हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) की परेशानी आज के समय में बेहद ही आम समस्या है। आमतौर पर यह मेडिकल कंडीशन आपके लाइफस्टाइल और उम्र के साथ विकसित होती है। मुख्य रूप से उच्च रक्तचाप की समस्या अनहेल्दी जीवनशैली, गतिहीन दिनचर्या के कारण होती है। इसके अतिरिक्त मधुमेह और मोटापा जैसी बीमारी भी हाई ब्लड प्रेशर के विकास के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। हाई ब्लड प्रेशर के कोई विशेष लक्षण नहीं होते। इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहते हैं। और यह आपके समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। शोध बताते हैं कि उच्च रक्तचाप (High BP and bones health ) आपके लिए ओस्टियोपोरोसिस का जोखिम भी बढ़ा सकता है।
अधिकतर मामलों में हाई ब्लड प्रेशर के मरीज को लंबे वक़्त तक अपनी इस बीमारी का पता नहीं चल पाता है। जिससे लंबे वक़्त यह स्वास्थ्य समस्या अनुपचारित रह जाती है। जिससे मरीज को दिल का दौरा, पेरीफेरल वैस्कुलर डिजीज, गुर्दे की बीमारी, गर्भावस्था के दौरान जटिलताएं, आंखों का खराब होना, वैस्कुलर डिमेंशिया के जोखिम में आ सकता है।
हाल ही में एक रिसर्च में यह भी खुलासा हुआ है कि हाई ब्लड प्रेशर आपकी हड्डियों की सेहत पर भी बुरा प्रभाव डालता है। यानी हाई ब्लड प्रेशर हड्डियों से जुड़ी गंभीर बीमारी की वजह बन सकता है।
2022 में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की मीटिंग में हाई ब्लड प्रेशर पर हुए एक शोध को प्रस्तुत किया गया। जिसके मुताबिक, हाई ब्लड प्रेशर ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों को बूढ़ा करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का कार्य करता है। इस बात की पुष्टि चुहों पर हुए शोध में हुई है।
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शोधकर्ताओं के मुताबिक, जिस व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी है, उन्हें ऑस्टियोपोरोसिस की जांच जरूर करवानी चाहिए। रिसर्च के परिणामों में यह निकलकर आया है कि हाई बीपी आंशिक रूप से इंफ्लेमेटरी डिजीज है। जो शरीर में सूजन की परेशानी को बढ़ा सकती हैं।
वयस्कों में सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg से 90/60 mmHg के बीच रहता है। यदि आपका रक्तचाप 140/90 है, तो यह मध्यम ब्लड प्रेशर माना जाता है। वहीं, 160/100 से 180/100 मध्यम हाई ब्लड प्रेशर है। 190/100 से 180/110 होने पर गंभीर हाई ब्लड प्रेशर, 200/120 से 210/120 होने पर ( बहुत गंभीर) हाई ब्लड प्रेशर माना जाता है। जो आपके शरीर के लिए काफी घातक है और इससे कई गंभीर बीमारी हो सकती हैं।
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कस्टमाइज़ करेंऑस्टियोपोरोसिस एक हड्डी की बीमारी है, जो तब विकसित होती है जब अस्थि खनिज घनत्व और हड्डी का द्रव्यमान कम हो जाता है। जिससे हड्डी की ताकत कम हो सकती है और हड्डी के फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है। पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं और वृद्ध पुरुषों में ऑस्टियोपोरोसिस फ्रैक्चर की प्रमुख वजह होती है। यह फ्रैक्चर अक्सर कूल्हे, कशेरुक, रीढ़ या कलाई में होते हैं। लेकिन यह किसी भी हड्डी में हो सकते हैं।
यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। पर जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, इसका जोखिम भी बढ़ता जाता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, जबकि बहुत से लोग नहीं जानते हैं कि उन्हें ऑस्टियोपोरोसिस है, आप अपने जोखिम को कम करने के लिए कुछ कदम उठा सकते हैं।
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