पीरियड या प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान बवासीर या पाइल्स (Piles) होना एक आम समस्या है। इस दौरान शरीर कई तरह के शारीरिक परिवर्तनों से गुजर रहा होता है। अच्छी बात यह है कि इन परिवर्तनों के कारण महिलाओं या उसके बच्चे को बहुत बड़ी स्वास्थ्य समस्या नहीं होती है। इनमें से अधिकांश समस्याएं अस्थायी होती हैं और इनका उपचार किया जा सकता है। ऐसी ही एक समस्या है पाइल्स (Piles in pregnancy) । यहां जानते हैं इसके कारण और समाधान।
प्रेगनेंसी में किसी भी महिला को पाइल्स की समस्या हो सकती है। वहीं प्रसव के दौरान पुश करते समय ये और भी ज्यादा तकलीफ दे सकती है। आमतौर पर यह समस्या बच्चे के जन्म के बाद ठीक हो जाती है। गुरुग्राम के पारस हॉस्पिटल की ऑब्सटेट्रीशियन और गाइनेकोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. मनप्रीत सोधी ने इस बारे में विस्तार से बताया।
जैसे-जैसे महिलाओं के गर्भ मे पल रहा बच्चा बड़ा होता जाता है, गर्भाशय या यूट्रस भी बड़ा होता जाता है। इससे पेल्विस पर दबाव पड़ता है। इस विस्तार के परिणामस्वरूप एनस और रेक्टम के आसपास की नसों पर बहुत अधिक दबाव पड़ने लगता है। इससे आप ब्लोटेड महसूस करने लगती हैं। आराम और बॉडी की सहजता समाप्त हो जाती है।
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कस्टमाइज़ करेंडॉ. मनप्रीत सोधी के अनुसार, प्रेगनेंसी के कारण पाइल्स हो सकती है। इसकी मुख्य वजह कब्ज ही है। इसलिए इससे बचकर आप पाइल्स से भी बच सकती हैं।
फाइबर से भरपूर फल, सब्जी और अनाज का सेवन करने से न सिर्फ मां-बच्चे को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं, बल्कि कब्ज से राहत भी मिलती है। दरअसल, यह स्टूल को मुलायम बना देता है।
खूब पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें। कभी भी प्रिजर्वेटिव युक्त ड्रिंक का सेवन न करें। इससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ने की संभावना बनी रहती है। नारियल पानी, नींबू पानी, फलों का रस पीना लाभकारी होता है।
जैसे ही आपकाे जरूरत महसूस हो, बाथरूम जरूर जाएं। उसे दबा कर रखने पर यूट्रस और इंटेस्टाइन में भी प्रॉब्लम हो सकती है। महिलाओं में कब्ज की समस्या नेचर कॉल को दबाने के कारण सबसे अधिक होती है।
यदि आप ऑफिस गोअर्स हैं, तो एक सिटिंग में लंबे वक्त तक बैठकर काम न करें। हर घंटे में अपनी सीट से उठकर चहलकदमी कर लें। यदि प्रजेंटेशन देना हो, तो बैठकर दें। किचन में भी लंबे समय तक खड़े होकर काम करने से बचें।
यदि आप स्टूल सॉफ़्टनर का प्रयोग करना चाहती हैं, तो अपने गाइनेकोलॉजिस्ट से इस बारे में जरूर पूछ लें। प्रेगनेंसी के दौरान बिना चिकित्सकीय सलाह के किसी भी दवा का प्रयोग खतरनाक साबित हो सकता है।
ये एक्सरसाइज यूट्रस, यूरीनरी ब्लैडर और पेल्विक मसल्स को मजबूत करने के लिए किया जाता है। इसे प्रेगनेंसी के दौरान या पोस्ट प्रेगनेंसी के बाद करने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती है।