यदि आप अपने ओरल हाइजीन (Oral hygiene) पर ध्यान नहीं देती है, तो आपके मसूड़ों से खून आने की संभावना बनी रहती है। यह एक प्रकार की सामान्य डेंटल प्रॉब्लम (Dental problem) है जिसकी वजह से कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि समस्या का सही कारण मालूम हो तो उससे निजात पाना काफी आसान हो जाता है। मसूड़ों से खून आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे मसूड़ों से जुड़ी बीमारी या गलत तरीके से ब्रश करना। कभी-कभी मसूड़ों से खून आना सामान्य है, साथ ही यह किसी गंभीर समस्या का भी कारण हो सकता है। जैसे कि पीरियोडोटाइटिस और मसूड़ों की सूजन (Periodontitis and gum inflammation)।
हेल्थ शॉट्स ने कैप्चर लाइफ डेंटल केयर की फाउंडर और सीईओ डॉ नम्रता रूपानी से इस विषय पर बातचीत की। उन्होंने मसूड़ों से खून आने के कुछ संभावित कारणों और उपचारों के बारे में बताया। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
डॉक्टर रूपानी कहती हैं, “ज्यादातर ब्लीडिंग गम की समस्या उन्हें होती है जिनके मसूड़े में इंफेक्शन या सूजन की समस्या हो। वहीं मसूड़ो के किनारों पर प्लाक और टार्टर जमा हो जाने से मसूड़ों से खून आने की संभावना बढ़ जाती है। प्लाक और टार्टर मसूड़ो से जुड़ी समस्या की जड़ होते हैं। यदि समय रहते इनका इलाज न किया जाए, तो मसूड़ों से जुड़ी कई अन्य बीमारियां हो सकती हैं।”
मसूड़ों से खून आने के कई कारण होते हैं, इसमें से एक सबसे सामान्य कारण आपके ब्रश करने का तरीका हो सकता है। इसके साथ ही विटामिन की कमी और कई अन्य उड़न प्रॉब्लम इसका कारण हो सकती हैं।
डॉक्टर रूपानी के अनुसार ” मसूड़ों में सूजन होने के शुरुआती दौर में यह बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण हो सकता है। जिस वजह से मसूड़े लाल पड़ जाते हैं, उनमें सूजन आ जाती है और ऐसे में मसूड़ो से खून आने जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। इस समस्या में ब्रश करने के दौरान थोड़ी सी भी गलती आपके मसूड़ो से खून आने की एक वजह बन सकती है। यदि इसे समय रहते नियंत्रित न किया जाए तो यह समस्या किसी गंभीर बीमारी के रूप में तब्दील हो जाती है। साथ ही दांत झरने जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं।
पीरियोडोंटाइटिस मसूड़ों में होने वाली एक प्रकार की गंभीर इंफेक्शन है, जिसे नजरअंदाज करना आप पर भारी पड़ सकता है। यह मसूड़ो के मुलायम टिशू को डैमेज करने के साथ दातों को सपोर्ट देने वाली हड्डियों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इसके कारण दांत कमजोर होते हैं और दांत झड़ने की समस्या भी देखने को मिल सकती है। यदि आपको ऐसी कोई समस्या है, तो समय रहते इसका इलाज करवा लें। अन्यथा बाद में यह किसी गंभीर समस्या का कारण बन सकती है।
डॉ रूपाली ने हेल्थ शॉट्स को बताया कि “विटामिन के (Vitamin K) शरीर में ब्लड क्लॉट्स बनाए रखता है और किसी भी जगह से बहुत ज्यादा बिल्डिंग होने से रोकता हैं। यदि आपके शरीर में विटामिन के की कमी है, तो यह आपके कमजोर हड्डियों एवं खून से जुड़ी समस्याओं का कारण हो सकती है। वहीं विटामिन सी कॉलेजन प्रोड्यूस करता है, कॉलेजन मसूड़ों के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होते हैं। ऐसे में विटामिन सी की कमी मसूड़ों से जुड़ी समस्याएं जैसे कि सूजन और इरिटेशन का कारण बन सकती है।
डेंटल क्लीनिंग डेंटिस्ट द्वारा की जाने वाली एक प्रतिक्रिया है, जिसमें मसूड़ों के किनारों से प्लाक को साफ किया जाता है। यह मसूड़ों में होने वाली सूजन को कम करने में मदद करता है। साथ ही साथ मुंह से जुड़ी किसी भी तरह के इंफेक्शन और एलर्जी की संभावना को भी कम कर देता है।
डॉक्टर रूपानी कहती हैं कि “सभी डेंटिस्ट एक ही सलाह देते हैं, एक अच्छी ओरल हाइजीन जैसे कि दिन में दो बार ब्रश करना, मुलायम ब्रिस्टल वाले टूथब्रश का चयन करना और फ्लॉस का उपयोग करना। इस बात का ध्यान रखें कि अपने दांतों पर ज्यादा मजबूती से ब्रश न करें। वहीं जीभ की सफाई करना नियमित दिनचर्या का एक प्रमुख हिस्सा होना चाहिए।”
मसूड़ों की समस्या कितनी ज्यादा बढ़ चुकी है इस आधार पर डेंटिस्ट आपको एंटीबैक्टीरियल माउथवॉश और एंटीबायोटिक लेने की सलाह देंगे। यह निर्धारित दवाइयां बैक्टीरिया को मुंह में फैलने से रोकेंगी और प्लाक जैसी समस्याओं से भी आपका बचाव करेंगी।
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कस्टमाइज़ करेंमसूड़ों से खून आना खराब ओरल हेल्थ की निशानी है। ऐसे में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही दांतों की सेहत का भी ख्याल रखना बहुत जरूरी है। इसलिए नियमित रूप से डेंटल चेकअप करवाती रहें, यह आपको एक अच्छी ओरल हेल्थ बनाए रखने में मदद करेगा।
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