प्रदूषण का बढ़ता स्तर जहां सांस की तकलीफ और हृदय रोगों का कारण बन रहा है। वहीं इससे आंखों में जलन की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। हवा में घुले विषैले पदार्थ कॉर्निया को नुकसान पहुंचा सकते है और उससे आंखों में सूजन, लालिमा और जलन की समस्या बनी रहती है। अगर आप भी आंखों की क्लीजिंग के लिए घरेलू नुस्खों की तलाश कर रहे हैं, तो इन नुस्खों को अवश्य अपनाएं। जानते हैं आंखों को नेचुरली क्लीन करने के लिए कुछ आसान और प्राकृतिक उपाय (soothe burning eyes in air pollution) ।
इस बारे में नेत्र विशेषज्ञ डॉ अनुराग नरूला बताते हैं कि वातावरण में घुली विषैली गैसिस, धूल मिट्टी और एलर्जन आंखों को नुकसान पहुंचाने लगते है। इससे कॉर्निया प्रभावित होता है और दर्द का सामना करना पड़ता है। वे लोग जिन्हें आंखों की एलर्जी की समस्या बनी रहती है। उन्हें धुएं और प्रदूषण के दौरान आंखों को खोलने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इससे राहत पाने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीएं, जिससे आंखों की नमी बनी रहती है। इसके अलावा आंखों को ब्लिक अवश्य करें। साथ ही बार बार आंखों को धोने से बचें। इससे रूखेपन की समस्या बनी रहती है। एलर्जन से बचने के लिए ल्यूब्रिकेंटस का इस्तेमाल करें और सन ग्लासिस पहनें। इसके अलावा आंखों की जांच के बाद ही कोई दवा डालें।
इस बारे में आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि वायु प्रदूषण के कारण होने वाली जलन को शांत करने के लिए आयुर्वेद में कई हर्बल उपचार बताए गए हैं। इन उपचारों की मदद से आँखों को ठंडा, साफ़ और पोषण देने पर मदद मिलती हैं। इसके लिए गुलाब जल और ठंडा दूध विशेष रूप से इस्तेमाल कर सकते है। इसके अलावा खीरे के टुकड़े से भी आंखों को ठंडक मिलती है।
आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर 1 चम्मच त्रिफला पाउडर को पानी में डालकर उबालने दें। उसके बाद
ठंडा करके अच्छी तरह से छान लें। अब छाने हुए तरल पदार्थ को आई वॉश के रूप में इस्तेमाल करें। त्रिफला अपने विषहरण और ठंडक देने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। इससे आंखों में जमा गंदगी को दूर किया जा सकता है और फ्रेशनेस भी मिलती है।
शुद्ध और ओरगेनिक गुलाब जल को चेहरे पर लगाने के अलावा आई ड्रॉप के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे आँख में 1से 2 बूँद टपकाएं। इसके अलावा गुलाब जल में भीगे हुए कॉटन पैड को बंद आँखों पर लगाएँ। इससे आंखों को ठंडक की प्राप्ति होती है औश्र लालिमा को कम किया जा सकता है।
एंटीआक्सीडेंटस से भरपूर धनिया के बीज को पानी डालकर कुछ देर उबलने दें। अब पानी का ठंडा करके उसे छानकर आंखों को धोएं। इससे आंखों में मौजूद एलर्जिक पॉल्यूटेंटस से राहत मिल जाती है। साथ ही जलन से भी राहत मिल जाती है।
ठंडे खीरे के टुकड़े या पुदीने की पत्ती का पेस्ट बना लें। अब उसे बंद आँखों पर 10 से 15 मिनट के लिए रखें। दोनों ही चीजों से आखों को ठंडक मिल जाती है और ये सूजन को कम करते हैं। नियमित रूप से इसे आंखों पर लगाने से फायदा मिलता है।
आंखों की सेहत को बनाए रखने के लिए आमलकी का रस पिएँ। इसके अलावा आमलकी के पाउडर को शहद और पानी के साथ मिलाकर लेने से भी फायदा मिलता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और ठंडक देने वाले गुण आँखों के स्वास्थ्य को आंतरिक रूप से बेहतर बना सकते हैं।
ठंडे कच्चे दूध में एक कॉटन पैड डुबोएँ और इसे बंद आँखों पर 10 मिनट के लिए रखें। दूध से आंखों को ठंडक मिलती है और रूखापन भी कम किया जा सकता है। इसमें मौजूद फैटह एसिड त्वचा के लिए भी फायदेमंद हैं।
अपने आहार में खीरा, तरबूज और नारियल पानी जैसे ठंडक देने वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करें। मसालेदार, तले हुए और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से बचें। इससे शरीर में पित्त का असंतुलन बढ़ने लगता हैं।