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प्रेगनेंसी में कब्ज बन सकती है पाइल्स की वजह, जानिए इससे बचने के उपाय 

गर्भावस्था बहुत सारे परिवर्तनों के साथ आती है। इस दौरान पाचन संबंधी गड़बड़ी और कब्ज के कारण पाइल्स की समस्या भी हो सकती है। 
Published On: 16 Jun 2022, 11:00 am IST
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piles
बवासीर, अक्सर सूक्ष्म लक्षणों के साथ शुरू होते हैं, जो अनुपचारित रहने पर धीरे-धीरे खराब हो सकते हैं।

 

पीरियड या प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान बवासीर या पाइल्स (Piles) होना एक आम समस्या है। इस दौरान शरीर कई तरह के शारीरिक परिवर्तनों से गुजर रहा होता है। अच्छी बात यह है कि इन परिवर्तनों के कारण महिलाओं या उसके बच्चे को बहुत बड़ी स्वास्थ्य समस्या नहीं होती है। इनमें से अधिकांश समस्याएं अस्थायी होती हैं और इनका उपचार किया जा सकता है। ऐसी ही एक समस्या है पाइल्स (Piles in pregnancy) । यहां जानते हैं इसके कारण और समाधान। 

 

प्रेगनेंसी में किसी भी महिला को पाइल्स की समस्या हो सकती है। वहीं प्रसव के दौरान पुश करते समय ये और भी ज्यादा तकलीफ दे सकती है। आमतौर पर यह समस्या बच्चे के जन्म के बाद ठीक हो जाती है। गुरुग्राम के पारस हॉस्पिटल की ऑब्सटेट्रीशियन और गाइनेकोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. मनप्रीत सोधी ने इस बारे में विस्तार से बताया।

 

क्या है प्रेगनेंसी में पाइल्स होने की वजह

 

जैसे-जैसे महिलाओं के गर्भ मे पल रहा बच्चा बड़ा होता जाता है, गर्भाशय या यूट्रस भी बड़ा होता जाता है। इससे पेल्विस पर दबाव पड़ता है। इस विस्तार के परिणामस्वरूप एनस और रेक्टम के आसपास की नसों पर बहुत अधिक दबाव पड़ने लगता है। इससे आप ब्लोटेड महसूस करने लगती हैं। आराम और बॉडी की सहजता समाप्त हो जाती है।

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

 

प्रेगनेंसी के दौरान पाइल्स या बवासीर होने के दो कारण हैं:

 

  1. बॉवेल मोशन के दौरान स्ट्रेस हो जाता है। इसकी वजह से कब्ज हो जाता है। यह पाइल्स होने की सबसे आम वजह है।
  2. प्रेगनेंसी के कारण वजन बढ़ जाता है। इस वजन को कम करने के लिए कुछ एक्सरसाइज की जाती हैं। इनकी वजह से भी पाइल्स हो सकता है।
  3. यदि आप लंबे समय तक बैठी रहती हैं या लंबे समय तक खड़ी रहती हैं, तो इस वजह से भी पाइल्स हो सकती है।

 

क्या इससे बचा जा सकता है? 

डॉ. मनप्रीत सोधी के अनुसार, प्रेगनेंसी के कारण पाइल्स हो सकती है। इसकी मुख्य वजह कब्ज ही है। इसलिए इससे बचकर आप पाइल्स से भी बच सकती हैं। 

 

  1. हाई फाइबर फूड लें : 

फाइबर से भरपूर फल, सब्जी और अनाज का सेवन करने से न सिर्फ मां-बच्चे को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं, बल्कि कब्ज से राहत भी मिलती है। दरअसल, यह स्टूल को मुलायम बना देता है।

 

  1. खुद को हाइड्रेटेड रखें: 

खूब पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें। कभी भी प्रिजर्वेटिव युक्त ड्रिंक का सेवन न करें। इससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ने की संभावना बनी रहती है। नारियल पानी, नींबू पानी, फलों का रस पीना लाभकारी होता है।

  1. नेचर कॉल को अनसुना न करें

जैसे ही आपकाे जरूरत महसूस हो, बाथरूम जरूर जाएं। उसे दबा कर रखने पर यूट्रस और इंटेस्टाइन में भी प्रॉब्लम हो सकती है। महिलाओं में कब्ज की समस्या नेचर कॉल को दबाने के कारण सबसे अधिक होती है।

  1. लंबे समय तक बैठने या खड़े होने से बचें : 

यदि आप ऑफिस गोअर्स हैं, तो एक सिटिंग में लंबे वक्त तक बैठकर काम न करें। हर घंटे में अपनी सीट से उठकर चहलकदमी कर लें। यदि प्रजेंटेशन देना हो, तो बैठकर दें। किचन में भी लंबे समय तक खड़े होकर काम करने से बचें।

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प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा देर तक खड़े रहने से भी पाइल्स की समस्या हो सकती है। चित्र:शटरस्टॉक
  1. स्टूल सॉफ़्टनर के प्रयोग पर लें डॉक्टर की सलाह: 

यदि आप स्टूल सॉफ़्टनर का प्रयोग करना चाहती हैं, तो अपने गाइनेकोलॉजिस्ट से इस बारे में जरूर पूछ लें। प्रेगनेंसी के दौरान बिना चिकित्सकीय सलाह के किसी भी दवा का प्रयोग खतरनाक साबित हो सकता है।

  1. रोजाना कीगल एक्सरसाइज करें : 

ये एक्सरसाइज यूट्रस, यूरीनरी ब्लैडर और पेल्विक मसल्स को मजबूत करने के लिए किया जाता है। इसे प्रेगनेंसी के दौरान या पोस्ट प्रेगनेंसी के बाद करने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती है

यहां पढ़ें:-डियर मॉम टू बी, प्रेगनेंसी प्लान करने से पहले अपने वेट का रखें खास ध्यान, एक्सपर्ट दे रही हैं परफेक्ट एडवाइज

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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