त्वचा पर लाली, दाने, चकत्ते, घुटनों और जोड़ों में दर्द, शरीर में जकड़न ये सभी वे समस्याएं हैं जो सर्दियां आने के साथ ही ट्रिगर होने लगती हैं। पर क्या इनका कारण सर्दियां ही हैं या कुछ और? जी हां ये शरीर में बढ़ने वाली सूजन यानी इन्फ्लेमशन (Inflammation) के कारण होता है। पर क्या आप जानती हैं कि आखिर शरीर में क्यों बढ़ने लगती है सूजन? इसके लिए आपके आहार में शामिल कुछ फूड्स भी जिम्मेदार हो सकते हैं।
आपने कभी ना कभी सूजन (इन्फ्लेमेशन) की समस्या जरूर फेस की होगी। लेकिन क्या आपने कभी इन्फ्लेमेशन की समस्या को ठीक करने का प्रयास किया है? अगर नहीं किया है तो आपको अब इस समस्या को ठीक करने के विकल्पों के बारे में सोचना और समझना चाहिए। क्योंकि अगर इसे वक्त रहते नहीं ठीक किया गया, तो यह आपके शरीर में कई डिसऑर्डर्स को जन्म दे सकती है। जो कभी-कभी इतने दर्दनाक हो जाते हैं कि उन्हें बर्दाश्त कर पाना भी मुश्किल हो जाता है।
सरल भाषा में समझा जाए, तो इन्फ्लेमेशन (Inflammation) हमारे शरीर द्वारा की गई एक प्रतिक्रिया है। दरअसल हमारा शरीर बैक्टीरिया और वायरस जैसी अड़चनों के लिए इन्फ्लेमेशन की प्रतिक्रिया दिखाता है।
इनके लिए हमारा शरीर एंटीबॉडीज बनाता है, जिससे लाली, दाने और दर्द का अनुभव होता है। लेकिन हमारी गतिहीन जीवन शैली और खान-पान की आदतों के कारण, हमारे शरीर की क्षमता प्रभावित होने लगती है। जिसका असर हमारी प्रतिरक्षा पर भी पड़ता है।
वहीं क्रोनिक इन्फ्लेमेशन एक दीर्घकालिक स्थिति है, जो महीनों और सालों में धीरे-धीरे विकसित हो सकती है। पुरानी सूजन के कारणों में शामिल हो सकते हैं:
जब किसी व्यक्ति को इन्फ्लेमेशन की समस्या होती है, तो ज्यादातर जोड़ों या शरीर में चोट की जगह पर लाली, दर्द की समस्या महसूस होती है। इसके अलावा लोगों में कई अन्य लक्षण जैसे :
नेशनल कैंसर सेंटर द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार,इन्फ्लेमेशन हमारे DNA को नुकसान पहुंचा सकती है। जिससे कैंसर जैसी बड़ी बीमारियां भी उत्पन्न हो सकती हैं। क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन को आंत्र रोगों से भी जोड़ा जाता है। जैसे अल्सरेटिव कोलाइटिस और क्रोहन रोग। जिससे कोलन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इन्फ्लेमेशन आमतौर पर दिल की बीमारी और स्ट्रोक वाले लोगों में मौजूद होती है ।
यकीनन आपको यह नाम सुन कर बिलकुल भी आश्चर्य नहीं हुआ होगा। क्योंकि यह बात सभी जानते हैं कि ज्यादा चीनी विशेष रूप से परिष्कृत चीनी हमारे स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल भी अच्छी नहीं होती।
चीनी सिर्फ कैलोरी हैं जिसका पोषण मूल्य जीरो है। बहुत अधिक चीनी खाने के बाद इन्फ्लेमेशन होने का मुख्य कारण फ्रुक्टोज होता है। यह आपके शरीर में इंसुलिन के स्तर को प्रभावित करता है, जो पूरे हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ देता है।
इन सभी चीजों में कार्ब्स होते हैं, जो हैवी कैलोरी का कारण बनते हैं। साइंटिफिक अमेरिकन जर्नल में प्रकाशित एक शोध में बताया गया है कि ब्रेड, पास्ता, पिज्जा और बर्गर जैसे रिफाइंड कार्ब्स में वास्तव में उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है।
अगर आप इन्हें कम मात्रा में खाते हैं, तो कोई नुकसान नहीं है। अगर आपको ग्लूटेन से एलर्जी है या बहुत अधिक खाते हैं, तो यह उन्नत ग्लाइकेशन एंड (एजीई) उत्पादों के उत्पादन को बढ़ाता है। जो आपके शरीर में सूजन को ट्रिगर करता है।
डायबिटीज से पीड़ित मरीज ज्यादातर शुगर फ्री यानी आर्टिफिशियल स्वीटनर का प्रयोग करते हैं। पर असल में यह भी इन्फ्लेमेशन का बड़ा कारण साबित हो सकता है। यह आर्टिफिशियल स्वीटनर बैक्टेरॉइड्स नामक अच्छे बैक्टीरिया के स्तर को कम करके संरचना में समस्या पैदा करता है।
यदि आपके परिवार में किसी को पुरानी बीमारी या गठिया जैसी कोई ऑटोइम्यून बीमारी है, तो उन्हें आर्टिफिशियल स्वीटनर का सेवन करने से बचना चहिए।
ट्रांस-फैट सबसे खराब फैट में से एक है। सभी प्रकार का तला भोजन इससे भरा रहता है। बहुत अधिक तला हुआ भोजन खाने से न केवल आप मोटे हो जाएंगे, बल्कि यह आपके शरीर में सी-रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) नामक इंफ्लामेटरी प्रोटीन भी बढ़ाएगा, जिससे इन्फ्लेमेशन की दिक्कत हो सकती है।
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