हॉर्मोन्स से जुड़ी कोई भी बीमारी नियंत्रण में बहुत समस्या पैदा करती है। अगर उस बीमारी का शिकार आपके उम्रदराज माता-पिता हों तो यह नियंत्रण और मुश्किल हो जाता है। ऐसे में दवा और सही इलाज बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन उतना ही महत्वपूर्ण है सही आहार और पोषक तत्वों का शरीर में पहुंचना। ऐसे में आपको यह भी जानना जरूरी है कि कौन से वे फूड्स हैं जो उन्हें हर कीमत पर अवॉयड करने चाहिए।
हाइपर थायराइड आपके माता-पिता के स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचाता है। इस स्थिति में अत्यधिक थकान, बातें भूल जाना, अवसाद और डायबिटीज की समस्या सामने आती हैं। जहां एक ओर आपके डॉक्टर थायराइड को कंट्रोल करने के लिए दवा देंगे, लेकिन इन फूड्स को अवॉयड करना भी आपके माता पिता के लिए बहुत जरूरी है।
ब्रोकोली, फूल गोभी और पालक जैसी सब्जियां आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हैं, लेकिन आपके एजिंग पेरेंट्स के लिए ऐसा नहीं है। इन हरी सब्जियों में मौजूद फाइबर और पोषक तत्व थायराइड हॉर्मोन बनने में अवरोध पैदा कर सकते हैं। इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित स्टडी के अनुसार हरी पत्तेदार सब्जियों में गोईट्रोगेन्स नामक कम्पाउंड होता है, जो शरीर की आयोडीन सोखने की क्षमता को कम करता है। इससे थायराइड की समस्या और अधिक बढ़ जाती है।
सोया में इसोफ्लेवोन्स नामक कंपाउंड होता है, जो आपके माता-पिता के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। जर्नल ‘थायराइड’ में प्रकाशित स्टडी के अनुसार सोया के सेवन से थायराइड की दवा के शरीर मे अब्सॉर्ब होने में समस्या उत्पन्न हो सकती है। अगर आप सोया के बने उत्पादों को पूरी तरह अवॉयड नहीं कर सकती हैं, तो दवा देने के कुछ घण्टों तक रुक के ही इनका सेवन करने दें।
ग्लूटेन गेंहू में मौजूद होता है जिसके कारण ब्रेड, पास्ता से लेकर रोटी तक में यह पाया जाता है। ग्लूटेन छोटी आंत में समस्या पैदा करता है, जिससे थायराइड हॉर्मोन अब्सॉर्ब नहीं हो पाता। न ही इससे हॉर्मोन की जगह दी जाने वाली दवाएं अब्सॉर्ब हो पाती हैं।
एक्सपेरिमेंटल एंड क्लीनिकल एंडोक्राइनोलॉजी नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार ग्लूटेन रहित आहार थाइराइड के मरीजों के लिए अधिक फायदेमंद होता है।
बिस्किट, स्नैक्स या फ्रोजेन फूड में सोडियम का स्तर बहुत ज्यादा होता है। यही कारण है कि हाइपर थायराइड के मरीजों को प्रोसेस्ड भोजन से दूर रहने की सलाह दी जाती है। अत्यधिक सोडियम थायराइड ग्लैंड को बहुत एक्टिव बन देगा जिसके कारण स्थिति और गम्भीर हो जाएगी।
फाइबर पाचनतंत्र से लिये बहुत जरूरी है, लेकिन इसकी अधिकता थायराइड ग्लैंड के लिए अच्छी नहीं है। अमेरिकी सरकार की हेल्थ गाइड लाइन के अनुसार 50 वर्ष से ऊपर के लोगों को दिन में मात्र 25 से 38 ग्राम फाइबर लेना चाहिए। इससे अधिक फाइबर दवा सोखने में बाधा उत्पन्न करेगा।
शराब के सेवन के बहुत से नुकसान है जिनमें से थायराइड को और बद्तर बनाना भी एक नुकसान है। इंडियन जर्नल ऑफ एंडोक्राइन मेटाबोलिज्म के शोध में यह पाया गया कि शराब का थायराइड ग्लैंड पर बहुत दुष्प्रभाव होता है। यह आपकी जिम्मेदारी है कि आपके माता-पिता शराब से बिल्कुल दूर रहें।
जी हां, दूध और उसके बने उत्पादों को भी हाइपर थाइरोइडिज्म में अवॉयड करना चाहिए। दिल्ली की जानी मानी नूट्रिशनिस्ट डॉ लवनीत बत्रा दूध, दही, पनीर और मख्खन से बने उत्पाद अपने पेरेंट्स को दूर रखने की ही सलाह देती है।
दूध के उत्पाद शरीर में हॉर्मोन्स के संतुलन को बिगाड़ सकते हैं। यही नहीं, थायराइड की समस्या के कारण शरीर मे कैल्शियम अब्सॉर्ब होने में दिक्कत होती है।
अपने माता पिता का सही परहेज करवाना आपकी जिम्मेदारी है, लेकिन उनके डॉक्टर से सलाह लिए बगैर कोई कदम ना उठाएं।
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