क्या आपने कभी सुना है कि रोजमर्रा की कई आदतें आपके दांतों को नुकसान पहुंचा सकती हैं? बतौर डेंटिस्ट हमारे पास अक्सर रोगी दांतों के टूटने, मसूड़ों में तकलीफ, दांत पीसने जैसी शिकायतें लेकर आते हैं। ये आदतें पूरी जिंदगी लोगों को प्रभावित करती हैं, उन्हें दर्द, असहजता, दांतों की विकृति की समस्या रहती है। आपके दांतों और मुंह से जुड़ी कुछ ऐसी ही हानिकारक आदतों (causes of dental problems) के बारे में नीचे बताया गया है।
नाखूनों को चबाने से जबड़ा खराब हो सकता है, क्योंकि आप काफी लंबे समय तक असामान्य स्थिति में रखते हैं और इससे दांत टूटने का भी खतरा रहता है। नाइट गार्ड का इस्तेमाल, नेलपॉलिश लगाना या फिर टॉपकोट से नाखूनों को चबाने की आदत दूर करने में मदद मिल सकती है।
बर्फ और इनैमल दोनों ही क्रिस्टल होते हैं और जब दो सख्त चीजें एक-दूसरे को दबाती हैं, तो एक हमेशा दूसरे को क्षतिग्रस्त कर देता है। इससे दांत में फ्रैक्चर या फिर फिलिंग डैमेज हो सकती है। पेय लेते समय स्ट्रॉ का इस्तेमाल या फिर बर्फ का इस्तेमाल ना करने से आप अपने दांतों का ख्याल रख सकते हैं।
धूम्रपान या वैपिंग से मसूड़ों की समस्याओं, दांतों के खराब होने, दांत झड़ने, मुंह की दुर्गंध, बार-बार मुंह सूखना और मुंह के कैंसर का काफी खतरा रहता है। काफी सारे उपचार से तंबाकू को छोड़ने में मदद मिल सकती है और दांतों के खराब होने, मसूड़ों की समस्याओं, दांत के गिरने, मुंह की दुर्गंध को दूर किया जा सकता है। साथ ही निकोटीन पैचेस का इस्तेमाल भी मददगार हो सकता है।
पेय से भरे बोतल या फिर सिपिंग कप से पेय पीने से दांत के इनैमल नष्ट हो सकते हैं। बुलबुले वाले ड्रिंक्स की जगह सादा पानी पिएं और सोने से पहले सॉफ्ट ड्रिंक्स और फ्रूट जूस लेने से बचें।
खाने के बीच में उच्च शक्करयुक्त चीजें खाने से मुंह में बैक्टीरिया पनपने लगता है, जिससे दांत खराब होने लगते हैं। संतुलित आहार के साथ पर्याप्त पानी इससे बचाव में मदद कर सकता है।
चर्चित मान्यताओं से उलट,दांतों में फंसा हुआ खाना बाहर निकालने के लिए टूथपिक का इस्तेमाल करने से आपके मसूड़ों को ज्यादा नुकसान पहुंचता है और दांतों के बीच बेवजह जगह बनती है। पानी का कुल्ला, पारंपरिक थ्रेड फ्लॉस या फिर इंटरडेंटल ब्रश से मुंह की अच्छी साफ-सफाई बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
धातु की पीयर्सिंग पर गलती से या फिर जानबूझकर दांत लगाने से दांतों को नुकसान पहुंचता है। मसूड़ों की तरफ पीयर्सिंग को रगड़ने से वो भी ढीले हो जाते हैं और दांत गिर सकते हैं। ओरल कैंसर से बचने के लिए जीभ पर पीयर्सिंग कराने से बचना चाहिए।
शराब की वजह से मुंह सूखता है, जिससे लार मुंह के बैक्टीरिया को बाहर नहीं निकाल पाते हैं। इसकी वजह से मुंह से बदबू आना और आपके दांतों पर कीड़े लगने का खतरा काफी बढ़ जाता है। शराब अम्लीय होती है, जोकि इनैमल को नष्ट कर देती है। ज्यादा मात्रा में कार्बोनेटेड स्पार्कलिंग पानी पीकर इससे बचाव किया जा सकता है।
अनजाने में की जाने वाली इस हरकत से दांतों को नुकसान हो सकता है और मांसपेशियों में दर्द या जबड़ों का मूवमेंट सीमित हो सकता है। आराम देने वाली एक्सरसाइज और नाइट गार्ड की मदद से इस आदत को रोका जा सकता है।
कई सारे लोग कलम, सुइयों, नाखून, कपड़ों के पिन को पकड़ने के लिए अपने दांतों को “तीसरे हाथ” की तरह इस्तेमाल करते हैं या फिर नट्स को फोड़ने, पैकेट खोलने या तारों को काटने के लिए ऐसा करते हैं। जब भी दांतों का इस्तेमाल चबाने के उद्देश्य से नहीं किया जाता है तो जबड़े को चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है या फिर दांतों में क्रैक आ सकता है। अपने दांतों को भोजन चबाने के अलावा किसी और काम के लिए इस्तेमाल ना करें।
इन बुरी आदतों के अलावा, दांतों की देखभाल से बचते रहना एक ऐसी बुरी आदत है जोकि मुंह की सेहत को नुकसान पहुंचाता है। दांतों की जांच में देर करना या दांतों के दर्द को नजरअंदाज करना आसान है, लेकिन यह अपने आप कभी नहीं जाता। इससे बेहतर है, दांतों की समस्याओं का उचित इलाज कराएं। आपके शरीर में दांत ही एकमात्र एक ऐसा अंग है जोकि अपने आप ठीक नहीं होता।
अगली बार जब भी आप अपने डेंटल अपॉइंटमेंट से बचने की कोशिश करें या फिर उसे रीशेड्यूल करें- उससे पहले एक बार जरूर सोच लें।
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