रात में ली गयी अच्छी नींद आपके पूरे दिन को प्रभावित कर सकती है। इसकी वजह से आप खुद को पूरा दिन ऊर्जावान और पॉज़िटिव महसूस कर सकती हैं। मगर अच्छी नींद लेने के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है आपका तकिया (pillow)। जी हां… अपने सही सुना तकिया, एक अच्छा मखमली, गुदगुदा तकिया आपको प्यारी नींद दिला सकता है।
सही बिस्तर और तकिया होने से न केवल अच्छी नींद आती है, बल्कि सिर, गर्दन, कंधे, कूल्हों और रीढ़ की बनावट को भी सपोर्ट मिलता है। तकिये का जब अच्छी तरह से उपयोग किया जाए, तो यह पीठ और गर्दन के दर्द के साथ-साथ कंधे, कूल्हे और जोड़ों के दर्द को भी ठीक कर सकता है।
कई लोग सोते समय बहुत मोटे तकिये का प्रयोग करते हैं, तो कुछ बहुत पतले तकिये का। कुछ लोगों को तकिया लगाना पसंद होता है, तो कुछ इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं। ऐसे में आपके लिए ये जानना महत्वपूर्ण है कि तकिया लगाना कितना ज़रूरी है (importance of a good pillow)।
रीढ़ की हड्डी के विकार वाले लोगों के लिए, गर्दन के नीचे एक सपोर्ट होना बहुत ज़रूरी है। तकिया लगाने से इसे एक तरह का सपोर्ट मिलता है जो स्पाइन को रिलैक्स करने के लिए महत्वपूर्ण है। एक अच्छा तकिया लगाने से आपकी स्पाइन का पॉस्चर सही हो सकता है, जिससे रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं भी दूर हो सकती हैं।
2015 में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक कुछ इस तरह पड़ता है, अलग – अलग तकियों का रीढ़ की हड्डी पर प्रभाव
फाइबर या हल्की रुई से भरे हुये तकिये स्पाइन को ज़्यादा सपोर्ट नहीं दे पाते हैं, बजाए ठोस मैटीरियल से भरे तकियों के।
अच्छे भरे हुये तकिये नींद के दौरान ऊपरी शरीर को अलाइन करने, दबाव से राहत देने और शरीर में कई पॉइंट्स को संतुलित करने का काम करते हैं।
पॉलीप्रोपाइलीन कैप्सूल से भरा एक आर्थोपेडिक तकिया शोध में स्पाइन से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में सबसे ज़्यादा कारगर पाया गया।
100% गोज़ डाउन से बना पंख वाला तकिया रीढ़ की हड्डी को सबसे खराब सपोर्ट देता है।
तकिया लगाने से गर्दन थोड़ा आगे की ओर झुकती है, लेकिन आराम की स्थिति में इस कर्व को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इसलिए यदि करवट लेकर या पीठ के बल सोते समय तकिया बहुत ऊंचा हो, तो गर्दन अजीब तरह से आगे या बगल में झुक जाती है, जिससे गर्दन और कंधों के पीछे की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है।
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कस्टमाइज़ करेंइस प्रकार की स्थिति से वायु नली संकुचित भी हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप रात में सांस लेने में दिक्कत आती है। इसकी वजह से कभी-कभी खर्राटे आते हैं, जो नींद में बाधा डाल सकते हैं।
मगर इसके विपरीत, यदि तकिए की ऊंचाई बहुत कम है, तो गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव पड़ सकता है।
आमतौर पर सिर और गर्दन को सहारा देने के लिए तकिये को 4 से 6 इंच की ऊंचाई वाला होना चाहिए। तकिये से जिड़े 2015 में हुये एक अध्ययन में पाया गया कि लगभग 4 इंच की ऊंचाई वाला तकिया सबसे अच्छा स्पाइनल अलाइनमेंट और सबसे ज़्यादा आराम प्रदान करता है, जिससे मांसपेशियों की गतिविधि कम से कम होती है।
तकिया बदलते ही अगर आपकी गर्दन या कंधों में दर्द होने लगता है, तो इसका अर्थ है कि आपने एक गलत तकिया चुन लिया है। सही फिटनेस और अच्छी हेल्थ के लिए जरूरी है कि आप अच्छा तकिया चुनें। आपके लिए किस प्रकार का तकिया सबसे अच्छा काम करेगा यह आपकी नींद और सोने के तरीके पर निर्भर करता है। हर किसी को सोते समय अलग- अलग तरह के सपोर्ट की ज़रूरत होती है।
जब आप तकिया चूज़ करें तो उसे लगाकर देखें कि क्या इसे लगाने के बाद आपके कान, कंधे और ठोड़ी लेटकर एक सीध में है या नहीं? साथ ही, इसकी सॉफ्टनेस पर भी ध्यान दें। तकिया सॉफ्ट होना चाहिए, लेकिन फर्म भी और बहुत ऊंचा न हो। तकिया बहुत ज़्यादा बाउन्सी न हो और न ज़्यादा हार्ड। इसलिए एक हफ्ते तक तकिए को आजमाएं और देखें कि यह फायदेमंद है या नहीं।
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