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ईयर इन्फेक्शन के कारण कान में होने लगा है दर्द तो एक्सपर्ट से जानिए कुछ घरेलू उपाय

कान में किसी भी तरह के इन्फेक्शन (Ear Infection) की वजह से कान में दर्द या सूजन आ सकती है। इसलिए इस पर ध्यान देना और अपने कानों की केयर करना ज़रूरी है। एक्सपेर्ट से जानिए कुछ टिप्स।
Published On: 16 Nov 2022, 11:00 am IST
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kaan mein dard ke upaay
जानिए कान में दर्द और सूजन के घरेलू उपाय। चित्र : शटरस्टॉक

सर्दियों के मौसम की अलग – समस्याएं होती हैं जिनमें से एक हैं कान में दर्द होना। जिस किसी नें अपने जीवन में कान का दर्द (Ear Pain) अनुभव किया है वे जानते हैं कि यह कितना असहनीय होता है और आपको बेचैन कर देता है। कान का दर्द अक्सर एक कान में ही होता है और अपने आप खत्म भी हो जाता है, लेकिन इससे डील करना किसी के लिए भी काफी मुश्किल हो सकता है।

कान में किसी भी तरह के इन्फेक्शन (Ear Infection) की वजह से कान में दर्द या सूजन आ सकती है। इसलिए इस पर ध्यान देना और अपने कानों की केयर करना ज़रूरी है। अक्सर बच्चे इसकी बहुत शिकायत करते हैं क्योंकि उन्हें जल्दी ठंड असर कर जाती हैं और वे अपना ध्यान नहीं रख पाते हैं।

मगर आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर डॉ डिंपल जांगड़ा नें साझा किए हैं सर्दियों में कान की देखभाल करने के तरीके और कुछ उपाय जो कान के दर्द और सूजन (Ear pain and inflammation) से राहत दिलाएंगे।

तो चलिये एक्सपेर्ट से जानते हैं इन उपायों के बारे में, यहां देखें उनकी पोस्ट

क्या होता ईयर इन्फेक्शन?

डॉ डिंपल बताती हैं कि ईयर इन्फेक्शन सर्दियों के दौरान कान में बैक्टीरिया, वायरस और फंगस के जमने पर हो जाता है। यह कान के इनर, मिडल और आउटर एरिया में मैल जमने के कारण भी होता है। इसकी वजह से किसी को कान में दर्द और सूजन का अनुभव हो सकता है।

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तो चलिये एक्सपर्ट से जानते हैं कि कान के दर्द से तुरंत रात पाने के लिए क्या करना चाहिए

1. कर्ण पूर्णम (Ear Oiling)

तुलसी (Tulsi)

एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट, एंटीमाइक्रोबियल और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुणों से भरपूर तुलसी कान के दर्द और संक्रमण से राहत दिलाने में मदद करती है। तुलसी के कुछ पत्तों को पीस लें और इसके रस को छानकर कान में डालें। इसके एक से दो बूंद कान में डालने से दर्द में आराम मिलता है।

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सर्दी-जुकाम से लेकर वायरल फीवर तक में कारगर है तुलसी। चित्र शटरस्टॉक।

लौंग का तेल (Clove Oil)

लौंग के तेल में एनाल्जेसिक यानी दर्द निवारक और सूजन-रोधी गुण होते हैं। एक लौंग को एक चम्मच तिल के तेल में डालकर उबाल लें और इसे ठंडा होने दें। तेल को छान लें और गर्म तेल की 1 से 2 बूंदें कान में डालें।

तिल या जैतून का तेल (Sesame or Olive Oil)

अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार कान के दर्द के लिए जैतून का तेल फायदेमंद है। एक चम्मच जैतून का तेल गर्म करें और इसे ठंडा होने दें। तेल की 1 से 2 बूंद प्रभावित कान में डालें।

टी ट्री ऑयल (Tea Tree Oil)

टी ट्री ऑयल में शक्तिशाली एंटीफंगल, जीवाणुरोधी, एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो इसे कान के दर्द के लिए प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक बनाता है। उपयोग करने से पहले किसी भी बेस ऑयल जैसे जैतून का तेल, तिल का तेल या नारियल का तेल के साथ टी ट्री ऑयल की एक या दो बूंद मिलाएं। फिर तेल को अच्छी तरह मिलाकर कान में एक से दो बूंद डालने से कान का दर्द शांत हो जाता है। ध्यान रखें तेल ज़्यादा गरम न हो!

2. कान की सूजन कम करने के लिए (Ear Inflammation)

लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करने, कंजेशन से राहत दिलाने और कान के दर्द को कम करने में मदद करते हैं। बस लहसुन की 3 कलियां गर्म करके उसमें चुटकी भर नमक मिलाएं और इसे एक कपड़े में डालकर दर्द वाले कान की मसाज करें।

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इस्तेमाल करें अदरक. चित्र : शटरस्टॉक

अदरक (Ginger)

अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो कान के संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं और कान के दर्द को कम करते हैं। एक अदरक के टुकड़े को पीस लें और इसका रस निकाल लें। इसे छानकर कान के आसपास लगाएं।

3. ईयर इन्फेक्शन को खत्म करने के लिए भाप लें (Steam)

नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदों को गर्म पानी में डालकर भाप लें या जल नेति करें। यह उपाय साइनस के मार्ग को साफ करने के लिए प्रभावी है।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

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