अगर प्रीडायबिटिक हैं तो ये 3 एक्सरसाइज़ कम कर सकती हैं आपका डायबिटीज़ का जोखिम

डायबिटीज से पहले लोग होते हैं प्रीडायबिटिक। इसलिए इसके लक्षणों और संकेतों को समझना बहुत ज़रूरी है, ताकि डायबीटीक जोखिम से बचा जा सके।
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ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखें। चित्र: शटरस्टॉक
Published On: 8 Sep 2022, 04:44 pm IST
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हमारे देश में इस समय डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की संख्या बहुत अधिक है। मगर क्या आप जानते हैं डायबिटीज की शुरुआत प्री-डायबिटीज (Pre-diabetes) से होती है। प्री-डायबिटीज के बारे में जानना हर किसी के लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि इसके बारे में पता चल गया तो, हो सकता है आपको डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी का सामना न करना पड़े। प्री-डायबिटीज का पता चलने पर डॉक्टर से संपर्क कर बेहतर तरीके से इलाज करवाया जाए तो डायबिटीज से बचा जा सकता है।

क्या है प्री-डायबिटीज?

प्री-डायबिटीज की कंडीशन में व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) की साइट पर प्रकाशित पबमेड सेंट्रल (PubMed Central) की रिसर्च के मुताबिक, जब किसी इंसान का ब्लड शुगर लेवल सामान्य से अधिक हो जाता है, तो उस कंडीशन को प्री-डायबिटीज कहते हैं।

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प्री-डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल सामान्य से अधिक हो जाता है। चित्र शटरस्टॉक

हालांकि, इस दौरान यह स्तर डायबिटीज से तो कम ही होता है लेकिन हमारे शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस की परेशानी पैदा हो जाती है। प्री-डायबिटीज में हमारा शरीर अधिक इंसुलिन बनाता है, लेकिन कुछ वक़्त के बाद एक्स्ट्रा इंसुलिन बनना कम हो जाता है। इसके बाद इस वजह से शुगर लेवल बढ़ जाता है और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी हो जाती है।

क्या होता है प्रीडायबिटीज लेवल?

यदि आपको डायबिटीज है तो आपकी फास्टिंग शुगर- 126 मि.ग्रा. से अधिक और पी.पी. शुगर (खाने के 2 घन्टे बाद) 200 मि.ग्रा.से अधिक होती है। और यदि आपको डायबिटीज नहीं हैं लेकिन आप सामान्य भी नहीं हैं तो आपकी फास्टिंग शुगर-100 -126 मि.ग्रा. और पी.पी. शुगर (खाने के 2 घन्टे बाद) 140-200 मि.ग्रा. है तो यह प्री-डायबिटीज की अवस्था है।

दूसरे शब्‍दों में, यदि ब्‍लड टेस्ट किया जाए एवं खाली पेट ग्लूकोज का स्तर 100 से अधिक एवं भोजन या 75 ग्राम ग्लूकोज लेने के बाद 140 से ज्यादा होने लगे तो इसे प्री-डायबिटीज कहा जाता है।

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टाइप 2 डायबिटज में लाभदायक है कोल्ड कॉफी।चित्र: शटरस्टॉक

प्रीडायबिटीज में एक्सरसाइज क्यों करनी चाहिए?

एक्सरसाइज करना या एक्टिव रहना आपको प्रीडायबिटीज और डायबिटीज में ही नहीं, बल्कि कई अन्य हेल्थ कंडिशन में भी आपके लिए लाभदायक साबित हो सकता है। रिसर्च के अनुसार, फिजिकल एक्टिविटी (Physical Activities) से आपको बेहतरीन हेल्थ पाने में मदद मिल सकती है। प्रीडायबिटीज टाइप 2 डायबिटीज के डेवलप होने का पहला स्टेप हो सकता है। ऐसे में, एक्सरसाइज करने से आप न केवल अपना वजन कम कर सकते हैं और इसके साथ ही आप टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) से भी बच सकते हैं।

प्रीडायबिटीज में कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए?

प्रीडायबिटीज में एक्सरसाइज को करने से आपको लाभ हो सकता है। इस दौरान आप इन एक्सरसाइजेज को करना चाहिए:

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

मॉर्निंग वॉक-

वैसे तो आपने वॉक करने के बहुत से फायदे सुने होंगे लेकिन प्री-डायबिटिक मरीजों को सुबह के समय वॉकिंग करने से बहुत से फायदे मिलते हैं, जिन्हें शायद बहुत ही कम लोग जानते होंगे। यह सिर्फ ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में ही सहायता नहीं करती है। अगर आप प्री-डायबिटिक हैं, तो ब्रिस्क वॉकिंग से यह रोग विकसित होने से भी रोका जा सकता है।

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टहलने से वजन घटता है। चित्र: शटरस्टॉक।

सुबह करें एरोबिक डांस –

अगर सुबह-सुबह उठ कर आपका मन एक्सरसाइज करने का नहीं होता है, तो आपको रोजाना सुबह के वक़्त कम से कम 30 मिनट एरोबिक डांस करना चाहिए। इसे सप्ताह में पांच दिन कम से कम जरूर करें। धीरे-धीरे आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल ठीक होने लगेगा।

सुबह-सुबह चलाएं साइकिल –

सुबह के वक़्त साइकिल चलाने से एक नहीं बल्कि बहुत से फायदे होते हैं और खासतौर पर प्री-डायबिटिक मरीजों के लिए तो बहुत ही खास हो सकता है। रोजाना लगभग 20 मिनट तक साइकिल चलाएं इससे आपका ब्लड शुगर कंट्रोल होगा और सुबह-सुबह की ताजी हवा आपको कई बीमारियों से बचाने में आपकी मदद करेगी।

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लेखक के बारे में
निशा कपूर
निशा कपूर

देसी फूड, देसी स्टाइल, प्रोग्रेसिव सोच, खूब घूमना और सफर में कुछ अच्छी किताबें पढ़ना, यही है निशा का स्वैग।

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