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प्रेगनेंसी में खतरनाक हो सकती है जेस्टेशनल हाइपरटेंशन, जानिए कैसे करना है बचाव

क्या जेस्टेशनल हाइपरटेंशन की स्थिति अजन्मे बच्चे की सेहत को भी प्रभावित कर सकती है, या यह केवल मां की सेहत को प्रभावित करती है? आइये जानते हैं इस बारे में।
Published On: 18 May 2023, 07:14 pm IST
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शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा होने और पूरी नींद लेने के बावजूद मुंह सूखने की समस्या बढ़ते ब्लड शुगर लेवल का संकेत हो सकता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

उच्च रक्तचाप यानी कि हाई ब्लड प्रेशर गर्भावस्था के दौरान एक ऐसी स्थिति है, जो संभावित रूप से मां और बच्चे दोनों के लिए गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकती है। कई बार महिलाएं अपनी प्रेगनेंसी की अवधि में हाई ब्लड प्रेशर की शिकार हो जाती हैं जिसे जेस्टेशनल हाइपरटेंशन (Gestational hypertension) कहते हैं। आमतौर पर यह समस्या प्रेगनेंसी के बाद खत्म हो जाती है। परंतु इसका मां और बच्चे की सेहत पर क्या प्रभाव पड़ता है। क्या यह स्थिति अजन्मे बच्चे की सेहत को भी प्रभावित कर सकती है, या यह केवल मां की सेहत को प्रभावित करती है? आइये इस बारे में जानते हैं।

हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर मदरहुड हॉस्पिटल नोएडा के सीनियर कंसलटेंट ऑब्सटेट्रिशियन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर तनवीर औजला से चर्चा की उन्होंने इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। तो आइए जानते हैं इस स्थिति के प्रभाव बारे में।

इन 3 प्रकार की होती है हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति

गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनमें क्रोनिक उच्च रक्तचाप (पहले से मौजूद उच्च रक्तचाप), गर्भकालीन उच्च रक्तचाप (गर्भावस्था के 20 सप्ताह के बाद विकसित होना) और प्रीक्लेम्पसिया (उच्च रक्तचाप और अंग क्षति की विशेषता) शामिल हैं।

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नियमित प्रसव पूर्व जांच और रक्तचाप की निगरानी महत्वपूर्ण होती है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

जानें प्रेगनेंसी में हाई ब्लड प्रेशर में नजर आने वाले लक्षण

गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप की स्थिति में ज्यादातर महिलाओं को सिरदर्द, धुंधली दृष्टि, पेट में दर्द, तेजी से वजन बढ़ना, हाथों और चेहरे पर सूजन और पेशाब की कमी का अनुभव होता है। हालांकि, कुछ महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में किसी प्रकार के लक्षण नजर नहीं आते हैं। यही वजह है कि नियमित प्रसव पूर्व जांच और रक्तचाप की निगरानी महत्वपूर्ण होती है।

इस स्थिति में बच्चे की सेहत पर क्या असर पड़ता है

डॉक्टर तनवीर औजला के अनुसार प्रेगनेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की समस्या प्लेसेंटा में ब्लड फ्लो की कमी का कारण बनती है। प्लेसेंटा को पर्याप्त ब्लड फ्लो न मिलने के कारण भ्रूण को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाता, जिसका असर सीधा बच्चे की ग्रोथ पर पड़ता है और प्रीमेच्योर बर्थ का खतरा बना रहता है। इसके साथ ही कम वजन के बच्चे का जन्म होता है।

जेस्टेशनल हाइपरटेंशन से पीड़ित महिलाओं के बच्चों को बाद में सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, साथ ही वह संक्रमण से अधिक प्रभावित होते हैं। इसी प्रकार कई अन्य कॉम्प्लिकेशंस देखने को मिलते हैं।

गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में कैसे रखें खुद का ध्यान

डॉक्टर औजला के अनुसार गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप का उपचार स्थिति की गंभीरता और भ्रूण की गर्भकालीन आयु पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में, ब्लड प्रेशर का नियमित चेकअप करवाना, हेल्दी डाइट लेने और जीवनशैली में बदलाव की सिफारिश की जाती है।

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

यदि आप प्रेगनेंट हैं और हाइपरटेंशन की समस्या से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर आपको लो सोडियम युक्त हेल्दी खाद्य पदार्थ खाने की सलाह देते हैं। नियमित व्यायाम करें और भरपूर आराम करें।

अधिक गंभीर मामलों में, रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए दवा की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि, मां और बच्चे दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दवा के चुनाव पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाना चाहिए है। कभी भी अपने मन से दवाई न लें।

उपचार की प्रभावशीलता की निगरानी और किसी भी संभावित जटिलताओं का आकलन करने के लिए नियमित प्रसव पूर्व जांच और रक्त परीक्षण आवश्यक हैं।

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प्रेगनेंसी के पहले, बाद और उस दौरान हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो तो क्या करें

प्रेगनेंसी से पहले क्या करें?

यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो आपके लिए पहले से प्रेगनेंसी प्लान करना बहुत जरूरी है। डॉक्टर से मिलें और इस विषय पर बातचीत करें। इस दौरान आपको डॉक्टर द्वारा सुझाई गई चीजों को फॉलो करने की आवश्यकता होती है।

प्रेग्नेंट होने से पहले दोबारा चेकअप कराएं और देखें कि आपका शरीर कंसीव करने के लिए तैयार है या नहीं। साथ ही आप हेल्दी वेट मैनेजमेंट पर ध्यान दे सकती हैं और अपने खान-पान की आदतों में सुधार कर सकती हैं।

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डाइट का रखें खास ध्यान। चित्र : एडॉबीस्टॉक

प्रेगनेंसी के दौरान क्या करें?

यदि आप चंदन जी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित है तो जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से मिले और अपनी जांच करवाएं इसके साथ ही नियमित रूप से रक्त परीक्षण करवाना भी आवश्यक है

डॉक्टर के सुझाव गई दवाइयों का सेवन करें और किसी प्रकार की समस्या नजर आने पर बिना देर किए डॉक्टर से इस पर चर्चा करें घर पर ब्लड प्रेशर चेक करने वाली मशीन रखें ताकि आप नियमित रूप से अपनी स्थिति की जांच कर सके।

एक्सरसाइज, लो सोडियम फूड, ताजे फल और सब्जियों का सेवन इसमें आपकी मदद करेंगे। जितना हो सके उतना तनाव से दूर रहने की कोशिश करें। साथ ही मेडिटेशन करने से मदद मिलेगी।

प्रेगनेंसी के बाद क्या करें?

यदि प्रेगनेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित थीं, तो बच्चे को जन्म देने के बाद आपको इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। अन्य महिलाओं की तुलना में आपमें स्ट्रोक और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा अधिक होता है। डॉक्टर के संपर्क में रहें साथ ही उनके द्वारा दिए गए इंस्ट्रक्शंस को फॉलो करें।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

पत्रकारिता में 3 साल से सक्रिय अंजलि महिलाओं में सेहत संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। हेल्थ शॉट्स के लेखों के माध्यम से वे सौन्दर्य, खान पान, मानसिक स्वास्थ्य सहित यौन शिक्षा प्रदान करने की एक छोटी सी कोशिश कर रही हैं।

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