ठंड के बाद जैसे ही गर्मी की शुरुआत होती है हमारे आसपास का वातावरण तेजी से बदलने लगता है। इस बदलाव के कारण हमारे इर्दगिर्द के तापमान में भी उछाल होने लगती है। यह बढ़त भले ही हमारे लिए प्रतिकूल परस्थितियां पैदा करती हों, मगर इसी वातावरण में रह रहे कई जीवों के लिए अनुकूल भी होने लगती हैं। दरअसल इनमें से कई ऐसे जीव होते हैं, जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। मच्छर (Mosquito) उन्हीं खतरनाक जीवों में से एक हैं। और इन दिनों उनकी तादाद खूब बढ़ने लगी है। यानी उनके साथ बढ़ने लगा है मच्छरों से होने वाली बीमारियों (Mosquito disease) का खतरा। इसलिए यह जरूरी के कि मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों (How to avoid Mosquito disease) के प्रति पहले से ही सचेत हो जाएं।
हर साल अचानक तापमान में बढ़ोतरी के साथ मच्छरों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी होती है। इसके आलावा कुछ जगहों पर नमी के कारण इनके लिए परिस्थितियां अनुकूल होती हैं। ऐसे में भी मच्छर तेजी से पनपते हैं। वातावरण अनुकूलन के साथ इनकी संख्या में बढ़ोतरी हमारे लिए खतरा बन जाती है। दरअसल यह खतरा मच्छरों द्वारा फैलाई गई बीमारियों के कारण शुरु होता है। आइए इनके द्वारा फैलाए जाने वाली बीमारियों के बारे में जान लेते हैं
मच्छरों के काटने पर ज्यादातर मलेरिया के होने की संभावना होती है। मादा एनाफिलिस मच्छर (female anopheles mosquitoes) के काटने से यह बीमारी लोगों में फैलती है। एनाफिलिस मच्छर (female anopheles mosquitoes) गंदे और दूषित पानी में पनपते हैं। यह मच्छर दिन में नहीं, बल्कि रात में काटते हैं, इसलिए इससे बचने के लिए रात में ज्यादा सावधान रहने की जरुरत है।
विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) के मुताबिक, आमतौर पर संक्रमित मादा एनाफिलिस मच्छर के काटने के 10-15 दिन बाद मलेरिया के लक्षण दिखाई देते हैं। इसलिए इसकी पहचान कर पाने में थोड़ी मशक्कत होती है। इसकी चपेट में आ जाने के बाद मरीज को बुखार, सिरदर्द और ठंड लगने की शिकायत होती है।
कुछ मामलों में ये बीमारी जानलेवा भी हो जाती है। इस तरह के लक्षण महसूस होने पर डॉक्टर से सलाह लें और घर में साफ-सफाई, कूलर के पानी में सही समय पर बदलाव के आलावा आसपास लंबे दिनों तक पानी न ठहरने दें। इन सब के आलावा मच्छरदानी का प्रयोग करें।
डेंगू बुखार एक प्रकार का वायरल फीवर (viral fever) है। यह लोगों में संक्रमित मादा एडीज एजिप्टी मच्छर (aedes aegypti mosquitoes) के काटने से फैलता है। डेंगू बुखार भी खतरनाक बामारी है, और तो और इससे ठीक हो जाने के बाद भी मरीज को कई दिनों तक तकलीफ होती है। इस बीमारी की चपेट में आने के बाद सामान्यतः मरीज में 2 से 7 दिनों के भीतर लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
इसके शुरुआती लक्षण तेज बुखार, सिर में भयानक दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते , मांसपेशियों और जोड़ों में गंभीर दर्द, ग्रथियों (Glands) का सूज जाना है। इनमें से किसी भी लक्षण दिखाई देने पर मरीज को तुरत डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए क्योंकि इसका इलाज आसान नहीं है।
यह भी एक वायरल बीमारी है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, लोगों में चिकनगुनिया का वायरस संक्रमित एडीज एजिप्टी (Aedes aegypti mosquitoes) और एडीज एल्बोपिक्टस (Aedes albopictus mosquitoes) के काटने से फैलता है।
इस सक्रमण का सबसे आम लक्षण बुखार और जोड़ों में दर्द है। इसके आलावा सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द जोड़ो में सूजन या शरीर पर चकत्ते व अन्य लक्षण शामिल हैं।
चिकनगुनिया वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मौजूदा समय में कोई दवा या टीका उपलब्ध नहीं है। इससे बचाव के लिए चिकनगुनिया संक्रमित इलाकों में न जाने, पूरे बदन को अच्छे से ढकने के लिए लंबी बाजू की शर्ट और पैंट पहनने और एयर कंडीशनिंग वाले जगहों पर रहने व अपने खिड़की, दरवाजों पर स्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए। यह बीमारी मरीज को कमजोर बना देती है।
मच्छरो के काटने से फैलने वाली उपरोक्त तीन प्रमुख बीमारियों के आलावा फाइलेरिया, जापानी एन्सेपलाइटिस, जीका वायरस, येलो फीवर व अन्य के होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में मच्छरों की बढ़ती तादाद से बचने के लिए हर जरुरी प्रयास किए जाने चाहिए।
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