू ओलिक एसिड से भी भरपूर होता है जो रक्त में खराब वसा को कम करने में मदद करता है।
कई लोग सोचते हैं कि नट्स में फैट होते हैं। मगर इनमें गुड फैट मौजूद होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मारता है। नट्स कई खाद्य पदार्थों में से एक हैं जिन्हें अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन ने कई बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए सबसे ज़्यादा फायदेमंद माना गया है। नट्स में मौजूद असंतृप्त वसा की उच्च मात्रा कई महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करती है, जैसे कि कोशिका वृद्धि में मदद करना और हृदय सहित अन्य अंगों की रक्षा करना। इसलिए, डायबिटिक डाइट में नट्स इतने महत्वपूर्ण हैं।
हाल ही में जर्नल ऑफ न्यूट्रीशन द्वारा किए गए एक शोध से पता चला है कि मधुमेह वाले लोगों के लिए काजू अन्य नट्स से बेहतर है। इसके रस में एंटी-डायबिटिक गुण भी होते हैं। हालांकि, कि इसमें वसा की मात्रा ज़्यादा होती है, लेकिन इसमें से अधिकांश “गुड फैट” होता है जो डायबिटिक रोगियों के लिए हेल्दी होता है।
इसमें और नट्स के बजाय कम फैट होता है। काजू में उच्च मात्रा में डाइटरी फाइबर होता है, जो वजन घटाने में भी मदद कर सकता है। इसलिए काजू मधुमेह के मरीजों के लिए सबसे अच्छे ड्राई फ्रूट्स में से एक है।
मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन में डॉक्टर्स द्वारा किए गए एक अध्ययन सामने आया कि, मधुमेह वाले 150 लोगों को 12 सप्ताह तक प्रतिदिन 30 ग्राम अनसाल्टेड, कच्चे, टूटे हुए काजू खिलाये गए। जिसमें उन्हें किसी भी और ड्राई फ्रूट का सेवन नहीं करने दिया गया। अध्ययन के पहले और अंत में ब्लड प्रैशर, ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल के स्तर, शरीर के वजन और हाइट की जांच की गई।
इस शोध में यह पाया गया कि 12 सप्ताह तक रॉ काजू के सेवन अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाता और ब्लड शुगर को कम करता है। अध्ययन से यह भी पता चला है कि मॉडरेशन में सेवन करने पर काजू न तो वज़न बढ़ाता है और न ही ब्लड शुगर। इसलिए, मोटापे और हृदय रोग की रोकथाम के लिए काजू को अपने आहार में शामिल किया जा सकता है।
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