एमआरआई (MRI) का पूरा नाम मैग्नेटिक रिजोंनेस इमेजिंग है। यह एक तरह की स्कैनिंग मशीन (Scanning machine) है। इसमें बहुत ही शक्तिशाली और नियंत्रित विद्युत क्षेत्र, रेडियो तरंगें और कंप्यूटर टेक्नोलॉजी (computer technology) शामिल होती है। इसकी मदद से मानव शरीर के अंदर की विस्तृत तस्वीरें (Images) निकाली जाते हैं। यह एक डॉक्टरी इमेजिंग होती है। विस्तृत स्कैन (scan) करने के लिए चुंबकीय क्षेत्र और कंप्यूटर से तरंगों को पैदा किया जाता है। इससे आपके शरीर के ऊतकों या अंगो की तस्वीरें ली जाती हैं। आइए जानते हैं एमआरआई (MRI Scan) स्कैन के बारे में सब कुछ।
इसमें एक्स-रे रेडियेशन का उपयोग नहीं किया जाता है। एमआरआई तकनीक अक्सर बीमारी का पता लगाने, डायग्नोसिस करने, ट्रीटमेंट (treatment) की निगरानी करने के लिए प्रयोग में लाई जाती है। अधिकांश एमआरआई (MRI) मशीनें बड़ी, ट्यूब के आकार की मैगनेट (magnet) होती हैं।
एमआरआई (MRI) के कई फायदे होते हैं। जैसे कि यह बिना रेडिएशन या साइड इफेक्ट के तस्वीर प्रदान करती है।
एमआरआई प्रक्रिया से पहले आपको अस्पताल का गाउन पहनना होगा और जो भी धातु की चीजें आपने पहनी हैं उन्हें निकालना होगा। स्कैन के दौरान आपको रिट्रैक्टेबल टेबल पर सीधे लेटना होगा। फिर यह टेबल गुंबद के आकार के स्कैनर के अंदर जाएगा। अन्दर या तो पहले आपका सिर जायेगा या पैर।
जब आप एक एमआरआई (MRI) मशीन के अंदर लेटते हैं, तो चुंबकीय क्षेत्र अस्थायी रूप से आपके शरीर में पानी के अणुओं को पुन: व्यवस्थित करता है। रेडियो तरंगें इन व्यवस्थित हुए परमाणु से संकेतों का उत्पादन करती हैं। इनका उपयोग क्रॉस-सेक्शनल एमआरआई चित्रों को बनाने के लिए किया जाता है। ये चित्र ऐसे बनते हैं जैसे कि रोटी के ऊपर रोटी रखी जाती है।
सटीक और गहन चित्र प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया के दौरान स्थिर रहना महत्वपूर्ण होता है। स्कैन के दौरान आपको जोर से थपथपाने या फटफटाने की आवाजें सुनाई दे सकती है। चिंता करने की कोई बात नहीं होती है। यह थपथपाहट तब होती है जब एमआरआई स्कैनर कॉइल में विद्युत प्रवाह चालू और बंद होता है।
स्कैन किए जा रहे शरीर के अंग और लिए गए चित्रों की संख्या के आधार पर पूरी प्रक्रिया में 15 से 60 मिनट का समय लग सकता हैं।
पोल
स्कैन के बाद एक अनुभवी रेडियोलॉजिस्ट इन चित्रों की जांच करेगा और समस्याओ का ब्यौरा मरीज को बतायेगा। अगर कोई बीमारी होगी, तो एक रिपोर्ट तैयार की जायेगी। जिस व्यक्ति के अंदर पेसमेकर लगा है, जिनके शरीर के अंदर गोलियां या छर्रे हैं, या उनमें कोई कोच्लेयर इम्प्लांट्स है, तो उनका एमआरआई स्कैन नहीं हो सकता है।
एमआरआई स्कैन टेस्ट के बाद इन चित्रों को एक हार्ड कॉपी और एक सीडी में ट्रांसफर किया जाता है। रेडियोलॉजिस्ट तब एक रिपोर्ट में एमआरआई चित्रों के बारे में बताता है। एमआरआई स्कैन प्रक्रिया 15 से 90 मिनट तक चलती है। एमआरआई रिपोर्ट ज्यादातर केस में प्रक्रिया के 6 से 24 घंटों के भीतर उपलब्ध हो जाती है।
3T MRI के चुंबकीय क्षेत्र की ताकत 1.5T से दोगुनी शक्तिशाली होती है। इस वजह से 3T MRI बेहद स्पष्ट और गहरी इमेज (छवियां) प्रदान करता है। 3T मस्तिष्क, वैस्कुलर, मस्कुलोस्केलेटल और छोटी हड्डी की इमेजिंग के लिए उपयुक्त होता है। जब मरीजों की संख्या अधिक होती है, तो जल्दी-जल्दी उनका एमआरआई करना जरूरी हो जाता है। ज्यादा मरीजों की इमेजिंग सुविधा के लिए थोड़े समय के लिए स्कैन फायदेमंद होता है।
यह भी पढ़ें – क्या वजन बढ़ने का कारण हो सकता है स्टेरॉयड? जानिए क्या हैं इसके स्वास्थ्य जोखिम
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।