अगर आप फिर से जिम जाने लगे हैं या जाने का मन बना रहे हैं तो हम आपको पहले कुछ जानकारी देना चाहेंगे। हम जानते हैं कि आप जिम वापस जाने के लिए बहुत उत्सुक हैं लेकिन आपकी लापरवाही आपके स्वास्थ्य के लिए भारी पड़ सकती है। इतने समय के बाद एकदम से वर्कआउट करने से आपके शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है, खासकर आपकी किडनी पर।
यह एक किडनी डिसऑर्डर है, जो बहुत वर्कऑउट करने पर होता है।
जब आप बहुत लंबे गैप के बाद एक्सरसाइज करती हैं, तो मांसपेशियों पर प्रभाव पड़ता है। एकदम से अधिक वर्कआउट करने पर मसल्स डैमेज होती हैं, जिसके कारण हमें दर्द, अकड़न और थकान महसूस होती है।
लेकिन यही डैमेज अगर ज्यादा हो तो राबडोमयोलाइसिस हो सकता है।
टिश्यू डैमेज होने पर मायोग्लोबिन नामक एक प्रोटीन टिश्यू से निकलता है और खून में मिल जाता है। मायोग्लोबिन मांसपेशियों में एक्स्ट्रा ऑक्सीजन रखने का काम करता है। लेकिन खून में मिलने से यह किडनी पर दुष्प्रभाव डालता है।
रीजेंसी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के डायरेक्टर ऑफ रीनल साइंस डॉक्टर दीपक धवन (MD, DM नेफ्रोलॉजी) राबडोमयोलाइसिस को बहुत खतरनाक बताते हैं। डॉ धवन कहते हैं,”राबडोमयोलाइसिस के लक्षणों में पेट के निचले हिस्से में दर्द, कमजोरी, क्रैम्प्स, गहरे रंग की पेशाब होना और बहुत कम पेशाब होना शामिल है।”
इससे कई बार मरीजों का लिवर भी डैमेज हो जाता है।
जब आप अपनी मांसपेशियों पर ज़रूरत से ज्यादा दबाव डालते हैं तो मसल्स में डैमेज होता है जिसके कारण राबडोमयोलाइसिस होता है। गलत एक्सरसाइज, बिना गाइडेंस वर्कआउट करना भी समस्या को बढ़ावा देता है।
हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है। उनका मेटाबॉलिज्म, कैलोरी की ज़रूरत और मांसपेशियों का स्ट्रेन्थ अलग होता है। ऐसे में बिना गाइडेंस एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए।
अगर आप लॉकडाउन के दौरान अपने वर्कआउट रूटीन को फॉलो कर रही थीं तो आपको जिम में कोई समस्या नही आएगी। फिर भी एक हफ्ते अपनी एक्सरसाइज कम रखें और धीरे-धीरे पुराने रूटीन में वापस आयें।
एकदम से बॉडी को स्ट्रेन न करें, बल्कि धीरे-धीरे वर्कआउट की आदत में आएं।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करें