नवरात्रि के साथ ही त्योहारों का मौसम शुरू हो जाता है। दशहरा, करवा चौथ फिर दिवाली सीजन। और इनकी तैयारियों में आप पूरे प्राण-पण से जुट जाती हैं। भले ही पीठ अकड़ कर तख्ता हो जाए, या घर की धूल झाड़ते आप एलर्जी की शिकार हो जाएं। उस पर बदलता मौसम भी सेहत के साथ कम सितम नहीं करता। मौसम के रूखेपन में जब डिस्टेम्पर की पपड़ियां जुगलबंदी करती हैं, तो आपकी त्वचा दस साल बूढ़ी नजर आने लगती है। इसलिए सब तैयारियों, सब आयोजनों के बीच अपनी सेहत को नजरंदाज न करें। जानिए आपको अपना ख्याल (How to take care of yourself) कैसे रखना है।
मौसम बड़ी तेजी से बदल रहा हैं। वातावरण में कभी गर्मी रहती है, तो कभी ठंडक। कई सारे त्योहार भी एक साथ आ रहे हैं। ऐसे में घर की साफ-सफाई भी जरूरी है। साफ सफाई करते वक्त महिलाएं अपना ख्याल नहीं रख पाती हैं। ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर में लापरवाही के साथ-साथ बदलते मौसम की मार उन्हें बीमार कर देती है। ऐसी स्थिति में यह जानना जरूरी है कि आप अपना ख्याल कैसे रख सकती हैं।
अक्टूबर की शुरुआत हुए 3-4 दिन बीत चुके हैं। इस समय दिन में मौसम सामान्य रहता है, तो रात और सुबह के समय तापमान दिन की अपेक्षा कम रहता है। दिन भर गर्मी और सुबह-रात की ठंड रहने का असर हमारे इंसुलिन प्रतिरोध पर पड़ता है।
इससे शरीर का इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ जाता है। यह हमारे लीवर के वसा उत्पादन में वृद्धि करने का कारण बनता है, ताकि टिश्यू में वसा जमा हो सके और शरीर जाड़े के दिनों के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सके। इस दौरान यदि हमारा शरीर किसी वायरस के संपर्क में आता है और हमारा इम्यून सिस्टम वीक रहता है, तो तो हम बीमार पड़ जाते हैं।
साथ ही धूल, धुएं से एलर्जी है तो जोखिम और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए यह जरूरी है कि हर त्योहार, हर मौसम और हर आयोजन में आप अपना ख्याल रखना न भूलें।
महिलाएं चाहती हैं कि वे मल्टीटास्कर बन जाएं। घर के सभी काम-काज त्योहार शुरू होने के पहले निपटा दें। घर-ऑफिस के काम को वे बराबरी से सफलतापूर्वक खत्म कर लें। किसी भी स्थान पर किसी प्रकार की कमी नहीं रह जाये।
इस फेर में वे अपने ऊपर ओवर बर्डन डाल लेती हैं और कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने लग जाती हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें समझना चाहिए कि सेहत सर्वोपरि है। इसका ख्याल रखना सबसे अधिक जरूरी है। कोई भी आल राउंडर नहीं बन सकता है।
चीट डे यानी वीक के 6 दिन डाइटिंग के साथ खूब काम करो, वर्कआउट करो। लेकिन 7वें दिन खूब खाना खाओ। आप इस चीट डे को चीट मंथ न बनाएं। फेस्टिवल की सफाई के नाम पर बिना भोजन की परवाह किये न तो सिर्फ काम करते रहना है और न ही फेस्टिवल के नाम पर महीने भर खूब तेल-मसालेदार खाते रहना है। सेहत का ख्याल रखने के लिए वर्कआउट और भोजन के बीच संतुलन साध कर चलना चाहिए।
फेस्टिव सीजन में आपको कैलोरी इन्टेक का पूरा ख्याल रखना होगा। एक महिला को स्वस्थ रहने के लिए रोजाना 1800-2200 कैलोरी जरूर लेना चाहिए। अधिक कैलोरी वाले भोजन को यदि आप लेती हैं, तो उसे बर्न आउट करने के भी उपाय करने होंगे।
यदि आप डायबिटिक हैं और व्रत रख रहीं हैं, तो आपको कभी भूखे नहीं रहना है। इससे आपका ब्लड शुगर अचानक बहुत लो हो सकता है।
फ़ूड का चयन करते समय भी आपको सावधान रहना होगा। व्रत के दौरान ब्लड शुगर के स्तर को बनाए रखना जरूरी है। अधिक खाना और बिल्कुल नहीं खाना दोनों आपके लिए जोखिम भरा हो सकता है।
अपनी सेहत का ख्याल रखने के लिए बदलते मौसम में हमेशा ताजा भोजन खाना चाहिए। सामान को फ्रिज से निकालकर तुरंत खाने या पेय पीने की कोशिश नहीं करें। ठंडी चीजों के सेवन से गला खराब होने का डर दोगुना बढ़ जाता है।
इससे सर्दी जुकाम भी हो सकती है। पानी गुनगुना पीयें। बदलते मौसम में हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे कि पालक, केल, सरसों के साग, हरी प्याज खाएं। तोरइ, लौकी, भिंडी का सेवन भी इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकता है।
मास्क का प्रयोग सिर्फ बाहर निकलने पर ही नहीं करें। यदि घर की सफाई वैक्यूम क्लीनर से भी कर रही हैं, इसके बावजूद मास्क पहनकर धूल की सफाई करें।
मौसम बदलने पर स्किन ड्राई होने लगती है। इसलिए हाथ- पैर, कमर-पेट की स्किन को साफ़ और मॉइस्चराइज करती रहें। इससे स्किन का बचाव होगा। तेज गरम पानी का प्रयोग भी स्किन पर नहीं करें। इससे स्किन डैमेज की संभावना बनी रहती है।
यदि आपको एलर्जी की प्रॉब्लम है, तो अपना विशेष ख्याल रखना होगा। यदि नाक बहना, छींकें आना, सांस लेने में तकलीफ होना जैसा महसूस हो रहा है, तो तुलसी या गिलोय का काढ़ा पियें।
यदि एलर्जी के कारण स्किन पर खुजली हो रही है या जलन या स्किन पर रैशेज हो रहे हैं, तो त्वचा पर हल्का गर्म नारियल तेल लगाएं। नीम की पत्तियों को उबालकर नहाने के पानी में मिक्स कर नीम बाथ लें।
इतना सब कुछ करने के बावजूद वायरल फीवर हो गया है, तो सभी काम छोड़ कर पूरी तरह आराम करें। वर्ना समस्या और अधिक बढ़ सकती है।
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