डायबिटीज ‘साइलेंट किलर’ के रूप में जाना जाता है। डायबिटीज होने पर ब्लड शुगर लेवल हाई हो जाता है। शरीर इंसुलिन के प्रति असंवेदनशील हो जाता है। यह लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है। इसलिए व्यक्ति को पूरी जिंदगी डॉक्टरी दवाओं पर निर्भर रहना पड़ता है। ज्यादातर दवाओं के कुछ साइड इफेक्ट होते हैं। यदि दवाओं केसाथ-साथ कुछ हर्ब भी लिए जाएं, तो ब्लड शुगर कंट्रोल रहने के साथ-साथ दवाओं का साइड इफेक्ट भी कम हो जाता है। सेज ऐसी ही जड़ी-बूटी है। कई शोध और एक्सपर्ट बताते हैं कि सेज ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद (Sage control blood sugar level) कर सकते हैं।
दुनिया भर के लोग सेज को अद्भुत स्वाद वाला हर्ब मानते हैं। इस तीखी जड़ी-बूटी को कॉमन सेज और गार्डन सेज के नाम से भी जाना जाता है। सेज पुदीना परिवार का एक सदस्य है। इसके तेज़ स्वाद का मतलब है कि इसका उपयोग आमतौर पर कम मात्रा में किया जाता है। इस परिवार के अन्य सदस्यों में अजवायन, मेंहदी, तुलसी और थाइम भी शामिल हैं। इस जड़ी-बूटी के औषधीय उपयोग का इतिहास सदियों पुराना है।
सेज में भरपूर मात्रा में विटामिन के, मैग्नीशियम, जिंक और कॉपर होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट भी बहुत अधिक मात्रा में होते हैं। एंटीऑक्सिडेंट हमारे पर्यावरण में मुक्त कण अणुओं से लड़ने में मदद करते हैं। ये हमारी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे कैंसर हो सकता है। सेज में एंटीऑक्सीडेंट विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन ई भी होते हैं।
इसमें 160 से अधिक प्रकार के पॉलीफेनोल्स भी हैं, जो एक अन्य प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट है। सेज में कई प्रकार के एसिडिक कंपाउंड होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करते हैं। क्लोरोजेनिक एसिड, कैफिक एसिड, रोस्मारिनिक एसिड, एलाजिक एसिड कैंसर के कम जोखिम, याददाश्त में सुधार और ब्रेन की कार्यक्षमता में सुधार जैसे लाभों से जोड़ा गया है।
जर्नल ऑफ रीनल इंजरी प्रीवेंशन के एक अध्ययन के अनुसार, सेज से बनी चाय पीने से एंटीऑक्सीडेंट सुरक्षा बढ़ती है। इससे एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल कम होता है। अध्ययन में शामिल जिन लोगों ने प्रतिदिन दो कप सेज की चाय पीई, उनमें इन लाभों के साथ-साथ गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल में भी वृद्धि देखी गई।
सेज या साल्विया ऑफिसिनैलिस डायबिटीज के रोगियों में 2 एचपीपी और कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए फायदेमंद हो सकता है।फास्टिंग में ब्लड ग्लूकोज लेवल और ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन को कम करने के लिए हाई खुराक की जरूरत हो सकती है।
सेज की पत्तियों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में मधुमेह के इलाज के रूप में किया जाता रहा है। जर्नल ऑफ रीनल इंजरी प्रीवेंशन के एक अध्ययन में टाइप 1 डायबिटीज वाले चूहों में सेज एक्सट्रैक्ट लेने के बाद ब्लड शुगर लेवल कम हो गया था। एक्सट्रैक्ट ने चूहों में एक रिसेप्टर को सक्रिय किया, जो ब्लड फ्लो से एक्स्ट्रा फैटी एसिड को साफ करने में मदद करता है। सेज से इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है।
सेज के एसेंशियल ऑइल ने इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता को और बढ़ा दिया और ग्लूकोनियोजेनेसिस को रोक दिया। कुल मिलाकर ये प्रभाव फार्मास्युटिकल दवा मेटफॉर्मिन के समान होते हैं, जो ग्लूकोनियोजेनेसिस का एक ज्ञात अवरोधक है। इसका उपयोग टाइप 2 डायबिटीज मेलेटस के उपचार और रोकथाम में किया जाता है।
शोध से पता चला कि सेज ब्लड शुगर लेवल को काफी हद तक कम कर देता है। खासकर खाली पेट सेवन करने पर। सेज को आहार में शामिल करने से इंसुलिन का स्राव बढ़ता है और मधुमेह को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद मिलती है। इसका सेवन चाय (sage tea to control blood sugar level) के रूप में सबसे अच्छी तरह किया जा सकता है।
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