Nutmeg for pain relief : दर्द से राहत दिला सकता है जायफल का तेल , जानिए क्या है इस्तेमाल का सही तरीका

जायफल में कई दर्द निवारक कंपाउंड होते हैं। यदि शरीर में किसी प्रकार का दर्द हो रहा है, तो जायफल के एसेंशियल आयल इससे राहत दिला सकते हैं। यहां एक्सपर्ट इसे लगाने का तरीका भी बता रहे हैं।
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जायफल में सैबिनीन, टरपीनॉल और पिनीन सहित मोनोटेरपीन होते हैं। इसके कारण यह एंटी इन्फ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण वाला होता है। चित्र: शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Published: 9 Dec 2023, 11:00 am IST
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आज भी गांवों में स्त्रियां शरीर के किसी अंग में दर्द होने पर तेल में जायफल (Nutmeg) को गर्म कर लगाती हैं। दरअसल, दर्द सूजन (Inflammation) के कारण होता है। लगातार दर्द या क्रोनिक पेन (Chronic Pain) जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर देता है। हाल में कई शोध ने यह साबित किया कि हर्ब या हर्बल दवाएं दर्द के उपचार या राहत में प्रभावी होती हैं। नटमेग या जायफल (Nutmeg) के अलावा, पत्तियों का अर्क और फूल का अर्क भी प्रभावी (Nutmeg for pain relief) होता है।

जायफल का एसेंशियल आयल (Nutmeg Essential Oil)

फ़ूड एंड न्यूट्रिशन जर्नल के अनुसार, दुनिया भर में जायफल को आमतौर पर पाउडर या एसेंशियल आयल (Nutmeg Essential Oil) के रूप में प्रयोग किया जाता है। जायफल तेल (Nutmeg Essential Oil) व्यावसायिक रूप से स्टीम डिस्टिलेशन (steam distillation) के माध्यम से जायफल की गुठली (nutmeg kernels) से प्राप्त किया जाता है। इसमें 50 से अधिक केमिकल कम्पोनेंट होते हैं। इसमें लिनालूल, टरपीनॉल, यूजेनॉल, मिरिस्टिसिन, कैम्फीन, डिपेंटीन और पिनीन भी मौजूद होते हैं। नटमेग एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुणों वाला होता है। जायफल को बाहरी रूप से किसी भी प्रकार के दर्द के लिए किया जा सकता है।

दर्द पर कैसे काम करता है नटमेग या जायफल तेल (Nutmeg Oil for Pain)

नर्मदे आयुर्वेदम पंचकर्म केंद्र, उज्जैन में आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. प्रज्ञान त्रिपाठी बताते हैं, ‘जायफल के तेल (Nutmeg Oil) में सैबिनीन, टरपीनॉल और पिनीन सहित मोनोटेरपीन होते हैं। इसके कारण यह एंटी इन्फ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण वाला होता है। ये सूजन को कम करते हैं और लौंग के तेल की तरह दर्द का इलाज करते हैं। लौंग के तेल की तरह दांत दर्द के लिए इमरजेंसी ट्रीटमेंट के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। इसका उपयोग जॉइंट पेन (Joint Pain), गठिया (Arthritis) के इलाज के लिए किया जाता है। इसका उपयोग पीरियड क्रैम्प (Period Cramp) और सिरदर्द के इलाज के लिए भी किया जाता है। यह एक प्राकृतिक तेल (Natural oil) है, जो चोट का भी इलाज करता है।’

सूजन का इलाज (Nutmeg for inflammation)

इसका उपयोग दर्द और सूजन का इलाज ((Nutmeg for inflammation treatment) करने के लिए भी किया जाता है। स्किन इन्फ्लेमेशन में यह गर्माहट का एहसास पैदा करता है। यह सिरदर्द और छोटी-मोटी चोटों से भी राहत देता है। प्रभावित क्षेत्र पर जायफल तेल की कुछ बूंदें लगाएं और धीरे-धीरे मालिश करें।

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जायफल तेल का उपयोग दर्द और सूजन का इलाज करने के लिए किया जाता है। चित्र : शटरस्टॉक

यहां जानिए पेन रिलीफ के लिए कैसे करना चाहिए इस्तेमाल (Kaise lagana  chahiye jayfal ka tel)

डॉ. प्रज्ञान त्रिपाठी बताते हैं, ‘दर्द से राहत पाने के लिए (How to use Nutmeg Oil) नारियल के तेल में जायफल के एसेंशियल आयल (Nutmeg Essential oil for pain) की 2 से 3 बूंदें मिलाएं। इससे दर्द वाली जगह पर मालिश करें। इससे प्रभावित क्षेत्र में ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) बढ़ाने में मदद मिलती है। इससे दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिलती है। कई अध्ययन बताते हैं कि जायफल का तेल सूजन और पुराने दर्द को कम करने (Nutmeg for pain relief) के लिए एलोपैथ की तरह काम करता है।’

क्या एसेंशियल ऑयल सुरक्षित है (Nutmeg oil Safe or not)?

डॉ. प्रज्ञान त्रिपाठी के अनुसार, जायफल एसेंशियल आयल में मिरिस्टिसिन होता है। यह एक फिनोल है, जो हार्ट को उत्तेजित करता है। यह ऐंठन पैदा कर सकता है या नंबनेस पैदा कर सकता है। कम मात्रा में लेने पर यह सुरक्षित (Nutmeg for pain relief) है। इस ऑयल के अधिक मात्रा में लेने पर इसके साइड इफेक्ट (Nutmeg Oil Side Effects) हो सकते हैं। इसमें सेफ्रोल और मिरिस्टिसिन होता है, जो हेलूसिनेशन और मांसपेशियों की हानि (Muscles loss) का कारण बन सकता है। यह टोक्सिन की तरह भी काम कर सकता है।

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जायफल एसेंशियल ऑयल के अधिक मात्रा में लेने पर इसके साइड इफेक्ट हो सकते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

इससे चक्कर आना, उल्टी, अनियमित हार्ट बीट, उत्तेजना भी हो सकती है। गर्भवती महिलाएं इस तेल के इस्तेमाल से बचें। स्तनपान कराने वाली मां भी तेल के इस्तेमाल से बचें। डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही वे इसका सेवन कर सकती हैं।

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

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