हर महिला एक ऐसे समय से जरूर गुजरती है, जब वह बच्चे नहीं चाहती है, लेकिन गर्भ ठहरने की संभावना बहुत अधिक होती है। बच्चा न चाहने के कई कारण हो सकते हैं। इसमें व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों कारण शामिल हैं। ऐसे मामले में सही बर्थ कंट्रोल उपाय के बारे में मालूम होना बहुत जरूरी है। आपकी सुविधा के लिए ऐसी ही एक तकनीक है बर्थ कंट्रोल पैच। अगर आप इसे आजमाना चाहती हैं और आपके मन में कोई सवाल है, तो आपकी मदद के लिए हेल्थ शॉट्स यहां हैं। एक स्त्री रोग विशेषज्ञ बर्थ कंट्रोल पैच (Birth control patch) से जुड़ी आपकी सभी आशंकाओं को दूर करने के लिए यहां हैं।
ज्यादातर महिलाएं ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स लेती हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स न केवल गर्भावस्था को रोकती हैं, बल्कि महिलाओं के शरीर में भी बड़े बदलाव का कारण बनती हैं। इसमें मासिक धर्म चक्र में बदलाव, स्किन और मेंटल हेल्थ पर महसूस होने वाले प्रभाव भी शामिल हैं। लेकिन जन्म नियंत्रण पैच (Birth control patch) इनसे कितने अलग हैं, इस बारे में बात कर रहीं हैं रोजवॉक हॉस्पिटल की सीनियर गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. शैली सिंह।
बर्थ कंट्रोल पैच एक छोटा बर्थ कंट्रोल पैच है। एक ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स की तरह इसमें एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन दोनों हार्मोन होते हैं। खाने की बजाय आप पैच को शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे अपनी बाहों, पीठ या जांघों पर चिपका सकते हैं, क्योंकि यह आसानी से चिपकाया जा सकता है। इसलिए इसे ट्रांस-डर्मल बर्थ कंट्रोल पैच भी कहा जाता है।
एक बर्थ कंट्रोल पैच का उपयोग एक सप्ताह के लिए किया जाता है। फिर ठीक 7 दिनों के बाद उसी दिन दूसरा पैच लगा लिया जाता है। उदाहरण के लिए यदि आप रविवार को पैच लगा रही हैं, तो बेहतर होगा कि इसे हर अगले रविवार को बदल लें।
यदि उचित तरीके से उपयोग किया जाए, तो इसकी सफलता दर ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स के समान होती है, जो लगभग 99 प्रतिशत है। कभी-कभी यह गिर सकता है या आप इसे सही समय पर बदलना भूल जाती हैं, तो सफलता दर लगभग 90 प्रतिशत हो सकता है।
ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स के समान बर्थ कंट्रोल पैच सिर दर्द, अवसाद, स्तन में भारीपन और पेट के निचले हिस्से में दर्द पैदा कर सकता है। कभी-कभी इसका उपयोग करने के शुरुआती महीनों में थोड़ी सी स्पॉटिंग भी हो सकती है।
कभी-कभी बर्थ कंट्रोल पैच स्किन रिएक्शन के कारण बन जाते हैं। आपको स्किन रैशेज हो सकते हैं। भारत में बहुत अधिक गर्मी पड़ने के कारण इसका उपयोग नहीं किया जाता है। हम में से अधिकांश लोगों को बहुत पसीना आता है, इसलिए बर्थ कंट्रोल पैच के गिरने की बहुत अधिक संभावना है। आप इसे दिन में किसी भी गतिविधि के दौरान नहीं उतार सकती।
जिन लोगों को ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स लेने के बाद परेशानी होती है, जैसे 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं, ज्यादा स्मोकिंग करने वाली, परिवार में स्तन कैंसर की हिस्ट्री वाली महिलाएं या फिर वेजाइनल ब्लीडिंग, लिवर डिजीज होने पर इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। मोटापे से ग्रस्त महिलाओं को भी बर्थ कंट्रोल पैच का उपयोग करने से बचना चाहिए।
बर्थ कंट्रोल पैच के प्रयोग करने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है।
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