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आयुर्वेद में पलाश को कहा गया है औषधीय फूल, जानिए यह कैसे हो सकता है लाभकारी

बसंत हो या फागुन, इनकी दस्‍तक पलाश के फुलों के चटख रंगों के साथ ही महसूस होती है। पर क्‍या आप जानती हैं कि चटख रंग के ये खूबसूरत फूल औषधीय गुणों से भी भरपूर हैं।
Updated On: 13 Oct 2023, 09:45 am IST
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पलाश के फूल डेटोक्स का काम करते हैं . चित्र : शटरस्टॉक
पलाश के फूल डेटोक्स का काम करते हैं . चित्र : शटरस्टॉक

इन दिनों टेसु या पलाश के फूलों पर बहार आई हुई है। पुराने समय से ही होली के रंगों में इसका प्रयोग होता आया है। होली के कई दिन पहले से टेसू के फूलों को पानी में भिगो दिया जाता था, फिर उन्हें उबालकर ठंडा किया जाता था, जिसके बाद उनसे रंग बना कर होली खेली जाती थी और इसकी खुशबू से वातावरण महक उठता था।

वर्तमान में इसके वृक्ष यदा-कदा ही देखने को मिलते हैं। संरक्षण के अभाव में ये लुप्त हो रहें हैं। टेसू को पलाश के नाम से भी जाना जाता है, लेकिन यह सिर्फ फूल नहीं है, बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर है। पलाश के पेड़ के फूल, बीज, और जड़ आयुर्वेद की दृष्टि से औषधि का काम करते हैं। आयुर्वेद में इनके कई स्वास्थ्य लाभ भी बताए गए हैं।

यहां जानिए क्‍यों औषधीय फूल है पलाश

1 पेट के कीड़ों के लिए

पलाश के बीज में एंटीवर्म गुण पाया जाता है, जिसकी वजह से ये पेट के कीड़ों को नष्ट करता है। नियमित रूप से पलाश के बीज का पाउडर खाने से किसी भी तरह के पेट के संक्रमण से राहत मिलती है। आप एक चम्मच पलाश के पाउडर को शहद के साथ मिलाकर सुबह खाली पेट लें सकती हैं।

2 दस्त के लिए पलाश

पलाश के फूल में एक एसट्रिनजेंट गुण मौजूद होता है, जिसकी वजह से ये पेचिश और दस्त जैसी समस्याओं से निजात पाने में मदद करता है। हर रोज़ पलाश का किसी भी प्रकार से सेवन करने से पेट की समस्याएं दूर रहती हैं।

पेट की समस्याओं के लिए पलाश के चूर्ण का सेवन बेहद फायदेमंद है। चित्र: शटरस्‍टॉक
पेट की समस्याओं के लिए पलाश के चूर्ण का सेवन बेहद फायदेमंद है। चित्र: शटरस्‍टॉक

3 मधुमेह

पलाश के पत्तों में टिक्टा गुण मौजूद होते हैं, जो शरीर में कफ और पित्त को कम करते हैं। जिसके कारण चयापचय में सुधार होता है और हाई ब्लड प्रेशर के स्तर को विनियमित करने में मदद मिलती है।

4 त्वचा रोग

आयुर्वेद के अनुसार, पलाश के बीज का पेस्ट बाहरी रूप से लगाए जाने पर एक्जिमा और अन्य त्वचा विकारों से निजात पाने में मदद करता है। इसका पेस्ट लगाने से खुजली और रूखेपन की समस्या से राहत मिलती है। इसमें एक तरह का एसट्रिनजेंट गुण मौजूद होता है, जो त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद है।

5 योनि संक्रमण

पलाश के पत्तों से तैयार काढ़े का उपयोग नियमित रूप से ल्यूकोरिया (श्वेत या पीले योनि स्राव) और योनि के संक्रमण को ठीक करने के लिए किया जाता है।

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योनि संक्रमण के लिए पलाश के फूल हैं बेहद लाभदायक। चित्र: शटरस्‍टॉक
योनि संक्रमण के लिए पलाश के फूल हैं बेहद लाभदायक। चित्र: शटरस्‍टॉक

6 घाव

पलाश के बीज का काढ़ा इसके हीलिंग गुणों के कारण घाव को भरने में मदद करता है। ये रक्तस्राव होने से रोकता है, जिससे घाव जल्दी भरता है। एक पलाश का फूल लें और उसे गुलाब जल के साथ पीस लें। अब इसे प्रभावित जगह पर लगाएं, खून तुरंत रुक जायेगा।

7 मूत्र का अवधारण

पलाश के फूलों का उपयोग नियमित रूप से प्यूबिक क्षेत्र को धोने के लिए किया जा सकता है। इससे मूत्र प्रवाह में वृद्धि होती है और वात संतुलन प्रकृति के कारण मूत्र की रुकावट को ठीक करने में मदद मिले।

नोट : पलाश या टेसु आयुर्वेदिक औषधि है। परंतु बिना किसी विशेषज्ञ सलाह के खुद ही इसका इस्‍तेमाल न करें।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

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