scorecardresearch

क्‍या आपको भी हो गई है चाय की आदत? तो जानिए दिन में कितने कप चाय पीना है सेफ

कोविड-19 के दौरान उन लोगों ने भी चाय पी, जो इसे पीना बरसों पहले छोड़ चुके थे। नि:संदेह चाय के बहुत सारे लाभ हैं, पर क्‍या इसकी ज्‍यादा मात्रा आपके लिए नुकसानदेह हो सकती है!
Updated On: 26 Apr 2022, 11:33 am IST
  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
ज्यादा चाय पीना हो सकता है सेहत के लिए हानिकारक. चित्र : शटरस्टॉक
ज्यादा चाय पीना हो सकता है सेहत के लिए हानिकारक. चित्र : शटरस्टॉक

हम में से ज्‍यादातर लोगों की सुबह चाय से ही होती है। ये चाय का स्‍वाद ही है कि हम गर्मी बढ़ने पर भी इसका साथ छोड़ नहीं पाते। आपके घर कोई आये और बिना चाय पिये चला जाये तो बहुत बुरा माना जाता है। किसी को फर्क नहीं पड़ता कि हमारी सेहत पर इसका क्या असर हो रहा है। पर हम जानते हैं कि अब आप अपनी सेहत के लिए अच्‍छी लगने वाली आदतें भी छोड़ने को तैयार हैं। तो आइए जानते हैं कि ज्‍यादा चाय पीना आपकी सेहत को कैसे नुकसान पहुंचाता है।

चाय पीना क्यों आपकी सेहत के लिए हो सकता है हानिकारक

क्‍यों आपको जरूरी लगती है चाय

विभिन्न प्रकार की चाय में अलग-अलग मात्रा में कैफीन होता है। ये एक तरह का प्राकृतिक उत्तेजक है जो चाय को एडिक्टिव बनाता है। कैफीन को लोग नशे के लिए दोषी ठहराते हैं क्योंकि, इसमे एडिनोसिन होता है जो नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है।

एडिनोसिन ब्रेन सेल्स को ये सिंग्नल देने से रोकता है की आप थके हुए हैं। यह आपके शरीर को बड़ी मात्रा में अन्य प्राकृतिक उत्तेजक, जैसे डोपामाइन, को छोड़ने का कारण बन सकता है, जो आगे थकान की भावनाओं को दबाता है और आपको सतर्क रहने में मदद करता है।

चाय में कैफीन होता है और ये नशे को बढ़ावा देती है। चित्र : शटरस्‍टॉक
चाय में कैफीन होता है और ये नशे को बढ़ावा देती है। चित्र : शटरस्‍टॉक

चाय में मौजूद कैफीन एडोसिन को बनने का और मौका देता है जिससे हमें अच्छा महसूस होता है। और इसी तरह समय के साथ हमारा शरीर चाय पीने का आदी हो जाता है। कैफीन का मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और ये नशे को बढ़ावा देता है।

क्या यह वाकई एक नशा है?

व्यसन कई आकार और रूपों में आते हैं और इसके कई क्लिनिकल लक्षण भी है जो हर व्यक्ति में अलग-अलग प्रकार के होते हैं। इसमें से कुछ आम लक्षण हैं-

पदार्थ से होने वाले निरंतर नुकसान के बाद भी उसे न छोड़ पाना
पदार्थ के उपयोग को नियंत्रित करने में कठिनाइयों का सामना करना

शोध बताते हैं कि कुछ लोग जो नियमित रूप से कैफीन का सेवन करते हैं, उनमें लत जैसे लक्षण विकसित हो सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) आधिकारिक तौर पर कैफीन निर्भरता को एक सिंड्रोम के रूप में पहचानता है।

Pollपोल
प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?
ज्यादा चाय पीना नशे के समान हो सकता है । चित्र : शटरस्टॉक।
ज्यादा चाय पीना नशे के समान हो सकता है । चित्र : शटरस्टॉक।

दूसरी ओर, अमेरिकन साइकियाट्रिक एसोसिएशन (एपीए) कैफीन की लत को सब्सटेन्स एब्यूज डिसऑर्डर की तरह नहीं देखता। हालांकि अभी इस बारे में शोध नहीं हुआ है कि चाय की लत वाकई एक नशा करने जैसा है या नही।

आखिर कितने कप चाय आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है:

चाय में कैफीन है, इसके बावजूद, अभी किसी भी अध्ययन में पता नहीं चला है कि चाय की कितनी मात्रा हानिकारक है। लेकिन हर किस्म की चाय में कैफीन की अलग मात्रा होती है जैसे:

काली चाय: 35-44 मिलीग्राम
हरी चाय: 33-71 मिलीग्राम
दूध की चाय: 33-48 मिलीग्राम
हर्बल चाय : 0 मिलीग्राम

हर्बल चाय में जीरो कफीन होता है । चित्र- शटरस्टॉक।
हर्बल चाय में जीरो कफीन होता है । चित्र- शटरस्टॉक।

सारांश

प्रत्येक दिन चाय के 2-3 कप पीने से शारीरिक व्यसन के लक्षण पैदा हो सकते हैं, हालांकि मजबूत निष्कर्ष निकालने से पहले और अधिक शोध की आवश्यकता है। साथ ही हर्बल चाय में जीरो कैफीन होता है। इसलिए यह एक अच्छा विकल्प है।

यह भी पढ़ें : रात को नींद नहीं आती, तो कुछ देर गर्म पानी में पैर डुबोना हो सकता है आपके लिए मददगार

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
संबंधित विषय:
लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

अगला लेख