बदलते मौसम में सर्दी, ज़ुकाम और खांसी होना एक सामान्य समस्या है। अक्सर जब गर्मी से सर्दी का मौसम आता है तो ठंडी हवाओं, तमाम कीटाणुओं सहित अन्य कई तरह के कारक व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करते है। साथ ही इन कारणों से ‘खांसी’ की समस्या भी हो सकती है। बदलते मौसम में खांसी होना एक सामान्य समस्या है, लेकिन अगर बिना किसी कारण के भी आपको खांसी की समस्या होती है, तो यह एक चिंतनीय विषय है।
वहीं, अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें दिन में तो बिलकुल भी खांसी नहीं आती लेकिन रात में जैसे ही वे सोने जाते हैं, तो उन्हें लगातार खांसी आना शुरू हो जाती है। वहीं, इस समस्या का कारण और इलाज बताते हुए हार्वर्ड ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें हार्वर्ड ने कहा कि रात के समय होने वाली खांसी से कई स्वास्थ्य समस्याएं जुड़ी होती हैं।
हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक़, रात में ज्यादा खांसी आना कई तरह की समस्याओं के लक्षणों के कारण होता है। यदि लंबे समय तक ये खांसी रहती है तो इसके पीछे कई तरह के स्वास्थ्य कारण स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
हार्वर्ड की इस रिपोर्ट में बताया गया कि, लगातार रात में खांसी आना आपके खराब हार्ट हेल्थ की तरफ इशारा करती है। यहां तक कि लगातार खांसी आना भविष्य में आने वाले हार्ट अटैक का लक्षण भी होता है।
रिपोर्ट में बताया गया कि जब हृदय अच्छी तरह से पंप नहीं कर रहा होता है, तो शरीर में मौजूद तरल पदार्थ वापस आने लगता है और जिसके बाद वे दूसरे टिशूज़ में रिसने लगता है। हार्ट हेल्थ खराब होने के मामले में यह प्रक्रिया पूरे दिन ही चलती है लेकिन दिन के समय, जब आप खड़े या बैठे होते हैं, तब गुरुत्वाकर्षण तरल पदार्थ को निचले छोरों में ले जाता है, इसलिए ज्यादा समस्या नहीं होती लेकिन जब आप लेटते हैं, तो फेफड़ों में कुछ तरल पदार्थ जमा हो जाता है ,जिसके कारण आपको लगातार खांसी आती है।
रात में लगातार आती खांसी का कारण पोस्ट-नेजल ड्रिप भी होता है। दरअसल पोस्ट-जल ड्रिप नाक के पीछे से गले तक बलगम का टपकना होता है। यह समस्या सामान्य सर्दी, फ्लू और साइनसाइटिस के आम लक्षण होते है।
इस रिपोर्ट में बताया गया कि दिन के समय जब हम खड़े, बैठे या चलते रहते है तो ग्रैविटी की मदद से यह बलगम गले के पीछे इक्क्ठा हो जाता है और हम इसे शरीर से बाहर कर देते हैं लेकिन रात में जब हम सोने के लिए जाते हैं, तो यह बलगम गले के पीछे इकट्ठा होता रहता है और यदि यह वोकल कॉर्ड्स पर पहुंच जाता है तो , इसके कारण ही ‘गीली खांसी’ की समस्या होने लगती है।
लगातार खांसी आने का कारण गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग भी होता है। दरअसल, जब पेट का एसिड बार-बार आपके मुंह और पेट (ग्रासनली) को जोड़ने वाली नली में मौजूद गोलाकार मांसपेशी को सही से नहीं कस पाता, तब एसिड ऊपर की ओर बहने लगता है, जिसे ‘एसिड रिफ्लक्स‘ कहा जाता है। वहीं, इस रिपोर्ट के मुताबिक़ जब यह एसिड हमारे वोकल कार्ड्स तक पहुंचता हैं, तब हमको खांसी की समस्या हो सकती है।
इस मुद्दे पर हेल्थशॉट्स ने गोवा स्थित मणिपाल हॉस्पिटल के ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ.दीपक मूर्ति से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि लेटते समय खांसी आना हमारे पाचन तंत्र से संबंधित भी होता है, जिसे एसोफेजियल स्फिंक्टर कहा जाता है।
डॉ. दीपक के अनुसार, एसोफेजियल स्फिंक्टर को अपने पेट और गले के बीच एक द्वार की तरह समझें। दरअसल, इसका उद्देश्य पेट की सामग्री को आपके पेट में ही रखना है। उनके अनुसार कभी-कभी यह द्वार ठीक से काम नहीं करता है, और यह खुल सकता है, जिससे आपके पेट से सामग्री, जैसे पाचक रस, आपके गले में पीछे की ओर प्रवाहित हो सकता है। जब पेट का ये लिक्विड लेटने के कारण वोकल कोर्ड्स पर पहुंचता हैं, तो खांसी की समस्या भी हो सकती है।
यदि लंबे समय तक आपको रात में खांसी आती हैं तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। क्योंकि खांसी आना हार्ट अटैक जैसी समस्याओं का भी लक्षण हैं, इसलिए सही समय पर डॉक्टर से कंसल्ट करना बेहद जरूरी होता है।
दरअसल, वेज ताजिया एक प्रकार का ‘तिकोना तकिया’ होता है। जिसको लगाने से आपका सिर पीछे से ऊपर रहता है और गले की तरफ से नीचे रहता है। ऐसा तकिया प्रयोग करने से आपके वोकल कार्ड्स के साथ कोई चीज़ संबंध में नहीं आती और एसिड रिफ्लक्स या पोस्ट-नेजल ड्रिप जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है।
यदि आपको बहुत अधिक खांसी आती हैं, तो आप कभी-कभी खांसी की दवा का सेवन भी कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके गले की चुभन दूर हो सकती है और आपको खांसी से आराम मिल सकता है। लेकिन याद रखें कि खांसी की दवा का सेवन संयमित मात्रा में करें।
यह भी पढ़ें: सर्दी-खांसी और मौसमी संक्रमण का प्राकृतिक उपचार है अर्जुन की छाल, इन 3 तरीकों से कर सकते हैं इस्तेमाल