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दिन भर स्क्रीन पर लगी रहती हैं आंखें, तो चश्मे और लेंस के लिए फॉलो करें ये सुरक्षा उपाय 

यदि आप स्पेक्स या लेंसेज लगाती हैं, तो उनका सही चुनाव और रखरखाव भी बहुत जरूरी है। वरना आंखों को इनका फायदा होने की बजाए नुकसान हो सकता है।
हेल्दी आईज के लिए अपने चश्मे का ख्याल रखना भी है जरूरी चित्र-शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 6 May 2022, 10:16 am IST
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कोरोनावायरस (Coronavirus) के समय कामकाज के तरीकों में बदलाव आए। वर्क फ्रॉम होम (Work from home) के कारण स्क्रीन टाइम (Screentime) में कई गुना वृद्धि हो गई है। इसी वजह से स्पेक्स और कॉन्टैक्ट लेंसेज का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। कई बार महिलाएं जानकारी के अभाव में स्पेक्स या कॉन्टैक्ट लेंसेज का इस्तेमाल सही तरीके से नहीं कर पाती हैं। फिर वे आंखों संबंधी समस्याओं की शिकार होने लगती हैं। इनसे बचने के लिए जरूरी है कि आप अपनी आंखों के साथ-साथ स्पेक्स और लेंस का भी सही तरह ख्याल रखें। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं आंखों, स्पेक्स और लेंस (Eye care tips with Specs & Lenses ) को इस्तेमाल करने और देखभाल का सही तरीका।

स्क्रीन टाइम बढ़ने के साथ जब आपके चश्मे का नंबर भी बढ़ने लगता है, तो यह चेतावनी संकेत हैं कि कहीं कुछ गड़बड़ हो रही है। यानी आप अपनी आंखों की देखभाल के प्रति लापरवाह हो रहीं हैं। आंखों की सही देखभाल और चश्मे एवं लेंस को यूज करने का सही तरीका क्या है, इसके लिए हमने बात की कानपुर के रीजेंसी हेल्थ हॉस्पिटल की कंसल्टेंट ऑपथेलमोलॉजी डॉ. संगीता शुक्ला से।

वे यहां कुछ जरूरी टिप्स साझा कर रहीं हैं, जो यकीनन आपके काम के होंगे।

1 टैप वॉटर से कभी न धोएं आंखें 

डाॅ संगीता बताती हैं, “कभी भी आंखों में पानी के छींटे मारकर न धोएं। हल्के हाथों से अपनी आंखों को धोएं। टैप वाटर का इस्तेमाल हरगिज न करें। आरओ वाटर से ही आंखों को धोएं।”

 

आंखों की दृष्टि अच्छी रखने को रखें अपने आई प्रोडक्ट्स का खास ख़याल । चित्र-शटरस्टॉक।

ड्राई आई सिंड्रोम है, तो डॉक्टर की सलाह पर आंखों में ल्यूब्रिकेटिंग ड्रॉप जरूर डालें। आई ड्रॉप खोलने पर उसका इस्तेमाल 30 दिन के अंदर कर लें। कभी-भी आई ड्रॉप को उंगलियों से टच न करें। स्क्रीन पर काम करते हुए हर आधे घंटे पर अपनी आंखों को आराम दें। आंखें बंद कर लें।

2 लेंस स्पेशल सॉल्यूशन से रोज लेंस को साफ करना न भूलें

इन दिनों चश्मे की बजाय लेंसेज लगाने का प्रचलन बढ़ा है। लेंसेज की मांग को देखते हुए अब अलग-अलग कलर, पास और दूर की चीजें देखने के लिए प्रोग्रेसिव लेंसेज भी बाजार में उपलब्ध हैं। लेंस का चुनाव करने से पहले किसी डॉक्टर से अपनी आंखों की जांच जरूर करवाएं। जांच के बाद डॉक्टर ही तय करते हैं कि आपके लिए लेंस उपयुक्त रहेगा या चश्मा।

डॉ. संगीता शुक्ला के अनुसार, डॉक्टर से यह जरूर पूछें कि लेंस किस तरह लगाना है? हाथ को साबुन से अच्छी तरह धोने के बाद ही लेंस को पहनें या उतारें। साथ ही, जब भी इन्हें पहनें या उतारें, लेंस स्पेशल सॉल्यूशन से साफ करना न भूलें। लेंस स्टोर करने वाले केस की रोजाना सफाई करें। लेंस केस में इस्तेमाल होने वाले सॉल्यूशन भी रोज बदलें।

लापरवाही करने पर इसमें बैक्टीरिया ग्रो कर सकते हैं, जिससे आंखों में ईचिंग या रैशेज की समस्या हो सकती है। लेंस उतारनेे के बाद आंखों में ल्यूब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स डालें। यदि आपकी आंखों को ड्राईनेस की समस्या है, तो सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लेंस का चुनाव करें। ऐसे लेंस कॉर्निया तक ऑक्सीजन पहुंचाने में मददगार होते हैं।

3 लंबे समय तक न करें लेंस का इस्तेमाल 

लेंस का इस्तेमाल 12-14 घंटे तक ही किया जा सकता है। यदि पार्टीज में जाना है, तो पहले लेंस पहन लें फिर आई मेकअप करें। लेंस पहनने केे बाद उसे हाथों से टच नहीं करें। अपने नाखून हमेशा साफ और अच्छी तरह कटे हुए रखें। नेल्स लेंसेज पर खरोंच डाल सकते हैं। लेंस को पानी से न धोएं।

4 रात के समय लेंस उतार देना है बेहतर 

सोने के समय लेंस न पहनें। लेंस लगाकर सोने पर आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। यदि आंखों में किसी तरह की समस्या जैसे कि आई इन्फेक्शन, आंखों में पानी, एलर्जी आदि हो, तो लेंस न पहनें। कभी -भी स्वीमिंग करते समय लेंस न पहनें। पूल का पानी क्लोरीनेटेड होने के कारण लेंस खराब हो जाते हैं। जब आपको लासिक सर्जरी करवानी हो, तो 15 दिन पहले से लेंस पहनना छोड़ दें।

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धूप का चश्मा पहनना आंखों की सुरक्षा में एक आसान उपाय हो सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

यहां जानिए चश्मे का सही चुनाव और रखरखाव के बारे में कुछ जरूरी निर्देश 

  1. यदि आप चश्मा पहनना प्रेफर करती हैं, तो फ्रेम हल्का होना चाहिए, जो नाक और कान पर ज्यादा दबाव न डाले।
  2. इन दिनों चश्मे की पावर और जरूरत के हिसाब से उसके लेंस दिए जाते हैं। रेजिन लेंस और ट्रिप्लेक्स लेंस का इस्तेमाल सबसे सही होता है, क्योंकि ये हल्के होते हैं और इन पर खरोंच नहीं लगती है। 
  3. जो लोग तेज धूप में काम करते हैं, उनके लिए फोटोक्रोमेटिक लेंस सही होता है। 
  4. चश्मे को रोज पानी से धोया जा सकता है। साथ ही, समय-समय पर स्पेक्स क्लिनिंग लिक्विड से भी चश्मे के लेंसेज कोे साफ करें। 

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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