Myths about bra : स्तन हित में आपको छोड़ देने चाहिए ब्रा से जुड़े ये 4 मिथ्स
गर्मी के मौसम में ब्रा (wearing bra in summer) के रूप में एक एक्स्ट्रा लोड ज्यादातर औरतों को परेशान करता है। स्पोर्ट्स ब्रा (Sports bra) से लेकर नाइट गाउन में झांकने में वाली फैंसी, झीनी ब्रा (Fancy bra) तक, ये हमेशा आपकी कमर और कंधों पर एक एक्स्ट्रा दबाव के साथ चिपकी रहती है। कम्फर्टेबल रहने के लिए जब आप इन्हें छोड़ना चाहती हैं, तो सोशल मीडिया पर मौजूद आंटियों का ज्ञान यानी ब्रा के बारे में मिथ्स (Myths about bra) आपको ये करने नहीं देता। ये आंटियां कितनी सही (Facts) हैं, कितनी गलत (Myths), ये बताने के लिए डॉ. क्यूटरस (Dr cuterus) तनाया नरेंद्र ने सोशल मीडिया पर एक जरूरी पोस्ट शेयर की है। आइए जानते हैं स्तन हित (Breast care) में इस बार क्या कह रहीं हैं डॉ. क्यूटरस (dr cuterus)!
वो क्या है जो आपको गर्मी में ब्रा पहनने से रोकता है (wearing bra in summer)
आपका ब्रेस्ट साइज़ कोई भी हो, ब्रा एक टाइट इलास्टिक के साथ आपकी वेस्ट पर फिट होती है। गर्मियों में जब सारे शरीर पर पसीना (Bra problems in summer) आता है, तो इस टाइट इलास्टिक के नीचे पसीना (Sweating) ठहरने लगता है। आपने भले ही स्ट्रेप को लूज़ करते हुए अपने कंधों को आराम देने की कोशिश की हो, तब भी ये इलास्टिक पसीने (Sweating) , खुजली (itching), स्किन रैश (Skin rashes) और लालामी का कारण बनता है।
पब मेड पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार ब्रिटिश आर्मी में भर्ती महिला कर्मियों को भी ब्रा और ब्रेस्ट हेल्थ से जुड़े मुद्दों का सामना करना पड़ता है। 246 महिला कैडेट्स पर किए 13 सप्ताह तक किए गए इसअध्ययन के पहले हिस्से में महिलाओं को सामान्य ब्रा और दूसरे हिस्से में परफेक्ट फिट की स्पोट्रर्स ब्रा उपलब्ध करवाई गई। इसके बावजूद स्तन स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों से पूरी तरह से निजात नहीं मिल पाई। यानी अभी इन मुद्दों पर और भी ज्यादा अध्ययन की जरूरत है।
ब्रा के बारे में क्या कह रही है एक्सपर्ट
डॉ क्यूटरस की पोस्ट यहां देखें
सोशल मीडिया पर डॉ क्यूटरस ने इस जरूरी मुद्दे को संबोधित करते हुए यह स्पष्ट किया है कि ब्रा पहनना या न पहना पूरी तरह से आपकी च्वॉइस पर निर्भर है। वे कहती हैं, “कुछ महिलाएं ब्रा पहनने के बाद खुद को ज्यादा कम्फर्टेबल फील करती हैं, जबकि कुछ को इसमें कसाव महसूस होता है। इसलिए यह पूरी तरह आप पर है कि आप ब्रा पहनें या न पहनें।”
यहां वे ब्रा के बारे में प्रचलिए कुछ मिथ्स को भी छोड़ने की बात कर रहीं हैं। वे कहती हैं, “ब्रा न पहनने से स्तन लटकने लगते हैं या काली ब्रा पहनने से आपको ब्रेस्ट कैंसर (black bra in summer cancer) हो सकता है, ये सभी मिथ्स हैं। इनका सत्यता से कोई संबंध नहीं है। ब्रा से संबंधित किसी एलजे’ब्रा’ में न पड़ें, क्योंकि ये पूरी तरह आपकी आराम और पसंद का मामला है।”
यहां कुछ और भी मिथ्स हैं, जिन्हें आपको पूरी तरह छोड़ देना चाहिए
1 मिथ – ढीली ब्रा ज्यादा कम्फर्टेबल है
फैक्ट – यह सबसे ज्यादा प्रचलित मिथ्स में से एक है और ज्यादातर लड़कियां इस पर भरोसा करती हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, कुछ महिलाएं गर्मियों में अपने कप साइज़ से एक नंबर बड़ी ब्रा पहनती हैं। ताकि वे सहज रह सकें।
असल में कहीं से भी ढीली ब्रा आपको उतना ही अनकम्फर्टेबल रखेगी, जितना कि टाइट ब्रा। अगर आप ब्रा के साथ सहज होना चाहती हैं, तो स्ट्रेप, वेस्ट और कप साइज पर फिट ब्रा ही पहनें। ताकि आपके स्तनों को पूरा सपोर्ट मिल सके।
2 मिथ – भारी स्तनों के कारण आपको कंधों और कमर में दर्द हो सकता है
फैक्ट – कमर और कंधे के दर्द का आपके स्तन साइज से कोई संबंध नहीं है। अगर आप इस समस्या से जूझ रहीं हैं, तो इसका मतलब है कि आपकी ब्रा के स्ट्रेप बहुत ज्यादा टाइट हैं। आपको तुरंत अपनी ब्रा बदलकर एक परफेक्ट फिट तलाशना चाहिए। ब्रा का सही सपोर्ट आपको इस तरह के दर्द से निजात दिला सकता है।
3 मिथ – एक बार ब्रा की फिट समझ आ जाए, तो यह जीवन भर चल सकती है
फैक्ट – ये अपने आप में बहुत अजीब कैलकुलेशन है। आपके स्तनों का आकार जीवन भर बदलता रहता है। प्यूबर्टी के बाद से मेनोपॉज तक, प्रेगनेंसी, स्तनपान और वेट लॉस, वेट गेन के साथ भी आपके स्तनों का आकार बदलता रहता है। इसलिए जरूरी है कि हर बार अपने लिए सही फिटिंग की ब्रा तलाश करें।
4 मिथ – छोटे स्तन वाली महिलाओं को पैडेड पुशअप ब्रा पहननी चाहिए
फैक्ट – आपका लुक और बहुत सारी चीजों पर मैटर करता है। यकीनन परफेक्ट फिट लुक को बेहतर बनाता है। पर इसका यह अर्थ नहीं कि आप अपने स्तनों पर एक्स्ट्रा लोड डाल दें। हर रोज पुशअप पैडेड ब्रा आपके स्तनों को सांस लेने में परेशानी उत्पन्न कर सकती है। आप इन्हें कभी-कभार अपनी दूसरी ब्रा के साथ ऑल्टरनेट डे पर पहन सकती हैं। पर हर रोज़ आपको इस बोझ से बचना चाहिए।
यह भी पढ़ें – क्या आपकी ब्रा बहुत ज्यादा टाइट है? जानिए क्या हो सकता है इसका नुकसान