हाइपरटेंशन, डायबिटीज और कोविड -19 की तिकड़ी हो सकती है खतरे की घंटी
दुनिया भर में कोविड-19 के कहर से हम सभी अच्छी तरह वाकिफ हैं और भारत भी इससे बच नहीं पाया है ! हालांकि, टीकाकरण अभियान जोरों पर होने के साथ ही कोरोना वायरस के मामले दिन पर दिन कम होने लगे हैं। लेकिन यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी कुछ स्वास्थ्य स्थितियां किसी व्यक्ति को कोविड -19 की गंभीर जटिलताओं का जोखिम बढ़ा सकती हैं।
इसलिए, डायबिटीज और हाइपरटेंशन वाले लोगों के लिए यह अतिरिक्त जिम्मेदारी है कि वे ज्यादा सतर्क रहें। इस घातक वायरस से संक्रमित होने से बचने के लिए सावधानी बरतें।
क्या है डायबिटीज, हाइपरटेंशन और कोविड-19 के बीच कनेक्शन
हाईपरटेंशन के दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं। इससे प्रभावित लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है। कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की अधिक संभावना हो सकती है, क्योंकि उनका शरीर संक्रमण से लड़ने लायक नही होता।
डायबिटीज के रोगी कोरोनावायरस से संक्रमित होने पर जटिलताओं के विकास और गंभीर लक्षणों के जोखिम में होते हैं। इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों में कोविड-19 होने का खतरा अधिक होता है, लेकिन यदि वे वायरस से प्रभावित होते हैं, तो संक्रमण गंभीर हो जाता है।
डायबिटीज और हाईपरटेंशन वाले लोगों को कोरोना के दौरान कॉम्प्लिकेशन से बचने के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन करने की ज़रूरत है।
डॉक्टर की सलाह के अनुसार स्वस्थ आहार का पालन करें और नमक का सेवन ज्यादा न करें
- दवाएं लेना ना भूलें
- स्वस्थ वजन बनाए रखें
- नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल के स्तर और ब्लड प्रेशर की निगरानी करें
- समय-समय पर डॉक्टर के साथ उनके क्लिनिक में या टेलीकंसल्टेशन के माध्यम से उपचार के लिए जरूरी चीजें फॉलो करें।
- कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन से बचें
- शराब के सेवन से बचें
- धूम्रपान से बचें
- नियमित व्यायाम करें
- सांस लेने की तकनीक, ध्यान, योग आदि का अभ्यास करके किसी भी तनाव से बचें।
इन चीजों को मानने के अलावा, डायबिटीज और हाईपरटेंशन वाले लोगों को भी कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए:
- संक्रमित होने की संभावना को कम करने के लिए बाहर निकलने से बचें।
- बाहर जाने पर कोविड-19 वायरस से संक्रमित होने के जोखिम को कम करने के लिए दो मास्क लगाएं।
- सोशल डिस्टेंसिंग और हाथों की उचित स्वच्छता का पालन करें।
- हाथों को बार-बार साबुन और पानी से या हैंड सैनिटाइज़र से धोएं।
लापरवाही करने पर बढ़ सकती हैं जटिलताएं
शुगर और हाइपरटेंशन वाले मरीजों में अक्सर कई कॉम्प्लिकेशंस देखने को मिलती है। लेकिन शुगर हाइपरटेंशन और कोरोना वायरस की तिकड़ी कई समस्या उत्पन्न कर सकती हैं। यहां हैं वे जटिलताएं जिनका आपको सामना करना पड़ सकता है –
- दिमाग में ब्लीडिंग और स्ट्रोक जैसी न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें हो सकती हैं।
- म्यूकोर्मिकोसिस होने पर जोखिम और भी बढ़ जाता है।
- निमोनिया या अन्य तीव्र श्वसन संक्रमण जैसी श्वसन संबंधी दिक्कतों के विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है।
सकारात्मक रहना ही कोरोनावायरस को हराने की कुंजी है। भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, हाथों की अच्छी स्वच्छता बनाए रखना और इस घातक वायरस को फैलने से रोकने के लिए टीकाकरण कराना सभी की जिम्मेदारी है!