ओवरएक्टिव ब्लैडर का अर्थ है ब्लैडर पर नियंत्रण न होना। इस समस्या के कारण बहुत अधिक पेशाब लगती है। ये समस्या अधिकांश महिलाओं में प्रेगनेंसी के बाद हो जाती है। लेकिन ओवरएक्टिव ब्लैडर के और भी कई कारण हो सकते हैं। ब्लैडर अनियंत्रित होने का अर्थ है कि आपका यूरिनरी ब्लैडर जरा सी भी पेशाब रोक नहीं पाता। जबकि सामान्य ब्लैडर पेशाब को स्टोर कर सकता है।
इस समस्या में आपको दिन में कई बार पेशाब लगती है, अक्सर पेशाब लीक हो जाती है और रात में भी आप पेशाब करने के लिए उठती हैं। ये आपके आम जीवन को प्रभावित कर सकता है।
अत्यधिक पेशाब आना एक समस्या हो सकती है, लेकिन इससे बचने के लिए अगर आप कम पानी पीना शुरू कर दें, तो ये आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक होगा। उसके बजाय, इन 4 तरीकों से इसे कंट्रोल करें।
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आपके यूरिनरी ब्लैडर को आपके पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां कंट्रोल करती हैं और इनके कमजोर होने पर ही लीकी ब्लैडर की समस्या आती है। इसलिए पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूत करने की एक्सरसाइज करना जरूरी है। कीगल एक्सरसाइज यही करती है। इसमें आपको सिर्फ अपने पेल्विक फ्लोर मसल्स को स्क्वीज करना है और होल्ड करना है। पेशाब के बीच उसे एक दो सेकंड के लिए रोकने की कोशिश करें। ये भी कीगल एक्सरसाइज का हिस्सा है।
आप दिन में कितनी बार वॉशरूम जाती हैं, इसे नोट करना शुरू करें। इससे आपको एक स्पष्ट आईडिया मिलेगा कि आपको कितनी दफा पेशाब आती है। फिर पेशाब लगने पर उसे थोड़ी-थोड़ी देर डिले करने की कोशिश करें। 5 से 7 मिनट तक रुकें और इस समय को बढ़ाएं। इसे भी जर्नल में नोट करें। इसे बिहेवियर थेरेपी कहा जाता है।
इसका उद्देश्य ये है कि आप एक टारगेट निर्धारित करें और एक महीने में पेशाब आने में कमी देखें।
कैफीन एक डियूरेक्टिक है जो आपकी किडनी पर अवांछित दबाव डालती है। इससे ज्यादा यूरिन बनती है और आप कंट्रोल खो देती हैं। खट्टे फल जैसे टमाटर, नींबू, सन्तरा इत्यादि भी कम खाएं। पानी पीने में कोई कमी न करें क्योंकि इससे कब्ज की समस्या हो सकती है।
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आपका बढ़ा हुआ वजन आपके ब्लैडर पर अनावश्यक प्रेशर डालता है। ओपन जर्नल ऑफ किडनी इश्यूज एंड डायग्नोसिस में प्रकाशित स्टडी के अनुसार शरीर का 8 प्रतिशत वजन कम करने से पेशाब अधिक लगने की समस्या को 25 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
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कस्टमाइज़ करेंवजन कम करने से एब्डोमेन पर प्रेशर कम होगा जिससे आपके ब्लैडर पर भी कम दबाव पड़ेगा।
लेकिन अगर आपको इन उपायों से कोई फायदा नहीं होता है तो आप बोटॉक्स सर्जरी, स्लिंग सर्जरी या मेडिकेशन भी चुन सकती हैं। समस्या बढ़ने से पहले ही अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें और अपने लिए सही इलाज का चुनाव करें।