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बढ़ता स्मॉग आपके फेफड़ों के लिए हो सकता खतरनाक, जानिए आपको क्या करना है

ये मौसम फेफड़ों के लिए जोखिम भरा हो सकता है। उन्हें सेहतमंद रखने के लिए जानिए कि आपको क्या करना है और क्या नहीं।
जानिए इस प्रदूषण वाले मौसम में कैसे रखना है अपना ख्याल। चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 27 Oct 2023, 17:50 pm IST
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सर्दियों का मौसम ( Winter season ) आते ही सबसे ज्यादा समस्या स्मॉग( Smog) की बन जाती है। इतना ही नहीं, बल्कि प्रदूषण कई बीमारियों को जन्म देना शुरू कर देता है। जिसमें अस्थमा, निमोनिया, सर्दी-खांसी, फेफड़ों की फाइब्रोसिस और यहां तक कि दिल के संबंधित बीमारियां होने लगती हैं। सर्दियों के मौसम में स्मॉग ( Smog )  और वायु प्रदूषण निश्चित रूप से आपको मुश्किल में डाल सकता है, और आपके फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है।

जब फेफड़ों( Lungs ) और दिल ( Heart ) के मरीजों की बात आती है, तो इसमें प्रदूषण (pollution) और भी ज्यादा चिंता बढ़ा देता है। 

वायु प्रदूषण मृत्‍यु का एक बड़ा कारण है। चित्र: शटरस्‍टॉक

आज हेल्थशॉट्स के इस लेख में हम आपको स्मोक और प्रदूषण के प्रभावों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। साथ ही सर्दियों के मौसम में अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखने के तरीकों के बारे में भी बताएंगे। इन समस्याओं से जुड़ी अधिक जानकारी पाने के लिए लेख को अंत तक पढ़े। क्योंकि यह फेफड़ों की बात है और आप इसे हल्के में बिल्कुल भी नहीं ले सकते हैं।

क्यों कुछ लोगों के लिए मुसीबत है सर्दियां ?

जैसा कि हमने बताया कि सर्दियों के मौसम में स्मॉग और प्रदूषण विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देता है। जिन लोगों को पहले से अस्थमा जैसी बीमारियां हैं, उन्हें स्मॉग काफी परेशान कर सकता है। जो स्वस्थ हैं, उन्हें भी इसके कारण अस्थमा जैसी बीमारी होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। 

प्रदूषण हवा के साथ इकट्ठा हो जाता है, जो धुंध के साथ हमारे फेफड़ों तक पहुंचकर नुकसान पहुंचाता है और आंखों में जलन की स्थिति होने लगती है। यह वायु प्रदूषण के परिणामस्वरूप बनता है। इसलिए, जब हवा में छोड़े गए प्रदूषक सूर्य के प्रकाश और गर्मी के साथ प्रतिक्रिया करते हैं, तो हवा में स्मॉग दिखाई देता है।

आपको अपने घर के वातावरण को पूरी तरह से प्रदूषण मुक्‍त रखना होगा। चित्र: शटरस्‍टॉक

स्मॉग के हानिकारक प्रभाव

आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि स्मॉग का असर आपके सिर से पैर तक पड़ता है। जिसके कारण आपको संक्रमण, सीने में दर्द, स्ट्रोक, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, ब्रोंकियोलाइटिस, आंख, नाक और गले में जलन, फेफड़े के फाइब्रोसिस, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), फेफड़े के कैंसर और वातस्फीति का कारण भी बन सकता है।  

सांस की समस्याओं से कैसे करें बचाव ?

1. स्वास्थ्य केंद्रों में फ्लू और निमोनिया के टीके उपलब्ध होते हैं। ऐसे में सर्दी के दौरान अपने फेफड़ों को स्वस्थ और रोग मुक्त रखने के लिए यह टीके अवश्य लगवाएं।

2. सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाने से बचें और घर पर ही रह कर योगा व अन्य प्रकार की कसरत करें। बाहर निकलना अगर मजबूरी हो तो अपने चेहरे पर मास्क लगाएं जिससे प्रदूषण का प्रभाव आपके फेफड़ों पर कम हो।

3. अपने घर की सफाई अच्छे से करें घर में ज्यादा धूल जमा न होने पाए, बिस्तर कालीन को ढंग से धोएं और धूप लगाएं। घर को नियमित रूप से वैक्यूम क्लीन करें।

ज्यादा पानी का सेवन आपको स्मॉग की परेशानियों से दूर रखेगा। चित्र:शटरस्टॉक

4. खुली हवा में सांस लेने के लिए घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।  

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5. भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने से और स्मोक करने से बचें। इस मौसम में थोड़ा सा भी धुआं आपके फेफड़ों के लिए काफी ज्यादा नुकसानदायक होगा।

6. सेब, अखरोट, ब्रोकोली, बीन्स, जामुन, पपीता, अनानास, कीवी, गोभी, गाजर, हल्दी, हरी पत्तेदार सब्जियां और अदरक जैसे फेफड़ों के अनुकूल सब्जियां खाएं जो प्रतिरक्षा में सुधार कर सकते हैं और फेफड़ों के लिए फायदेमंद होते हैं।

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टीम हेल्‍थ शॉट्स

ये हेल्‍थ शॉट्स के विविध लेखकों का समूह हैं, जो आपकी सेहत, सौंदर्य और तंदुरुस्ती के लिए हर बार कुछ खास लेकर आते हैं। ...और पढ़ें

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