किसी भी व्यक्ति के स्वस्थ रहने के लिए बेहद जरूरी है उसके पेट का स्वस्थ रहना। यदि पेट से संबंधित कोई भी परेशानी होती है, तो उसका प्रभाव पूरे शरीर पर होता है। मगर पेट के भीतर कौन-कौन से अंग काम करते हैं और वे कैसे अपनी भूमिका निभाते हैं, बहुत सारे लोग इस बारे में नहीं जानते। पाचन तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाला ऐसा ही एक अंग है अपेंडिक्स। ज्यादातर लोग इसे शरीर का गैरजरूरी अंग मानते हैं और निकलवाने की सलाह देते हैं। पर क्या वास्तव में ऐसा है? आइए जानते हैं अपेंडिक्स (Appendix) और उसमें होने वाली समस्या अपेंडिसाइटिस (appendicitis) के बारे में सब कुछ।
अपेंडिक्स क्या है और इसकी हमारे शरीर में क्या उपयोगिता है, यह जानने के लिए हमने बात की सिल्वर लाइन हॉस्पिटल में सर्जन डॉ. शोएब इक़बाल से।
डॉ इकबाल के मुताबिक बॉडी में अपेंडिक्स का होना बेहद जरूरी है। यह छोटी आंत और बड़ी आंत के बीच मौजूद एक अंग है। जिसका आकार शहतूत समान होता है। यह आंतों से बाहर की तरफ निकला रहता है। इस ऑर्गन में डाइजेशन के लिए गुड बैक्टीरिया इकट्ठा होते रहते हैं।
इसमें कई बार इन्फेक्शन की वजह से अपेंडिसाइटिस नामक बीमारी हो जाती है। जिसके चलते असहनीय दर्द होता है।
पहले डॉक्टर्स मानते थे कि अपेंडिक्स बॉडी के लिए एक अनुपयोगी ऑर्गन है और इसका कोई प्रयोग नहीं है। लेकिन एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की रिसर्च के मुताबिक, एक हेल्दी बॉडी के लिए अपेंडिक्स भी आवश्यक ऑर्गन है।
इसमें डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए गुड बैक्टीरिया जमा होते हैं, जो डाइजेशन में मदद करते हैं। जब हमारी बॉडी में लंबी बीमारी की वजह से बैक्टीरिया की कमी हो जाती है, तो अपेंडिक्स का कार्य डाइजेस्टिव सिस्टम को ठीक रखना होता है।
आंतों में इन्फेक्शन, कब्ज, पेट में पलने वाले खराब बैक्टीरिया के बढ़ने की वजह से अपेंडिक्स में सूजन या इसकी नली में रुकावट आ जाती है। इसे अपेंडिसाइटिस (appendicitis) कहा जाता है। अगर लंबे वक़्त तक अपेंडिक्स की समस्या को नज़रअंदाज़ किया जाए, तो यह फट भी सकता है और जानलेवा साबित हो सकता है।
अपेंडिसाइटिस का सबसे आम लक्षण पेट में बहुत तेज दर्द होना है। यह दर्द अचानक से बढ़ भी सकता है और खांसने, छींकने या तेज सांस लेने पर और अधिक कष्टदायक हो सकता है। इसके अलावा भी पेट में बहुत दर्द होना, भूख न लगना, मतली, उल्टी, कब्ज या दस्त
मल त्याग करने में परेशानी होना जैसी परेशानी भी हो सकती हैं।
अपेंडिक्स की बीमारी से बचने के लिए आवश्यक है कि अधिक से अधिक फाइबर्स वाले फूड, हरी सब्जियां, भरपूर मात्रा में पानी पिएं। जंक फूड, अल्कोहोल और स्मोकिंग से परहेज करें।
हेल्दी लाइफस्टाइल आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को दुरूस्त रखता है, जिससे आप अपेंडिक्स में होने वाले दर्द अथवा अपेंडिसाइटिस (appendicitis) से बची रहती हैं।
डॉ. इक़बाल के मुताबिक, यदि डॉक्टर को लगता है कि मरीज को अपेंडिसाइटिस है, तो वह पेट का अल्ट्रासाउंड और सीटी स्केन करवाने का सुझाव दे सकता है। जिससे समस्या का पता लगाया जा सकता है। फिर समस्या का पता चलने पर इलाज या सर्जरी का सुझाव देता है।
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