ख़बरों की मानें तो कन्नड़ अभिनेत्री स्वाति सतीश ने यह दावा किया कि रूट कैनाल उपचार के असफल होने से उनका चेहरा हफ्तों तक सूजा रहा और विकृत हो गया था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उसने अप्रत्याशित घटना के लिए एनेस्थीसिया और बैक्टीरियल क्लींजिंग इंजेक्शन के गलत क्रम को दोषी ठहराया। पर क्या रूट कैनाल ट्रीटमेंट (Root canal treatment risk) वाकई इतना जोखिम ग्रस्त हो सकता है? आइए एक्सपर्ट से इस बारे में सब कुछ समझने की कोशिश करते हैं।
इससे पहले कि हम यह समझें कि रूट कैनाल उपचार से किस प्रकार के जोखिम जुड़े हैं, आइए जानते हैं कि यह प्रक्रिया है क्या।
रूट कैनाल उपचार या एंडोडोंटिक थेरेपी के लिए सूजन और संक्रमित हिस्से को हटाने, रूट कैनाल की सफाई और बैक्टीरियल क्लींजिंग, बायोकंपैटिबल सामग्री के साथ भरने और सील करना शामिल होता है। यदि आप दांतों की कैविटी को बहुत लंबे समय तक नजरअंदाज करते हैं, तो इस उपचार को अपनाना पड़ सकता है।
डॉ यशस्विनी शेट्टी, एमडीएस, एंडोडोंटिक्स और कंजर्वेटिव डेंटिस्ट्री, अपोलो डेंटल, बन्नेरघट्टा, बेंगलुरु ने हेल्थ शॉट्स को बताया, “यह 95 प्रतिशत से अधिक की सफलता दर के साथ आज की जाने वाली सबसे सुरक्षित और सबसे सफल दंत चिकित्सा प्रक्रियाओं में से एक है।”
सभी चिकित्सा और दंत चिकित्सा प्रक्रियाओं की तरह, इसमें भी कुछ जोखिम शामिल हैं। आपको उचित जागरूकता के साथ दांतों की चिंता को दूर करना होगा।
डॉ शेट्टी के अनुसार, सभी रोगियों को निम्नलिखित जोखिमों के बारे में पता होना चाहिए:
दांत के पल्पी हिस्से को हटाते ही दांत का रंग खराब हो जाता है, क्योंकि इससे दांत की जीवन शक्ति खत्म हो जाती है। क्राउन और वेनियर्स (crowns and veneers) को बिना नुकसान पहुंचाए इसका इलाज किया जाना जरूरी है।
इसके बाद टूथ क्रैकिंग हो सकती है, क्योंकि इलाज के बाद दांत कमजोर हो जाते हैं जिसका कारण प्रक्रिया के दौरान डेंटल पल्प का हटा दिया जाना है। यह दांत के बीच तंत्रिका आपूर्ति और रक्त की आपूर्ति करता है। इसलिए दांत को मजबूत बनाने और उसके भीतर की कार्य प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए रूट कैनाल उपचार के बाद क्राउनिंग की जाती है।
इन्फेक्टेड रूट कैनाल दोबारा संक्रमित हो सकता है। यदि रूट कैनाल से लेकर क्राउनिंग तक साफ और कीटाणुरहित नहीं किया गया हो। यह नैरो कैनाल, कर्व्ड कैनाल ऐनाटॉमी या क्राउन की प्लेसमेंट में हुई देरी के कारण होता है। एक कुशल एंडोडॉन्टिस्ट द्वारा री-रूट कैनाल उपचार द्वारा इसका इलाज किया जा सकता है।
रूट कैनाल में इंस्ट्रूमेंट सेपरेशन भी हो सकता है, क्योंकि कैनाल को साफ करने के लिए बहुत महीन उपकरणों का उपयोग किया जाता है। यह स्थिति कभी-कभी रूट कैनाल उपचार की सफलता को प्रभावित कर सकती है। इसे कुशल एंडोडॉन्टिस्ट द्वारा सेपरेटेड टुकड़े के बाईपास और उन्हें हटाकर मैनेज किया जा सकता है।
यह इलाज का एक बहुत ही जोखिम वाला उपचार है। सोडियम हाइपोक्लोराइट सबसे आम कीटाणुनाशक है जिसका उपयोग कैनाल की सफाई और आकार देने के लिए किया जाता है क्योंकि इसमें शक्तिशाली रोगाणुरोधी गुण होते हैं।
ऊपरी भाग के हिस्से के पास Na0Cl का अनजाने में इंजेक्शन व्यापक डीप होल्स और इरिगेशन के दौरान अत्यधिक दबाव बना सकता है। इसकी ऊतक-घुलनशील (tissue soluble) गुण के कारण, यह ऊतक परिगलन (tissue melting) का कारण बन सकता है। जिससे तीव्र दर्द, लालिमा (redness) और सूजन हो सकती है।
ऊतक क्षति (tissue) को कम करने के लिए लगातार सलाइन इरिगेशन (saline irrigation) के साथ समय रहते हालात का प्रबंधन सर्वोत्तम परिणाम दे सकता है। ओरल पेनकिलर दवाएं दूसरी बार होने वाए संक्रमण को रोकने के लिए दर्द और एंटीबायोटिक दवाओं को कम करने में मदद कर सकती हैं। एडिमा को कम करने के लिए स्टेरॉयड का उपयोग किया जा सकता है।
जैसा कि डॉ शेट्टी बताती हैं, “जोखिम की पहचान और प्रभावी उपचार योजना एक सफल रूट कैनाल उपचार की कुंजी है। ” इसलिए घबराएं नहीं, पर अनुभवी डॉक्टर से ही यह करवाएं।
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