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अगर आपकी मम्मी भी रख ही छठ पर्व का व्रत, तो इस तरह रखें उनकी सेहत का ख्‍याल

पर्व-त्यौहार और व्रत मंगल कामना के लिए किए जाते हैं, पर इस दौरान सेहत की लापरवाही करना बिल्‍कुल भी ठीक नहीं।
Updated On: 10 Dec 2020, 12:08 pm IST
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chhath pooja 2021
व्रत-उत्‍सव के दौरान महिलाएं 36 घंटे का 'निर्जला' उपवास रखती हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

आज शाम से छठ का महापर्व प्रारंभ हो रहा है। छठ पूर्वांचल का महापर्व माना जाता है। दीपावली खत्म होते ही लोग इसकी तैयारी में लग जाते हैं। खास तौर से घर की बड़ी उम्र की महिलाएं छठ पर बहुत कठिन व्रत रखती हैं। अगर आपकी मम्‍मी या सासू मां भी छठ पर्व पर व्रत रख रहीं हैं, तो उनकी सेहत का ख्‍याल रखना आपकी भी जिम्‍मेदारी है।

यूपी, बिहार, झारखंड और नेपाल में महीनों पहले से लोग छठ का इंतजार करने लगते हैं। दूर-दूर से लोग छठ मनाने अपने परिवार के पास लौटते हैं। पर इस बार कोविड-19 महामारी के कारण अन्‍य त्‍यौहारों की तरह छठ पर्व भी कुछ अलग है। इसलिए यह जरूरी है कि आप उत्‍सव के साथ-साथ सेहत का भी ख्‍याल रखें।

एजिंग पेरेंट्स और छठ महापर्व

बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं के लिए व्रत रखना थोड़ा मुश्किल होता है। ऐसे में अगर आपकी मां या सासू मां किसी तरह के रोग से ग्रस्त हैं, तो उनके लिए व्रत रख पाना और भी मुश्किल है।

छठ पूजा चार दिन का उत्सव है। इस दौरान लोगों को 36 घंटे का व्रत रखना होता है। व्रत के दौरान पानी भी नहीं पी सकते हैं। इसलिए अगर वे डायबिटीज या ब्‍लड प्रेशर जैसी किसी स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी परेशानी की शिकार हैं, तो उन्‍हें यह लंबा उपवास न रखने दें।

बाहर जाने की बजाए घर में ही करें पूजा की तैयारी

छठ पर घाट पर जाकर पूजा करने का विधान है। पर कोविड-19 महामारी के चलते ज्‍यादातर घाटों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उनके स्‍वास्‍थ्‍य के लिहाज से भी यह बेहतर है कि आप घर के भीतर ही पूजा-पाठ की व्‍यवस्‍था करें।

बाहर जाने की बजाए घर पर ही पूजा की व्‍यवस्‍था करें। चित्र: शटरस्टॉक
बाहर जाने की बजाए घर पर ही पूजा की व्‍यवस्‍था करें। चित्र: शटरस्टॉक

मम्मी को ठंडे पानी से स्नान न करने दें

यह मौसम में बदलाव का समय है। इस दौरान सर्दी, खांसी और फ्लू जैसी समस्‍याएं बहुत जल्‍दी हो जाती हैं। इसलिए कोशिश करें कि वे ठंडे पानी से स्‍नान करने की बजाए गुनगुने पानी का इस्‍तेमाल करें। स्‍नान, अर्घ्‍य आ‍दि के लिए स्‍वीमिंग पूल या बाथ टब का भी इस्‍तेमाल किया जा सकता है। साथ ही उन्‍हें शॉल आदि ओढ़ने के लिए भी कहें।

खरना की खीर और डायबिटिक महिलाएं

खरना में खीर बनाई जाती है। हालांकि इसमें चीनी की बजाए गुड़ का इस्‍तेमाल किया जाता है। वैसे गुड़ रिफाइंड शुगर से ज्‍यादा हेल्‍दी विकल्‍प है। पर आप चाहें तो इसकी बजाए खजूर या शहद का भी इस्‍तेमाल कर सकती हैं।

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

अगर उन्‍हें डायबिटीज की शिकायत है तो शुगर फ्री का इस्‍तेमाल कर सकती हैं। पर उपवास से पहले डॉक्‍टर से परामर्श जरूर कर लें।

यह भी जरूरी है कि आप हर दिन उनका ब्‍लड शुगर लेवल चैक करती रहें।

डायबिटीज के रोगी कठिन उपवास न करें

डायबिटीज के रोगियों के लिए यह व्रत रखना थोड़ा कठिन हो सकता है। यदि आपकी मम्मी को डायबिटीज है तो आप उन्हें कठिन उपवास न करने का आग्रह कर सकती हैं। साथ ही यदि अगर जरूरी न हो तो साधारण भोजन से भी अपनी मम्मी का व्रत खुलवा सकती हैं।

अगर उन्‍हें डायबिटीज है तो कठिन उपवास न रखने दें। चित्र: शटरस्‍टॉक
अगर उन्‍हें डायबिटीज है तो कठिन उपवास न रखने दें। चित्र: शटरस्‍टॉक

दवा रखें पास

अपनी मम्मी का समय-समय अपना ब्लड शुगर लेवल चेक करती रहें। किसी भी परिस्थिति में उनकी दवाइयां मिस न होने दें। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर सबसे पहले डॉक्टर से परामर्श लें। बिना डॉक्टर से परामर्श के किसी भी तरह का घरेलु नुस्खा अपनी मम्मी को इस्तेमाल न करने दें।

अर्घ्‍य के दौरान सोशल डिस्‍टेंसिंग का रखें ध्यान

बहुत जरूरी न हो तो घर से बाहर न निकलें। कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए आप अपनी मम्मी के मास्क का ध्यान रख सकती हैं। आप और आपकी मम्मी अगर घर से बाहर जाते हैं तो मास्क जरूर पहनें। साथ ही बाहर ज्यादा भीड़ के बीच न खड़ें हों। सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखें।

डिजिटल दर्शन करें

बाहर घाट पर जाने के बजाए घर पर ही सूर्यदेव की पूजा करें। कोरोना से बचाव के लिए आप अपनी मम्मी को घाट के अपने मोबाइल के जरिए घाट के डिजिटल दर्शन करा सकती हैं। साथ ही अपने रिश्तेदारों को वीडियो कॉल के जरिए ही त्योहार की शुभकामनाएं दे सकते हैं।

दर्शन और शुभकामनाएं डिजिटल ही ठीक हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक
दर्शन और शुभकामनाएं डिजिटल ही ठीक हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

घर से बाहर जाते समय मास्क जरूर पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग भी बनाए रखें।

अंत में, सबसे जरूरी बात, आस्‍था एक बड़ी शक्ति है। यह आपको मानसिक और भावनात्‍मक रूप से मजबूत रखती है। पर यह शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य की लापरवाही की अनुमति नहीं देती। शुभ छठ महापर्व।

यह भी पढ़ें – चाहें जैसे भी हों हालात, इन 5 बातों के लिए आपको कभी नहीं महसूस होना चाहिए गिल्‍ट

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टीम हेल्‍थ शॉट्स
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