भीषण गर्मी और तपती धूप से राहत देता है मानसून। मानसून के आने का हमेशा बेसब्री से इंतजार रहता है। लेकिन मानसून बीमारियों और संक्रमण को भी न्यौता देता है। हवा के माध्यम से बैक्टीरिया और वायरस तेजी से एन्वॉयरमेंट में फैलते हैं। इसलिए व्यक्तिगत साफ-सफाई और स्वास्थ्य की जरा सी भी लापरवाही के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। हमारे शरीर का सबसे नाजुक अंग होती हैं आंखें। इसलिए यह जरूरी है कि आप अभी से इनका ख्याल (Eye care tips for monsoon) रखें। हम बता रहे हैं कैसे।
आंखें आपके शरीर का सबसे संवेदनशील अंग है। कोई भी मौसम हो इनमें इन्फेक्शन का जोखिम सबसे ज्यादा रहता है। खासकर मानसून और बारिश में आंखों में इन्फेक्शन होने की समस्या सबसे अधिक होती है। इसके कारण कंजक्टिवाइटिस(Conjunctivitis), कॉर्नियल अल्सर(Corneal Ulcer) और स्टाई (styes पलकों पर फुंसी जैसा घाव) जैसी समस्याएं सबसे अधिक होती हैं। मानसून में आंखों की देखभाल कैसे की जाए और उन्हें इन्फेक्शन से किस तरह बचाया जाए, इसके बारे में जानने के लिए हेल्थ शॉट्स ने दिल्ली के विजन आई सेंटर के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. तुषार ग्रोवर से बातचीत की।
बारिश के मौसम में आंखों को संक्रमण से बचाने और स्वस्थ बनाए रखने के लिए डाॅ. तुषार ने 5 महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देने को कहा।
आंखों में डस्ट पार्टिकल्स जाने से न सिर्फ आंखों में जलन होती है, बल्कि इसके कारण आंखों में संक्रमण भी हो जाता है। इसलिए धूल भरी आंधी से बचना चाहिए। सनग्लास और सेफ्टी ग्लासेज के प्रयोग से तेज हवा और आंधी के बीच चलते समय आंखों को डस्ट पार्टिकल्स से बचाया जा सकता है।
इन दिनों स्क्रीन टाइम बढ़ने के कारण चश्मे और कॉन्टैक्ट लेंसेज का प्रयोग बढ़ गया है। यदि आप भी अक्सर कॉन्टैक्ट लेंस पहनती हैं, तो बारिश के मौसम में कॉन्टैक्ट लेंसेज की साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
कॉन्टैक्ट लेंस पहनते और उतारते समय भी अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए। सही सफाई के अभाव में कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से गंभीर साइट थ्रेटनिंग इंफेक्शंस हो सकते हैं। मानसून के दौरान लेंसेज की सफाई रोज करें। लिक्विड चेंज भी प्रतिदिन करें।
यदि आपकी आंखें सूखी रहती हैं, तो इसका खास ख्याल रखें। आई ड्राई होने पर इंफेक्शन का खतरा अधिक होता है। एक अच्छी कंपनी का ल्यूब्रिकेंट अथवा आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें। इससे पहले नेत्र रोग विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। धूल और गंदे पानी के संपर्क में आने से बचें।
आंखों के संक्रमण संक्रामक होते हैं। इसलिए परिवार के प्रत्येक सदस्य अलग-अलग तौलिए, नैपकिन और रूमाल का इस्तेमाल करें। इसे एक-दूसरे को साझा करने से पीड़ित व्यक्ति से परिवार के दूसरे सदस्य को भी संक्रामक बैक्टीरिया और वायरस फैल सकते हैं।
अक्सर देखने में आता है कि लोग बारिश के मौसम में फास्ट फूड और स्ट्रीट फूड अधिक खाने लगते हैं। यदि पोषक तत्वों की कमी वाला भाेजन लिया जाता है, तो न सिर्फ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं अधिक होने लगती हैं, बल्कि आंखों में भी समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है। बदलते मौसम में पौष्टिक सलाद, फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए और खूब पानी भी पीना चाहिए।
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