कोरोनावायरस के आंकड़े धीरे-धीरे कम हो रहे हैं। एक तरफ जहां ये खबर राहत दे रही है, वहीं दूसरी ओर डेंगू बुखार के बढ़ते आंकड़े चिंता बढ़ा रहे हैं। डेंगू फीवर (Dengue Fever) जिसे ‘हड्डी तोड़ बुखार’ भी कहां जाता हैं, भारत में तेजी से अपने पैर पसार रहा है। हर साल इस खतरनाक बीमारी के अनियंत्रति हो जाने मुख्य कारण यह हैं कि इसकी वैक्सीन अभी तक उपलब्ध नहीं हैं। दिल्ली सहित कई राज्यों में डेंगू के शिकार लोगों का भर्ती होना जारी है। इसलिए हम आपके उन सभी सवालों के जवाब यहां लेकर आए हैं, जो आप डेंगू के बारे में जानना चाहते हैं।
ये फ्लू जैसी बीमारी डेंगू वायरस के फैलने से होती हैं। सिर दर्द, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी आना, आंखों में दर्द , त्वचा पर लाल चकत्ते होना, आदि डेंगू के कुछ आम लक्षण हैं।
इसलिए मच्छरों से बचना, स्वच्छता बनाए रखना, पानी इकट्ठा न होने देना वे एहतियाती उपाय हैं, जो हमें डेंगू से बचा सकते हैं।
कोरोना के बाद अब डेंगू भारत को अपनी चपेट में ले रहा हैं। हर दूसरे दिन वायरल बुखार से ग्रस्त लोगों की संख्या बढ़ती जा रही हैं। राजधानी दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश और दक्षिण भारत में भी डेंगू का कहर बरकरार हैं। साल 2015 में 99913 लोगों में डेंगू के मामले सामने आए। उसके बाद साल 2016 में 129166 और 2017 में 150482 लोग डेंगू से प्रभावित हुए। इस वर्ष डेंगू के मामलों में भारी बढ़ोतरी हुई हैं।
हाल ही में जारी वेक्टर जनित बीमारियों पर एक सिविक रिपोर्ट के अनुसार, इस सीजन में जुलाई तक डेंगू के कारण 54 मौतें हो चुकी हैं। जबकि 14044 लोग डेंगू से पीड़ित होकर अस्पताल में भर्ती हुए। ये 2018 के बाद से इस अवधि के सबसे अधिक मामले हैं।
डेंगू के मामले में आप फिज़िशियन या अन्य संक्रमण विशेषज्ञ (infectious disease doctor) की सलाह ले सकते हैं।
नहीं, डेंगू संक्रामक रोग नहीं हैं। यह बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने से नहीं फैलता। इसके फैलने का कारण हैं मच्छर। यदि डेंगू वायरस से संक्रमित व्यक्ति को मच्छर काटता हैं, और इसके बाद वह किसी स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है, तो डेंगू होने की संभावना होती है। इस प्रकार डेंगू एक महामारी बन जाता हैं।
जी हां, यह संभव हैं। डेंगू वायरस 4 प्रकार के होते हैं और एक वायरस से संक्रमित होने का मतलब यह नहीं होता कि आप इन्फेक्शन के बाकी स्ट्रेन से सुरक्षित हैं। इसका मतलब हैं कि आपको 4 बार डेंगू फीवर हो सकता हैं। बाद के संक्रमणों से डेंगू के अधिक खतरनाक रूपों का खतरा बढ़ सकता है, जैसे डेंगू शॉक सिंड्रोम (dengue shock syndrome) और डेंगू रक्तस्रावी बुखार (dengue hemorrhagic fever)।
आप ऐसी दवाइयों का छिड़काव कर सकते हैं जिसमे डीट (DEET) यानि डायइथाइल मिथाइल बेंजामाइड (diethyl methyl benzamide) हो। बच्चों और नवजात शिशुओं की उपस्थिति में या उनके आसपास इनका इस्तेमाल करने से बचें। किसी भी मच्छर भगाने की दवाई का उपयोग करने से पहले उसका लेबल अच्छे से पढ़ें।
डेंगू का प्रकोप ज्यादातर उन जगहों पर होता है जहां एडीज मच्छर (aedes mosquito) रहते हैं और पनपते हैं, यानि दुनिया के ट्रॉपिकल (tropical) और सबट्रॉपिकल (subtropical) क्षेत्रों में। इसमें भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान,अफ्रीका आदि देश शामिल हैं। इन जगहों पर आने वाले यात्रियों द्वारा डेंगू के वायरस अन्य क्षेत्रों में प्रवेश कर सकते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंनहीं, यह इलाज कारगर नहीं हैं। चूंकि डेंगू एक वायरस हैं, एंटीबायोटिक्स इसके खिलाफ प्रभावी नहीं हैं। इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
हालांकि डेंगू एक गंभीर बुखार और दर्दनाक स्थिति है, लेकिन यह कोई जानलेवा बीमारी नहीं है। उचित देखभाल के साथ डेंगू से संक्रमित अधिकांश लोग आमतौर पर पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। जब तक कि कोई अन्य जटिलताएं न हों। कुछ मुश्किल मामलों में मौत हो सकती है, लेकिन ऐसे मामले बहुत कम हैं।
नालों को साफ रखकर या अन्य स्थिर जल निकायों को कम करने से डेंगू होने का खतरा कम हो सकता हैं। ये जगह मादा एडीज मच्छरों के पनपने की जगह होती हैं। अतः इनकी सफाई बहुत आवश्यक हैं।
नहीं, यह केवल संक्रमित एडीज मच्छरों के काटने से फैलता हैं।
तो डेंगू जैसी भयानक बीमारी से बचने और इलाज के लिए इन मुख्य सवालों के जवाब को ध्यान रखें और सुरक्षित रहें।
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