बच्चों की ग्रोइंग पीरियड (Growth period) के दौरान आपको अधिक सचेत रहने की आवश्यकता होती है। यह समय बहुत कीमती होता है। ब्रेन डेवलपमेंट, मजबूत हड्डियों से लेकर शरीर का हर एक फंक्शन इस समय ग्रो कर रहा होता है। और ये सब बढ़ते हुए कद के साथ महसूस किया जा सकता है। पर अगर आपके बढ़ते बच्चे का कद इन दिनों नहीं बढ़ रहा है, या कम बढ़ रहा है, तो आपको उसके आहार में कुछ पोषक तत्वों को चेक करने की जरूरत है।
बच्चों के ग्रोथ ईयर में पोषण बहुत जरूरी है। यदि इसमें जरा सी भी लापरवाही बरती जाए, तो इसका असर न सिर्फ उनके कद पर पड़ता है, बल्कि बाद में उन्हें कई तरह की अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। यदि खानपान के प्रति सचेत न रहा जाए तो यह बच्चों के हेल्दी डेवलपमेंट में रुकावट का कारण बन सकता है। इसलिए महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से युक्त खाद्य पदार्थों का चयन करना बहुत जरूरी है।
न्यूट्रीशन स्वास्थ्य और हेल्दी ग्रोथ के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। वहीं हर एज ग्रुप के बच्चे को अलग-अलग प्रकार के न्यूट्रिशन की जरूरत पड़ती है। इसके साथ ही पोषक तत्वों के बीच संतुलन बनाए रखना भी जरूरी है। तो ऐसे में अपने छोटे बच्चों के डाइट में इन पांच जरूरी न्यूट्रिशंस को शामिल करना न भूलें।
हेल्थ शॉट्स ने न्यूट्रीफाई बाई पूनम डाइट एंड वैलनेस क्लीनिक एंड अकेडमी की डायरेक्टर पूनम दुनेजा से इस विषय पर बातचीत की। वे कहती हैं, “आजकल के बच्चों के लिए न्यूट्रीशन बैलेंस करना बहुत जरूरी है, क्योंकि मोबाइल फोन और गेमिंग की दुनिया ने कहीं न कहीं सभी बच्चों की सेहत को असंतुलित कर दिया है।”
हालांकि, बच्चों को पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों की आदत डलवाना किसी टास्क से कम नहीं है। इसलिए क्रिएटिव तरीके से ब्राइट कलर के फ्रूट और वेजिटेबल को उनके सामने प्रस्तुत करें। वहीं सलाद, कटलेट और स्मूदी के रूप में हरी पत्तेदार सब्जियों को बच्चों की डाइट में शामिल कर सकती हैं। यह उनके लिए जरूरी पोषक तत्वों जैसे आयरन, कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई, मैग्नीशियम, जिंक, फास्फोरस और फोलिक एसिड का एक अच्छा स्रोत होता है।”
न्यूट्रीशनिस्ट ने बातचीत के दौरान आगे बताया कि “अपने बच्चों की प्लेट में डोसा, नूडल्स और उत्तपम के रूप में ओट्स, रागी और अन्य अनाजों को शामिल करें। पोषक तत्वों से भरपूर यह अनाज बच्चों की सेहत के लिए काफी ज्यादा जरूरी होते हैं। ऐसे में इन अनाजों को अन्य रेसिपीज में कन्वर्ट करके बच्चों की डाइट में शामिल कर सकती हैं।
साथ ही उनके डेली प्रोटीन की जरूरतों को पूरा करने के लिए बटरमिल्क, अंडा, चिकन और फिश जैसे खाद्य पदार्थों को उनके नियमित डाइट में शामिल करें। पोषक तत्वों से भरपूर यह सुपव्रफूड्स मांसपेशियों और हड्डियों के ग्रोथ के लिए काफी महत्वपूर्ण होते है। इसके साथ ही हारमोंस को भी ग्रो करने में मदद करते है। हार्मोनल ग्रोथ बच्चों की बढ़ती लंबाई के लिए काफी जरूरी है।
डाइटिशियन पूनम दुनेजा के अनुसार प्रोटीन बच्चों की डाइट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए। प्रोटीन शरीर में फूड्स को ब्रेकडाउन करता है और इसे एनर्जी में परिवर्तित करता है। इसके साथ ही यह इंफेक्शन से लड़ने और ऑक्सीजन को पूरे शरीर में रेगुलेट होने में मदद करता है।
इस बात का ध्यान रहे कि जानवरों के स्रोत से लिया गया प्रोटीन पौधों के प्रोटीन से ज्यादा प्रभावी होता है। इसलिए यदि आपका बच्चा वेजिटेरियन है, तो प्लांट बेस्ड प्रोटीन के साथ अन्य प्रोटीन सप्लीमेंट ऐड करना न भूलें।
यहां हैं प्रोटीन से युक्त कुछ खास सुपरफूड्स के नाम – रेड मीट, मछली, अंडा, क्विनोआ, दाल, बिन्स, नट्स।
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कस्टमाइज़ करेंकार्बोहाइड्रेट शारीरिक उर्जा के लिए एक सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। यह ब्रेन फंक्शन और मूड हार्मोंस को रेगुलेट करने में मदद करता है। इसके साथ ही यह फैट और प्रोटीन को टिशू रिपेयर करने में सहायता करता है। शरीर के लिए साबुत अनाज, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट बहुत जरूरी होता है।
यहां हैं कार्बोहाइड्रेट से युक्त कुछ खास सुपरफूड्स के नाम – आलू, गाजर, चावल, साबुत अनाज, पास्ता और पंपकिन।
न्यूट्रीशनिस्ट पूनम दुनेजा के अनुसार ग्रोइंग पीरियड में हड्डियों और दांतों की अच्छी और मजबूत ग्रोथ के लिए कैल्शियम एक सबसे महत्वपूर्ण न्यूट्रीशन है। वहीं कैल्शियम एनर्जी प्रोड्यूस करने से लेकर इम्यून सिस्टम तक को रेगुलेट करता है। इसके साथ ही नर्व और हार्ट फंक्शन को भी संतुलित रखता है।
यहां हैं कैल्शियम से भरपूर कुछ खास खाद्य पदार्थों के नाम – दूध, चीज, योगर्ट, तिल के बीज, ब्रोकली, पालक और चिया सीड्स।
हेल्दी ब्लड के लिए आयरन काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। इसके साथ ही सेल्स फंक्शन को इम्प्रोव करने और ऑक्सीजन को सेल्स तक पहुंचाने में मदद करता है। वहीं यह एनर्जी लेवल को बढ़ाता है और थकान को दूर करता है। आयरन दो प्रकार के होते हैं हैम आयरन और नॉन हैम आयरन। हैम आयरन जानवरों से प्राप्त किया जाता है और नॉन हैम आयरन पौधों से। इस बात का ध्यान रहे कि यदि आपका बच्चा नॉन हैम आयरन ले रहा है, तो उसकी डाइट में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा मौजूद हो। यह नॉन हैम आयरन को शरीर में अब्जॉर्ब होने में मदद करेगा।
आयरन की जरूरतों को पूरा करने के लिए इन खाद्य पदार्थों को डाइट में करें शामिल – रेड मीट, साबुत अनाज, अंडे, बिन्स, नट्स और हरी पत्तेदार सब्जियां इत्यादि।
विटामिन सी का सेवन बच्चों की ग्रोथ के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। यह इम्यून हेल्थ को बूस्ट करने के साथ शरीर की हीलिंग पावर को भी बढ़ाता है। वहीं विटामिन सी का नियमित सेवन ब्लड वेसल्स के वॉल को मजबूत बनाता है। इसके साथ ही मसूड़े और दांतों की हेल्थ के लिए भी अच्छा होता है। बच्चे जब ग्रो करते हैं तो विटामिन सी उनकी हड्डियों को स्ट्रांग बनाए रखने में मदद करता है।
यहां है विटामिन सी से भरपूर कुछ जरूरी खाद्य पदार्थों के नाम – खट्टे फल, कीवी फल, स्ट्रॉबेरीज, ब्लू बैरीज़, लाल मिर्च, ब्रॉकली, टमाटर और पालक।
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