Water Breaking :गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी है प्रसव पूर्व इस संकेत को समझना 

हमने प्रसव से पहले वॉटर ब्रेकिंग के बारे में काफी सुना है, लेकिन यह वास्तव में क्या है और ऐसा होने के बाद हमें क्या करना चाहिए? आइए जानते हैं एक्सपर्ट से।
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प्रेग्नन्सी में नरियल मलाई है फायदेमंद। चित्र : शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 4 Jun 2022, 12:00 pm IST
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स्त्री की सबसे बड़ी खूबी है एक जीवन को पृथ्वी पर लाना और उसका पालन-पोषण करना। वह कई तरह की आशंकाओं और समस्याओं से जूझते हुए बच्चे को नौ महीने तक गर्भ में पालती है। गर्भावस्था की यह यात्रा तीसरी तिमाही के अंत में एक रोलर कोस्टर राइड में बदल जाती है, जब वह अपने वाटर ब्रेकिंग या प्रसव पीड़ा के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार करना शुरू कर देती है, क्योंकि एक निश्चित तारीख पर उसका नवजात शिशु आने वाला होता है। यह वाटर ब्रेकिंग क्या है (What is Water Breaking)? आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

क्या है वाटर ब्रेकिंग?

यह गर्भवती मांओं द्वारा पूछा जाने वाला सबसे आम प्रश्न है। जब बच्चा गर्भाशय के अंदर होता है, तो बच्चे को किसी भी नुकसान से बचाने के लिए हमारा शरीर उसे एमनियोटिक फ्लूइड से भरे बैग के अंदर ढक देता है। यह कुशन से बने महल के अंदर होने जैसा होता है। यहां बच्चा पूरी तरह सुरक्षित रहता है। यह बच्चे के फेफड़ों, हाथों और पैरों के विकास में भी मदद करता है। 

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इस स्थिति में आपको सावधान रहने की जरूरत है। चित्र शटरस्टॉक।

यदि गर्भवती महिला सड़क पर चल रही है या किसी गाड़ी में ऊबड़-खाबड़ रास्तों की वजह से वह झटके खाती है, तो बच्चा उसके गर्भ के एमनियोटिक फ्लूइड के अंदर पूरी तरह सुरक्षित रहता है। यह बच्चे को गर्भाशय के अंदर स्वतंत्र रूप से चलने में भी मदद करता है। जब बैग का मैम्ब्रेन यानी झिल्ली फट जाती है, तो वह फ्लूइड योनि से बाहर निकल आता है। इस प्रक्रिया को ही वाटर ब्रेकिंग (Water breaking) कहते हैं।

जैसा कि फिल्मों में दिखाया जाता है, इसमें पानी की मात्रा पूरी बाल्टी भरने जितनी नहीं होती है। यह कमोबेश थोड़ा रिसाव जैसा होता है। कुछ मामलों में पैंट में यूरीन पास होने जितनी ही इसकी मात्रा होती है। मांओं को पहले तो दबाव जैसा महसूस होता है और फिर बैग टूट जाने के बाद उसे राहत मिलती है।

वाटर ब्रेकिंग के बाद क्या करें?

इस महत्वपूर्ण क्षण में घबराने की बजाय, सबसे पहले गहरी सांस लेनी चाहिए और फिर हॉस्पिटल जाने की योजना बनानी चाहिए। आमतौर पर वाॅटर ब्रेक के बाद बच्चे को बाहर आने में लगभग 1 दिन या उससे अधिक समय लग जाता है। ज्यादातर मामलों में लेबर पेन संकुचन (contractions) के साथ शुरू होते हैं और फिर वाटर ब्रेक हो जाता है। यदि लेबर पेन शुरू होने से पहले वाटर ब्रेक हो जाता है, तो इसे प्रीलेबर रप्चर ऑफ मेम्ब्रेन (PROM) के रूप में जाना जाता है। यह स्थिति गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकती है, जिसमें मेटरनल और फीटल इन्फेक्शन, प्लेसेंटा का अचानक रुक जाना और गर्भनाल (umbilical cord) की समस्याएं भी शामिल हैं। 

PROM के जोखिम कारकों में स्मोकिंग, गर्भाशय ग्रीवा (cervix) की सर्जरी या बायोप्सी, गर्भाशय, योनि या सर्विक्स इन्फेक्शन आदि शामिल हैं। इन मामलों में लेबर पेन पानी के टूटने के बाद होता है और यदि ऐसा नहीं होता है, तो डॉक्टर बच्चे को किसी भी प्रकार के होने वाले इन्फेक्शन से बचाने के लिए प्रसव कराने की शुरुआत कर देता है।

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कैसा दिखता है एमनियोटिक फ्लूइड?

पानी गंधहीन, रंगहीन या ब्लड से भरा होता है। कुछ मामलों में इससे क्लोरीन जैसी गंध भी आ सकती है। पानी की मात्रा बैग के फटने की स्थिति पर निर्भर करती है। यदि फ्लूइड अधिक निकलता है, तो सैनिटरी पैड पहनकर या नीचे एक तौलिया रखकर इसे मैनेज किया जा सकता है।

एक बार जब बैग रप्चर कर जाता है, तो पानी तब तक रिसता रहता है जब तक कि यह आपके शरीर से बाहर नहीं निकल जाता।कुछ महिलाओं के लिए यह प्रक्रिया काफी तकलीफदेह होती है। सबसे महत्वपूर्ण है इस क्षण में अपने डॉक्टर के परामर्श में रहना और उनके द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार अस्पताल जाना। ऐसी स्थिति में अपने साथ एक साफ पैड रख कर बिना घबराए अस्पताल जाया जा सकता है।

कभी-कभी जब बच्चा प्रसव की तैयारी के लिए पेल्विक रीजन में आ जाता है, तो यह झिल्ली पर दबाव बनाता है। इसके परिणामस्वरूप एमनियोटिक थैली टूट जाती है। यदि वॉटर ब्रेकिंग नहीं होता है, तो डॉक्टर उसे आर्टिफिशियल रूप से तोड़ देते हैं। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है कॉन्ट्रेक्शन वाटर ब्रेकिंग के कुछ घंटों के बाद शुरू होता है। यदि यह 24 से 48 घंटों में शुरू नहीं होता है, तो डॉक्टर इन्फेक्शन से बचाने के लिए लेबर शुरू करा देते हैं।

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वाटर ब्रेकिंग के बाद घबराने की बजाय गहरी सांस लें और हॉस्पिटल जाने की तैयारी करें। चित्र : शटरस्टॉक

पानी टूटने के बाद महत्वपूर्ण जांच

वाटर ब्रेकिंग के बाद गर्भवती महिला को कुछ चीजों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उपयोग किए जाने वाले सैनिटरी पैड को हर कुछ घंटों के बाद बदलना चाहिए, चाहे वह गीला हो या नहीं।

फ्लूइड के कलर की भी जांच की जानी चाहिए। इसका कोई रंग नहीं होना चाहिए और गंधहीन भी होना चाहिए। हल्का गुलाबी रंग, खून और बलगम के निशान ज्यादातर मामलों में सामान्य माने जाते हैं। यदि हरे या भूरे रंग के फ्लूइड को नोटिस किया जाता है, तो यह मेकोनियम का मामला हो सकता है। यह बच्चे की गति को दिखाता है। ऐसे में तुरंत अस्पताल जाना चाहिए।

यदि महिला तय नहीं कर पाती है कि फ्लूइड एमनियोटिक है या सिर्फ यूरीन है, तो किसी भी प्रकार के भ्रम और देरी से बचने के लिए उसे तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। 

वाटर ब्रेकिंग एक आवश्यक प्रक्रिया है और यह सभी मांओ को अपने बच्चे के करीब ले जाता है। तनाव महसूस करना स्वाभाविक है, लेकिन जागरूक रहकर और डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन कर अपनी चिंताओं काे शांत किया जा सकता है।

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