एनसीबीआई द्वारा 2020 में किए गए के सर्वे से पता चलता है कि भारता में कुल 7.8 मिलियन लोग क्रोनिक किडनी डीजीज से जूझ रहे हैं। ये आगे चलकर किडनी फेलियर का कारण बन सकती है। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रैशर, सिस्ट या आजकल लॉन्ग कोविड से जुड़ी कई समस्याओं के कारण किडनी फेलियर की समस्या कई लोगों में देखने को मिल रही है। इसलिए यह जरूरी है कि आप किडनी फेलियर (Kidney failure) और किडनी की देखभाल (How to take care of kidneys) के बारे में सब कुछ जानें। खासतौर पर तब जब किसी की एक किडनी फेल हो चुकी हो।
किडनी हमारे शरीर में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह शरीर से एक्स्ट्रा वेस्ट और फ्लुइड निकालने में मदद करती हैं, जो बाद में यूरिन के रूप में शरीर से पास हो जाता है। यह शरीर से एसिड हटाने का भी काम करती हैं, ताकि बॉडी में मिनरल, सॉल्ट और पानी का सही बैलेन्स बन सके।
यूं तो व्यक्ति के शरीर में दो किडनी होती हैं और वे शरीर के कार्य को सुचारु रूप एसे चलाने में मदद करती हैं। मगर सिर्फ एक किडनी के साथ भी कई लोग हेल्दी लाइफ जीते हैं। यदि किडनी फेलियर की वजह से आपके एजिंग पेरेंट्स के पास भी सिर्फ एक किडनी बची है, तो जानें कैसे कैसे रखना है उनका ख्याल। मगर उससे पहले जान लेते हैं किडनी फेलियर के बारे में
क्लीवलैंड क्लीनिक के अनुसार – किडनी फेलियर का अर्थ है कि एक किडनी खुद से काम नहीं कर सकती। ज़रूरी नहीं है कि किसी को पहले से किडनी की समस्या हो तभी किडनी फेल हो, यह अचानक आई किसी समस्या के कारण भी हो सकता है। ऐसे में किडनी ट्रांसप्लांट और डायलिसिस जैसे ट्रीटमेंट की वजह से लोग सालों साल अच्छा जीवन बिता सकते हैं।
जी हां… एक किडनी को ज़्यादा प्रोटेक्शन की ज़रूरत होती है, क्योंकि ये आकार में जल्दी बढ़ने लगती है। ऐसे लोगों को ज़्यादा फिजिकल एक्टिविटी करने की ज़रूरत नहीं होती है। यदि आपकी एक किडनी का ट्रांसप्लांट हुआ और दूसरी फेल हो चुकी है तब भी ये कम सुरक्षित माने जाते हैं क्योंकि उन्हें आमतौर पर श्रोणि में रखा जाता है।
टेस्ट से पता चला है कि कुछ लोग जिनकी एक किडनी निकाल दी जाती है, उनकी दूसरी किडनी पर काम का बोझ बढ़ सकता है। यह बढ़ा हुआ काम का बोझ सामान्य रूप से दो किडनी द्वारा प्राप्त किए गए लगभग 70 प्रतिशत के बराबर हो सकता है।
यदि कोई व्यक्ति एक ही किडनी के साथ पैदा होता है, तो उसकी किडनी की पूरी कार्यप्रणाली अक्सर सामान्य होती है।
मेयो क्लीनिक के अनुसार शुरुआत में एक किडनी में ज्यादतर समस्याएं नहीं आती हैं, लेकिन आगे चलकर थोड़ी परेशानी हो सकती है। ऐसे लोगों को हर 6 महीने बाद अपना यूरिन और ब्लड टेस्ट कराते रहना चाहिए।
सामान्य तौर पर, एक स्वस्थ किडनी वाले लोगों को विशेष आहार की आवश्यकता नहीं होती है। मगर फिर भी उन्हें –
स्वस्थ और संतुलित आहार लेना चाहिए
नमक का सेवन कम करना चाहिए
ऐसे लोगों को ताजे अंगूर या अंगूर के रस से बचने की सलाह दी जा सकती है क्योंकि ये कुछ दवाओं के साथ रिएक्ट कर सकते हैं।
किसी भी दवाई को बिना डॉक्टर की सलाह के न लें
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