स्वस्थ शरीर के लिए इम्यून सिस्टम मजबूत होना जरूरी है। इसके लिए शरीर में पर्याप्त मात्रा में मिनरल्स की मौजूदगी जरूरी है। जिंक यानी जस्ता पूरे शरीर में पाया जाता है। यह शरीर की कोशिकाओं में मौजूद होता है। गर्भावस्था, नवजात शिशु और टीन्स के लिए यह बहुत जरूरी है। यह शरीर के विकास में मदद करता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। ताकि शरीर रोगों के बैक्टीरिया और वायरस से मजबूती से लड़ सके। इम्यून सिस्टम को मजबूत करने (Zinc for immunity) के लिए जिंक बहुत जरूरी है।
नुट्रीएंट जर्नल में इम्यून सिस्टम पर जिंक के प्रभावों पर शोध आलेख प्रकाशित किया गया। शोधकर्ता इंगा वेसल्स, मार्टिना मेवाल्ड और लोथर रिंक ने अपने शोध में पाया कि जिंक की कमी के कारण इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। सबसे पहले 1960 में जिंक की कमी से प्रतिरक्षा प्रणाली प्रभावित हो जाती है। प्रोटीन बाइंडिंग के लिए जिंक जरूरी है। यह एंटी इन्फ्लामेट्री और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों वाला होता है। जिंक न्यूट्रीशन का कांस्टेंट स्टेट होमियोस्टेसिस कहलाता है। कई अध्ययन में पाया गया है कि जिंक की कमी के कारण बालों का झड़ना, रीप्रोडक्टिव ऑर्गन का प्रभावित (Testicular Atrophy) होना, एपिडर्मिस का मोटा होना और हाइपरकेराटिनाइजेशन भी हो सकता है।
स्प्रिंगर एज जर्नल में जेवियर रोमियो, एम मालवोल्टा शोधकर्ताओं के जिंक डाइटरी प्रोडक्ट के इम्यून सिस्टम पर प्रभाव पर शोध आलेख प्रकाशित हुए।. इसमें यह बताया गया है कि 19 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए जिंक का सही मात्रा में सेवन करना जरूरी है।
पुरुषों को एक दिन में 11 मिलीग्राम और महिलाओं के लिए 8 मिलीग्राम जिंक की जरूरत पडती है।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को 11 मिलीग्राम और और स्तनपान के दौरान 12 मिलीग्राम की मात्रा आवश्यक है। किसी भी महिला या पुरुष को प्रतिदिन 40 मिलीग्राम से अधिक जिंक का सेवन नहीं करना चाहिए। भ्रूण के लिए और स्तनपान के दौरान जिंक की जरूरत बढ़ जाती है। क्योंकि ब्रेस्ट मिल्क में जिंक की मात्रा कम होती है। गाय के दूध में कैल्शियम और फास्फोरस की अधिक मात्रा जिंक के अवशोषण को कम कर सकती है।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय में हुए शोध बताते हैं कि रेड मीट, पोल्ट्री और सीफूड जिंक से भरपूर होते हैं। प्लांट बेस्ड फूड्स जैसे कि फलियां और साबुत अनाज जिंक के अच्छे स्रोत हैं। लेकिन इनमें फाइटेट्स भी होते हैं, जो मिनरल के साथ बाइंड हो सकते हैं। इसके कारण अवशोषण कम हो पाता है। शेल फिश में क्रेब, लॉबस्टर, ओएस्टर, बीफ, पोर्क, चिकन, फलियां, नट्स, सीड्स, साबुत अनाज, फोर्टीफाइड सीरल में जिंक भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं।
जिंक सप्लीमेंट के रूप में कैप्सूल और सिरप के रूप में भी उपलब्ध होता है। लेकिन हमेशा जरूरत के अनुसार ही जिंक का सेवन करना चाहिए। एक्स्ट्रा जिंक आयरन और कॉपर के अवशोषण में दिक्कत पैदा कर सकता है। जिंक की अधिक खुराक से मतली और उल्टी भी हो सकती है। इसलिए जिंक सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, कुछ अध्ययन जिंक के सर्दी के वायरस को फैलने से रोकने की बात कहते हैं। क्योंकि यह सूजन को कम करता है। अध्ययन यह निष्कर्ष देता है कि ज़िंक से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे कि चिकन सूप सर्दी को तो नहीं रोकता है। लेकिन सर्दी के लक्षणों जैसे कि गले में खराश, कफ, सूंघने की शक्ति को ठीक करने में मदद कर सकता है। इसके लिए लक्षण के शुरुआत के एक दिन के भीतर लेने पर कम होने में मदद मिल सकती है।
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