सर्दियाँ आते ही सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियाँ कॉमन हैं। लोग इन्फेक्शन के शिकार भी आसानी से होने लगते हैं क्योंकि ड्राइनेस इस मौसम का बिना मांगा गिफ्ट है। और इसी वजह से हमारे शरीर का एक और जरूरी हिस्सा प्रभावित होता है जिसे हम अक्सर नजरंदाज कर देते हैं, वे है हमारे दांत। सर्दियों में दांतों का ख्याल (Dental care in winter) रखना और भी जरूरी हो जाता है क्योंकि मौसम में छाए सूखेपन की वजह से दांतों में इन्फेक्शन और दांतों में दर्द (tooth pain in winter) का खतरा भी बढ़ जाता है।
डेन्टिस्ट डॉ. विवेक श्रीवास्तव कहते हैं कि ठंड के मौसम में दांतों का ख्याल (Dental care in winter) रखना और भी ज्यादा जरूरी है। हम जो भी खाते हैं, बगैर दांतों के वो किस तरह और किस स्थिति में हमारे पेट में जाएगा, हम सोच भी नहीं सकते। फिर क्या शरीर के बाकी अंग उन चीजों से उस तरह से पोषण ले सकेंगे जैसे वो दांतों से चबाए जाने के बाद पहुंची चीजों से पोषण लेते थे? तो कुल मिला कर दांतों का ख्याल रखना जरूरी है। खासकर सर्दियों में।
डेन्टिस्ट डॉ. विवेक श्रीवास्तव के अनुसार, सर्दियां आते ही दांतों की समस्या बढ़ने का कॉमन कॉज ड्राइनेस ही है। लेकिन इसके अलावा और भी कई कारण है जो कई समस्याओं को जन्म देते हैं। जैसे –
सर्दियों में सबसे आम समस्या दांतों की सेंसीटिविटी है। ठंडी हवा, ठंडे पानी या ठंडी चीजों को खाने से दांतों का दर्द (tooth pain in winter) भी बढ़ सकता है और दांतों में झनझनाहट भी होती है। सर्दियों के मौसम में ये इसलिए आम हो जाती है क्योंकि अमूमन सारी चीजें ठंडी होती हैं और हम जो गरम चीजें खा रहे होते हैं वह इतनी गरम खाना चाहते हैं कि सर्दी से राहत मिले, इस वजह से दांतों की सेहत पर असर पड़ता है।
ठंडी हवाओं के कारण मसूड़ों पर भी असर पड़ता है। इन दिनों मसूड़ों में सूजन आम बात है। कई बार सूजन के बाद खून आना, मसूड़ों में दर्द और जलन जैसे लक्षण भी दिखते हैं। अगर आप पहले से ही दांतों या मसूड़ों की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको सर्दियों से ठीक पहले अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए।
सर्दियों में हवा अधिक सूखी होती है जिससे मुँह में सूखापन की समस्या हो जाती है। इस सूखेपन की वजह से मुंह में बैक्टीरिया के पनपने का खतरा बढ़ जाता है, इस कारण कई लोगों के मुंह से सर्दियों में बदबू आने लगती है।
डेन्टिस्ट डॉ. विवेक श्रीवास्तव के अनुसार सर्दी आते ही पानी की टंकी अपने आप वाटर कूलर बन जाती है। ऐसे में ब्रश करते वक्त हम मजबूर होते हैं कि उसी ठंडे पानी का इस्तेमाल करें। हमें इससे बचना चाहिए क्योंकि ठंडा पानी दांतों की सेंसीटिविटी बढ़ाता है और अगर आपके दांतों में पहले से ये तकलीफ है तो ये तकलीफ दोगुनी हो सकती है। ऐसी सूरत में गुनगुना पानी इस्तेमाल करें ताकि आपके दांतों की सेहत पर इसका असर ना पड़े।
वैसे तो हर मौसम में दांतों को बहुत जोर से ब्रश करने से बचना चाहिए लेकिन सर्दियों में इस बात का खास ख्याल रखना जरूरी है। बहुत ज्यादा जोर लगाने पर मसूड़ों का नुकसान हो सकता है सर्दियों में इस नुकसान की संभावना इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि इस मौसम में मसूड़े नरम पड़ जाते हैं और अगर आप ब्रश से कुश्ती लड़ने लगेंगे तो नुकसान होना तय है।
डेन्टिस्ट डॉ. विवेक श्रीवास्तव कहते हैं, “सर्दियां आते ही दांतों में सेंसीटिविटी की समस्या बढ़ जाती है, ऐसे में मौसम के अनुसार आपको अपने टूथ पेस्ट का भी ध्यान रखना है। ऐसे टूथपेस्ट चुनिये जो सेंसीटिविटी कम करने के लिहाज से बनाए गए हों। संभव हो तो टीवी का ऐड देखकर नहीं डॉक्टर की सलाह से ऐसे टूथपेस्ट खरीदें।”
यह सही है कि सर्दियाँ आते ही गरम चीजों को खाने पीने का मन तेजी से करने लगता है। चाय, कॉफी या सूप इन दिनों बहुत कॉमन है। लेकिन ध्यान ये रखना है कि उन्हें बहुत ज्यादा गरम मत पियें। याद रखें, गरम चीजें बाद में शरीर के अंदर जाती हैं लेकिन पहले उनका सामना दांतों से ही होता है। और अगर वे चीजें ज्यादा गरम हैं तो इससे आपके दांतों की सेंसिटीविटी बढ़ेगी और दांत दर्द (tooth pain in winter) जैसी समस्याएं यहीं से जन्म ले लेंगी।
फ्लॉस का मतलब है – एक धागे या किसी भी चीज से दांत के बीच या मसूड़ों में फंसी गंदगी को साफ करने का तरीका। सर्दियों में इसको ना भूलें। ताकि आप दांतों के कीड़े, मसूड़ों की सूजन और सांस की बदबू जैसी समस्याओं से बचे रहें।
सर्दियों में पानी पीते रहना ना सिर्फ पेट के लिए जरूरी है बल्कि दांतों के लिए भी ये बहुत अहम है। अक्सर ठंड की वजह से लोग पानी पीना कम कर देते हैं जिसकी वजह से अन्य समस्याओं के साथ साथ दांतों को भी दिक्कत होती है। होता ये है कि पानी की कमी से मुंह सूखने पर बैक्टीरिया और बैक्टीरियल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है जो सीधे दांतों को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए पानी पीना जरूरी है ताकि आपका मुंह और आपके दांत किसी भी तरह के इन्फेक्शन से बचे रहें।
डॉक्टर विवेक के अनुसार यह सबसे पहला काम है जो आपको नहीं करना है। सर्दियों में बहुत ज्यादा मीठा खाना बिल्कुल अवॉइड करना है। क्योंकि इससे आपके दांत कैविटी के शिकार हो सकते हैं। और सर्दियों में पहले से ही सेंसीटिविटी की समस्या से जूझ रहे दांतों के लिए ये स्थिति और भी बुरी होगी। एक बात और, बहुत ज्यादा खट्टा खाना भी सर्दियों में अवॉइड करना चाहिए।
सर्दियों में ऐसे फल जो कड़े हों, ऐसे अनाज जो कड़े हों, उन्हें नहीं खाना चाहिए। सर्दियों में मसूड़े और दांत कमजोर ड्राइनेस की वजह से कमजोर पड़ जाते हैं और इस वक्त आप अगर कड़ी चीजें खा रहे हैं तो इसका असर आपके दांतों पर पड़ेगा। आपको दांत दर्द जैसी समस्याएं होंगी। कई बार ये दांत दर्द (tooth pain in winter) बढ़कर आपके जबड़े में दर्द तक पहुँच सकता है।
कुछ लोग मौसमी असर से आजाद लोग होते हैं। ठंड में भी कोल्डड्रिंक्स उनकी प्रिय बनी रहती है। इससे एक कदम आगे बढ़ जाते हैं वो लोग जो आइसक्रीम भी खाते हैं और कई बार बर्फ भी चबाते हैं। अब इससे सर्दी जुकाम के खतरे तो होते ही हैं लेकिन दांतों के लिए भी ये बिल्कुल ठीक नहीं है। इससे दांतों में सेंसीटिविटी बढ़ती है और दांत कमजोर होते हैं।
सर्दियों में लोग अक्सर गरम पानी पीना पसंद करते हैं। यह सही भी है और कई बार डॉक्टर्स भी इसकी सलाह देते हैं लेकिन आपको ध्यान ये रखना है कि पानी बहुत गरम ना हो। इससे दांतों में सेंसीटिविटी तो बढ़ेगी ही। दांतों में जलन और दांतों में दर्द (tooth pain in winter) भी होगा । ज्यादा गरम पानी पीने से दांतों की ऊपरी परत और मसूड़ों को भी नुकसान करता है। गुनगुना पानी बेस्ट ऑप्शन है।
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